Banke Bihari Corridor: हनुमान जी के दरबार में फरियाद
वृंदावन की कुंज गलियों में इन दिनों सिर्फ राधे-राधे नहीं गूंज रहा, बल्कि Banke Bihari Corridor के नाम पर भक्तों का गुस्सा भी गूंज रहा है। शनिवार को बांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी और व्यापारी परिवार की महिलाओं ने मंदिर के गेट नंबर एक पर ठाकुर के सामने अपनी अर्ज़ी लगाई—
Banke Bihari Corridor: ठाकुर के द्वार पर अरदास!
वृंदावन की पवित्र कुंज गलियों में ठाकुर बांके बिहारी के भक्तों का आक्रोश लावे की तरह फट पड़ा है। 45 दिन से चल रहा Rebellion अब और तेज हो चला है। शनिवार को गोस्वामी समाज और व्यापारी परिवारों की महिलाओं ने मंदिर के मुख्य द्वार पर ठाकुर जी के सामने अर्जी लगाई और बमन पूरी के हनुमान मंदिर में हनुमान जी से गुहार लगाई—‘हमें हमारे ठाकुर जी से जुदा न करो!’ सरकार का बांके बिहारी कॉरिडोर और ट्रस्ट गठन का फरमान इन ब्रजवासियों को रास नहीं आ रहा। वे चीख-चीखकर कह रहे हैं कि ये कॉरिडोर नहीं, बल्कि उनकी आस्था, संस्कृति और कुंज गलियों का विनाश है। क्या सरकार की जिद वृंदावन की आत्मा को कुचल देगी?
Banke Bihari Corridor: हनुमान जी के दरबार में फरियाद
शनिवार का सूरज जैसे ही वृंदावन की कुंज गलियों पर चढ़ा, गोस्वामी समाज और व्यापारी परिवारों की महिलाएं मंदिर के गेट नंबर एक पर इकट्ठा हुईं। अदिति गोस्वामी की आवाज में दर्द और आक्रोश दोनों थे, जब उन्होंने हनुमान मंदिर में ठाकुर जी के परम भक्त से अर्जी लगाई: “हमारी गलती माफ हो, बस हमें हमारे ठाकुर जी से दूर न होने दें।” यह Rebellion सिर्फ कॉरिडोर या ट्रस्ट के खिलाफ नहीं, बल्कि उस ब्रज की आत्मा को बचाने की जंग है, जो सैकड़ों सालों से कुंज गलियों में बसती है। महिलाओं ने जप किया, ‘कुंज बिहारी श्री हरिदास’ का नाम, और हनुमान जी से प्रार्थना की कि सरकार का ये प्रोजेक्ट रुक जाए, वरना वृंदावन की शान मिट्टी में मिल जाएगी।
Banke Bihari Corridor: विकास या विनाश?
Banke Bihari Corridor: हनुमान जी के दरबार में फरियाद
रीना गोस्वामी ने गुस्से में कहा, “हमें न कॉरिडोर चाहिए, न ट्रस्ट। हमें तो बस हमारे ठाकुर जी और हमारी कुंज गलियां चाहिए।” उनका कहना है कि सरकार का ये Rebellion भरा फरमान सिर्फ वीआईपी दर्शन की सैर-सपाटे के लिए है। 500 करोड़ की लागत से बनने वाला ये कॉरिडोर 5 एकड़ में फैलेगा, जिसमें सैकड़ों घर और दुकानें उजड़ जाएंगी। गोस्वामी समाज का डर जायज है—कुंज गलियां, जो भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं की साक्षी हैं, वो हमेशा के लिए मिट जाएंगी। ये गलियां सिर्फ रास्ते नहीं, बल्कि वृंदावन की धड़कन हैं। सरकार का दावा है कि कॉरिडोर से दर्शन आसान होंगे, मगर ब्रजवासी पूछ रहे हैं—क्या आस्था को आधुनिकता की बलि चढ़ाना जायज है?
Banke Bihari Corridor: आंदोलन और तेज होगा
गोस्वामी समाज और व्यापारी परिवारों की ये जंग अब सिर्फ प्रदर्शन तक सीमित नहीं रही। 45वें दिन भी उनका Rebellion कम होने का नाम नहीं ले रहा। वे कहते हैं, “अगर सरकार हमारी बात न माने, तो हम ठाकुर जी को लेकर वृंदावन से पलायन कर जाएंगे।” ये धमकी कोई मामूली बात नहीं। स्वामी हरिदास जी के वंशज, जो सैकड़ों सालों से ठाकुर जी की सेवा कर रहे हैं, अब अपने प्राण न्योछावर करने को तैयार हैं। उनका दावा है कि मंदिर उनकी निजी संपत्ति है, और सरकार का ट्रस्ट गठन उनकी परंपराओं पर कब्जा है। क्या सरकार इन भक्तों की पुकार सुनेगी, या फिर कुंज गलियों की जगह कंक्रीट का जंगल बनाएगी?
Banke Bihari Corridor: ठाकुर की नगरी, भक्तों की शर्त
वृंदावन की कुंज गलियां, जहां हर कदम पर राधा-कृष्ण की लीलाएं गूंजती हैं, अब खतरे में हैं। गोस्वामी समाज और व्यापारी परिवारों का कहना है कि कॉरिडोर सिर्फ इमारतों का विनाश नहीं, बल्कि ब्रज की आत्मा पर चोट है। सरकार का तर्क है कि कॉरिडोर से 60,000 रोजाना और जनमाष्टमी जैसे मौकों पर लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। मगर ब्रजवासी पूछ रहे हैं—क्या सुविधा के नाम पर संस्कृति को मिटाना ठीक है? हनुमान मंदिर में अर्जी लगाने वाली इन महिलाओं का Rebellion अब देश-विदेश तक गूंज रहा है। सवाल ये है कि क्या योगी सरकार इस आक्रोश को शांत कर पाएगी, या फिर वृंदावन की धरोहर हमेशा के लिए खो जाएगी?
लावा फूट पड़ा कितना सही लिखा चारों तरफ विरोध ही विरोध दिख रहा है । 45 दिन में लाख लोग जुड़ चुके सरकार हिल गई है शायद एक दो दिन में पूरा मंत्री मंडल माफी मांगने भी आ सकता है आपके लावा के अनुसार
लावा फूट पड़ा कितना सही लिखा चारों तरफ विरोध ही विरोध दिख रहा है । 45 दिन में लाख लोग जुड़ चुके सरकार हिल गई है शायद एक दो दिन में पूरा मंत्री मंडल माफी मांगने भी आ सकता है आपके लावा के अनुसार