 
                  Reality of Bareilly Drone: ड्रोन मंडराया…अफवाहों का तूफान आया!
रात का सन्नाटा और आसमान में टिमटिमाती लाल-नीली लाइटें — पिछले कई दिनों से बरेली शहर से लेकर गांवों तक लोग दहशत में रात-रात भर जाग रहे थे। वजह? आसमान में उड़ते ड्रोन — जो लोगों के दिलों में खौफ का पर्याय बन गए थे। लेकिन जब सच सामने आया, तो सभी हैरान रह गए—यह ड्रोन नहीं..महज बच्चों के खिलौने थे, जिन्होंने पूरे इलाके को भय के साये में लपेट लिया था।

Reality of Bareilly Drone: ड्रोन ने ऐसा डराया कि हर चौपाल पर गूंजे किस्से
बरेली के थाना किला, फतेहगंज पश्चिमी और बारादरी इलाकों में रात के अंधेरे में आसमान में उड़ती लाइटें दिखाई देतीं। लोग घरों से बाहर निकल आते — सड़कों पर भीड़ जमा हो जाती। कोई कहता – “ड्रोन में कैमरा है, जासूसी हो रही है!” 
तो कोई चोरी और अपराध की आशंका जताने लगता। 
सोशल मीडिया और गांव की चौपालों पर अफवाहों का बाजार गर्म था। 
हर कोई ड्रोन को लेकर अपनी कहानी गढ़ रहा था। 
इसी बीच, फतेहगंज पश्चिमी के गांव मड़ौली में एक घटना ने हड़कंप मचा दिया। रविवार की रात कमल मौर्य के घर की छत पर एक “ड्रोन” गिरा। सुबह उनके बेटे नवनीत ने जब छत पर सोलर प्लेट रखने के लिए कदम रखा, तो “मेड इन चाइना” लिखा एक अजीब सा उपकरण देखकर चौंक गया। शोर मचा, गांव वाले जमा हो गए। सैकड़ों की भीड़ ने इसे ड्रोन समझ लिया। खबर पुलिस तक पहुंची, और डायल-112 की गाड़ियां मौके पर दौड़ पड़ीं।

Reality of Bareilly Drone: दहशत के पीछे निकला बच्चों का खिलौना
पुलिस ने जब उस तथाकथित “ड्रोन” को कब्जे में लिया — तो हकीकत ने सबको हैरान कर दिया। थाना प्रभारी सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया — “यह कोई ड्रोन नहीं, बल्कि बच्चों का खिलौना था। इसमें न तो कैमरा था, न ही कोई खतरनाक उपकरण। बस एक छोटा सा हेलिकॉप्टरनुमा खिलौना, जिसमें रंग-बिरंगी लाइटें जलती थीं।” 
पुलिस का कहना था कि शायद किसी स्थानीय युवक ने मजाक में इसे उड़ाया होगा। इसी तरह, बारादरी और बाकरगंज चौकी क्षेत्र में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आईं। 
थाना बारादरी के प्रभारी निरीक्षक धनंजय पाण्डेय ने बताया — “लोगों ने जिसे ड्रोन समझा वह बच्चों के खेलने वाला सस्ता खिलौना था। इसे चोरी या जासूसी से जोड़ना बिल्कुल गलत है।” 
बाकरगंज में भी पुलिस को एक हेलिकॉप्टरनुमा खिलौना मिला — जिसकी चमकती लाइटों ने रात में लोगों को डरा दिया था।
Reality of Bareilly Drone: सोशल मीडिया पर हर खबर सच नहीं होती!
बरेली में ड्रोन की अफवाहें इस कदर फैलीं कि लोग रात में घरों से बाहर निकलने से भी डरने लगे। अफवाहों ने एक छोटे से खिलौने को खतरनाक ड्रोन में बदल दिया। लोग इसे जासूसी, चोरी, या किसी बड़े खतरे से जोड़ने लगे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और मैसेज ने इस डर को और हवा दी। गांवों में चौपालों पर चर्चाएं, शहर में व्हाट्सएप ग्रुप्स में संदेश—हर जगह ड्रोन का खौफ छाया रहा। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अनजान चीजों को देखकर लोग अक्सर सबसे बुरा सोच लेते हैं। खासकर रात के समय, जब एक छोटी सी लाइट भी रहस्यमयी लगने लगती है। ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक — जिसे लोग पूरी तरह समझते नहीं — आसानी से भय का कारण बन जाती है। बरेली में भी यही हुआ—एक खिलौने को लोग ड्रोन समझ बैठे, और अफवाहों ने इसे खतरनाक बना दिया।
Reality of Bareilly Drone: पुलिस की मानो, जिम्मेदार नागरिक बनो!
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को रात में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही — लोगों को अफवाहों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। एसएसपी ने बताया — “जब भी ड्रोन की सूचना मिलती है, पुलिस मौके पर पहुंचती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ड्रोन नहीं, बल्कि खिलौने या अफवाहें मिलती हैं।” 
उन्होंने यह भी सलाह दी कि शादी-ब्याह और धार्मिक आयोजनों में ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले लोग पहले पुलिस को सूचित करें — ताकि अनावश्यक भय न फैले।

Reality of Bareilly Drone: ना झूठी खबरों में आना, ना झूठ खबरें फैलाना
बरेली की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अफवाहें कितनी तेजी से सच का रूप ले लेती हैं। एक छोटा सा खिलौना — जिसे बच्चे मजे के लिए उड़ाते हैं, पूरे शहर और गांवों में दहशत का कारण बन गया। यह कहानी हमें सिखाती है कि अनजान चीजों को देखकर तुरंत निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। अफवाहों पर भरोसा करने से पहले तथ्यों की जांच जरूरी है। बरेली के लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं — लेकिन यह घटना एक सवाल छोड़ गई—क्या हम अफवाहों के इस जाल से बचने के लिए तैयार हैं — या फिर एक और “ड्रोन” का इंतजार करेंगे?
Written by khabarilal.digital Desk
संवाददाता: अंकुर चौधरी
लोकेशन: बरेली, यूपी
#RealityofBareillyDrone #Drone #Bareilly #Rumours #Fear #Socialmedia #Awareness #बरेली #सोशल मीडिया #जागरूकता #बरेलीपुलिस

 
         
         
         
        