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Rajiv Krishna New DGP UP:: योगी का ‘माफिया मार’ सिपाही, अपराधियों की रीढ़ तोड़ेगा

Rajiv Krishna New DGP UP:: 6 अफसरों वाले घराने का सुपरकॉप
Rajiv Krishna New DGP UP: राजीव कृष्ण कोई मामूली पुलिसवाले नहीं, बल्कि 6 अफसरों वाले घराने के चमकते सितारे हैं, जिनके नाम से माफिया की रूह कांप जाती है! नोएडा में जन्मे और पले-बढ़े राजीव 1991 बैच के IPS अधिकारी हैं, जिनकी बेदाग छवि और कड़क अनुशासन ने उन्हें योगी का चहेता बना दिया। हाल ही में यूपी पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने लाखों अभ्यर्थियों की भर्ती परीक्षा को बिना किसी लफड़े के पूरा करवाकर तारीफ लूटी। इससे पहले DG विजिलेंस के तौर पर राजीव कृष्ण भ्रष्टाचारियों की नींद हराम कर चुके हैं।

राजीव कृष्ण कहां-कहां रहे तैनात?
लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद: SP और DIG के तौर पर राजीव ने गुंडों और माफिया पर नकेल कसी।
केंद्र में प्रतिनियुक्ति: CISF और ITBP में आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ ऑपरेशन लीड किया।
DG विजिलेंस: भ्रष्टाचारियों की खाट खड़ी कर कई बड़े नामों को हिलाया।
पुलिस भर्ती बोर्ड: 2024 में बेदाग भर्ती परीक्षा कराकर राजीव ने अपनी काबिलियत का डंका बजाया।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………योगी से रिश्ता: राजीव कृष्ण और CM योगी आदित्यनाथ का रिश्ता अटूट विश्वास और साझा मिशन का है। योगी की जीरो-टॉलरेंस नीति को लागू करने में राजीव ने हमेशा कमाल दिखाया। 2017 से उनकी रणनीतिक नियुक्तियां—विजिलेंस से भर्ती बोर्ड तक—उनके जिगर का सबूत हैं। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं, “योगी ने राजीव को चुना, क्योंकि वो माफिया को जड़ से उखाड़ने का जज्बा रखते हैं!”

Rajiv Krishna New DGP UP: माफिया की बैंड बजाने का फुलप्रूफ प्लान
हाई-टेक पुलिसिंग: ड्रोन, CCTV, और AI-बेस्ड सर्विलांस से यूपी पुलिस को चाक-चौबंद करना।
बुलडोजर 2.0: योगी के बुलडोजर मॉडल को टर्बो मोड में ले जाकर माफिया की अवैध संपत्ति पर कब्जा और गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्ती।
महिला-बच्चों की सुरक्षा: ‘ऑपरेशन शक्ति’ को और धार देकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर लगाम।
पुलिस सुधार: भ्रष्ट पुलिसवालों को सजा, जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग और संसाधनों का विस्तार।
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.2017 से योगी सरकार ने हत्या में 85%, चोरी में 77%, और डकैती में 41% की कमी लाई थी। राजीव अब ‘ऑपरेशन क्लीन’ जैसे अभियानों से इन आंकड़ों को और नीचे लाएंगे, ताकि माफिया का नामोनिशान मिट जाए। X पर लोग कह रहे हैं, “राजीव कृष्ण का डंडा, माफिया की कब्र का फंडा!”
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Rajiv Krishna New DGP UP: 2027 यूपी चुनाव से पहले माफिया का खात्मा!

माफिया का सफाया: 2017 से अब तक योगी सरकार ने 222 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया और 4,076 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की। राजीव अब इस अभियान को और तेज करेंगे, ताकि 2027 से पहले माफिया की रीढ़ टूट जाए।
चुनावी सुरक्षा: निष्पक्ष और हिंसामुक्त चुनाव के लिए राजीव पुलिस को हाई अलर्ट पर रखेंगे। 2022 के चुनाव में यूपी पुलिस की सख्ती ने हिंसा रोकी, और अब राजीव इसे और पुख्ता करेंगे।
सांप्रदायिक शांति: ATS और STF को और सक्रिय कर सांप्रदायिक हिंसा और माफिया के गठजोड़ को तोड़ने की रणनीति तैयार करेंगे।

इन कदमों के जरिये राजीव कृष्ण सीएम योगी की उम्मीदों पर खरे उतर सकते हैं। इधर राजीव कृष्ण के समर्थन में लोग खुलकर सामने आ रहे हैं, X पर लोग बोल रहे हैं, “2027 से पहले राजीव कृष्ण माफिया की कब्र खोद देंगे, योगी का बुलडोजर रुकेगा नहीं!”
क्यों बने कार्यवाहक DGP? स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं समझिये…
सबके जहन में एक सवाल उठ रहा है कि, सीएम योगी ने राजीव कृष्ण को कार्यवाहक डीजीपी क्यों बनाया,उनकी स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं की।सीएम योगी के इस दांव के पीछे कौन सा सियासी मास्टरस्ट्रोक है?
🔎 संभावित कारण: क्यों नहीं बने स्थायी DGP?
1. 🏛️ UPSC और केंद्र से टकराव
2024 में यूपी सरकार ने DGP नियुक्ति नियम बदले, जिससे UPSC की दखलअंदाजी कम हुई। योगी ने अपने भरोसेमंद सिपाही को कमान देने के लिए कार्यवाहक DGP की चाल चली, ताकि केंद्र का दबाव न पड़े।
2. 📋 सीनियरिटी विवाद
राजीव कृष्ण 1991 बैच के हैं (आपके इनपुट में 1989 गलत था, सुधारा गया), लेकिन कुछ सीनियर अफसर अभी सेवा में हैं या कोर्ट में नियुक्तियों को चुनौती दे सकते हैं। योगी ने विवाद से बचने के लिए कार्यवाहक रास्ता चुना।
3. ⚖️ केंद्र से मंजूरी का इंतज़ार
राज्य सरकार DGP नियुक्त कर सकती है, लेकिन केंद्र की सहमति एक अहम पहलू होती है। खासकर जब मामला बड़ा राज्य और हाई-प्रोफाइल पद का हो। शायद सीएम योगी किसी विवाद से बचना चाहते हों, इसलिए उन्होंने अपने भरोसेमंद सिपाही को कमान देने के लिए कार्यवाहक DGP बनाया, ताकि कहीं कोई सवाल न उठे!
4- प्रशांत कुमार को क्यों नहीं एक्सटेंशन?: प्रशांत कुमार ने 2020 से यूपी में कानून-व्यवस्था को लोहे की मुट्ठी में रखा, लेकिन उनकी रिटायरमेंट (31 मई 2025) के बाद योगी ने नया शेर चुना। राजीव की बेदाग भर्ती और विजिलेंस की सख्ती ने उन्हें टॉप पर पहुंचाया।
5-👨⚖️ स्थायी नियुक्ति का इंतजार:
नई नियमावली के तहत रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की कमेटी स्थायी DGP चुनेगी। तब तक राजीव कार्यवाहक DGP के तौर पर माफिया पर बम बरसाएंगे।
6. 🧾 योगी का ‘टेस्टिंग’ मॉडल?
योगी शायद राजीव कृष्ण के प्रदर्शन को कुछ महीनों तक परखना चाहते हैं। अगर राजीव ने माफिया और अपराध पर लोहा मनवाया, तो स्थायी DGP की कुर्सी उनकी पक्की!
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इधर राजीव कृष्ण की नियुक्ति के बाद सियासी बाण भी छूटने लगे हैं। सपा के अखिलेश यादव ने X पर तंज कसते हुए लिखा है कि, “दिल्ली-लखनऊ की खींचतान की वजह से फिर कार्यवाहक DGP?” लेकिन योगी का जवाब साफ है—राजीव कृष्ण अपराधियों को जड़ से उखाड़ने का जिगर रखते हैं!Rajiv Krishna Acting DGP Uttar Pradesh के तौर पर भले ही नियुक्त हुए हों, लेकिन उनके पास योगी सरकार का भरोसा और प्रशासनिक अनुभव दोनों हैं।सरकार फिलहाल फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, और हो सकता है कुछ महीनों में यह कार्यवाहक पद स्थायित्व में बदल जाए—अगर राजीव कृष्ण ने ‘बुलडोजर इमेज’ को तेज किया।
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