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Railway Negligence: बांदा में मौत और CO का मर जाओ
बांदा का महाराणा प्रताप चौक खून से लाल था — Railway Negligence ने 8 साल के आशीष की सांसें खींच लीं। माँ-बाप सड़क पर लाश रखकर बैठे थे, इंसाफ मांग रहे थे। तभी आए बांदा के CO साहब — उन्होंने एक ऐसा बयान दे मारा जिसने साबित कर दिया कि Railway Negligence से बड़ा ज़हर इस सिस्टम की जुबान में है।
Railway Negligence: CO ने कह दिया — मर जाओ!
जरा सोचिए, एक माँ-बाप जिनका बच्चा रेलवे की लापरवाही में दम तोड़ गया — वो इंसाफ मांगते सड़क पर बैठे हैं। CO साहब आते हैं और फरमाते हैं — ‘जाकर मर जाओ!’ जी हां! मर जाओ! यही Railway Negligence की असली परिभाषा है — हादसा तो बहाना है, सिस्टम की बेशर्मी असली कातिल है।
Railway Negligence: इंसाफ के बदले मिला ज़हर
Railway Negligence से दबकर मर गया आशीष — और उसका परिवार प्रशासन के आगे गिड़गिड़ा रहा था कि साहब, कोई तो सुने। लेकिन CO ने जो कहा वो बांदा की सड़कों से होते हुए पूरे प्रदेश को आईना दिखा गया — ‘मर जाओ!’ यानी रेलवे की गलती पर इंसाफ मांगोगे तो तुम्हारी जगह ज़िंदा लोगों में नहीं, मिट्टी में है!
Railway Negligence: सिस्टम के नाखून में खून
Railway Negligence पर पहले से सवाल थे — करोड़ों का प्रोजेक्ट, जीरो सुरक्षा, न फेंसिंग, न चेतावनी, न सुरक्षा गार्ड। बच्चे खेलते रहे, स्लीपर खिसकता रहा, मौत होती रही। लेकिन हादसे से बड़ा हादसा वो लफ्ज़ थे — ‘मर जाओ!’ CO ने ये नहीं कहा कि दोषी पकड़ेंगे, या कि रेलवे अफसर नपेंगे — बस कह दिया मर जाओ!
Railway Negligence: CO का बयान और लोगों का गुस्सा
CO के बयान के बाद बांदा की गलियों में आक्रोश है। सोशल मीडिया पर #RailwayNegligence और #MarJaoCO ट्रेंड कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं — क्या CO साहब का ये बयान कहां तक जायज है? क्या मरने की सलाह देना पुलिस अफसर को शोभा देता है? Railway Negligence की ऐसी लापरवाही पर परिवार को ढांढस बंधाने और उसका दर्द बांटने के बजाए सीओ साहब का मर जाने की नसीहत देने का बयान कहां तक जायज है।
Railway Negligence: मर जाओ कह देने से लापरवाही धुल जाएगी?
Railway Negligence के पीछे छिपे इंजीनियर, कॉन्ट्रैक्टर, अफसर — सब बच जाएंगे? एक हाइड्रा ड्राइवर फंसेगा और CO साहब जुबान से परिवार को दफना देंगे? बांदा में यही खेल चल रहा है। इंसाफ की जगह लाशों पर थूकना, यही सरकारी रिवाज़ है।
Railway Negligence: CO हटेगा या बयान दफन होगा?
अब सवाल है — क्या बांदा के CO अपने ‘मर जाओ’ बयान पर शर्मिंदा होंगे ? क्या DGP तक रिपोर्ट जाएगी? क्या रेलवे अफसरों को भी खींचा जाएगा? या फिर ये ‘मर जाओ’ भी फाइलों में दफन हो जाएगा — जैसे आशीष का मासूम शरीर मिट्टी में मिला।
Railway Negligence: मर जाओ! — बस यही जवाब?
Railway Negligence के लिए कोई चेतावनी बोर्ड नहीं था — अब इंसाफ मांगने वालों के लिए CO का बोर्ड है — मर जाओ! बांदा के लोग अब यही पूछ रहे हैं आखिर ऐसा बयान मानवता की श्रेणी में कहां फीट बैठता है?
Railway Negligence: खबरीलाल.डिजिटल सवाल पूछेगा
खबरीलाल.डिजिटल पूछता रहेगा कि Railway Negligence का दोषी कौन? CO साहब कहां तक सही है ? जवाब चाहिए — क्योंकि हादसा एक था, पर बयान ने पूरे सिस्टम को नंगा कर दिया।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: दीपक पांडेय
📍 लोकेशन: बांदा, यूपी
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