 
                  चुनाव आयोग पर Rahul Gandhi के गंभीर आरोप: क्या है सच्चाई?
Rahul Gandhi On EC News
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के ‘एनुअल लीगल कॉन्क्लेव’ में उन्होंने दावा किया कि देश में चुनाव आयोग का अस्तित्व ही खत्म हो चुका है. उनके अनुसार, 2014 से ही भारतीय चुनाव प्रणाली में गड़बड़ियां हो रही हैं और हाल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदाता सूचियों में धांधली के सबूत उनके पास हैं.
बिहार में SIR से ख़फ़ा विपक्ष
कांग्रेस, RJD समेत तमाम विपक्षी दल बिहार में हुए SIR से ख़फ़ा है, विपक्ष SIR को लोकतंत्र पर हमला करार दे रहा है. राहुल गांधी भी SIR के मुद्दे पर चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को सवालों के कटघरे में खड़ा कर चुके हैं.
राहुल गांधी के मुख्य आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलना आश्चर्यजनक है. उन्होंने महाराष्ट्र के चुनावों का उदाहरण देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल पूरी तरह हार गए. उनका दावा है कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई, खासकर कर्नाटक में, जहां 40-45 साल की उम्र के मतदाताओं के नाम अचानक जोड़े गए.

राहुल ने घोषणा की कि वो 5 अगस्त को बेंगलुरु में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में इन धांधलियों के सबूत पेश करेंगे. उनके मुताबिक, छह महीने की मेहनत से तैयार ये “एटम बम” चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक लोकसभा क्षेत्र में 6.5 लाख मतदाताओं में से 1.5 लाख फर्जी थे, और मतदाता सूचियों की डिजिटल प्रतियां स्कैन नहीं की जा सकतीं, जो संदेह पैदा करता है.
चुनाव आयोग पर धमकी भरे बयान
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वोट चोरी में शामिल लोगों को रिटायर होने के बाद भी नहीं छोड़ा जाएगा. उन्होंने इसे “राजद्रोह” करार देते हुए कहा कि ऐसे लोग देश के खिलाफ काम कर रहे हैं. इससे पहले भी तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेताओं ने वोटर लिस्ट में अपने नाम न होने की शिकायत की थी, जिसे आयोग ने तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया था.

चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “निराधार और गैर-जिम्मेदाराना” बताते हुए खारिज कर दिया. आयोग का कहना है कि वह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करता है और ऐसी धमकियों पर ध्यान नहीं देता. आयोग ने यह भी कहा कि जब राहुल गांधी को अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए बुलाया गया, तो वह नहीं आए.
Rahul Gandhi के पास हैं सबूत !
राहुल गांधी का कहना है कि उनके पास ठोस सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में धांधली हुई. उनका दावा है कि अगर इन धांधलियों के कारण बीजेपी को 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन पाते. दूसरी ओर, चुनाव आयोग इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है और कहता है कि वह हर चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है.
5 अगस्त का इंतज़ार
राहुल गांधी के 5 अगस्त को बेंगलुरु में सबूत पेश करने के दावे के बाद सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या उनके पास वाकई ठोस सबूत हैं. अगर ये सबूत विश्वसनीय साबित होते हैं, तो यह भारतीय चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठा सकता है. वहीं, अगर ये दावे खोखले साबित हुए, तो विपक्ष की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं.

 
         
         
        