 
                  कांग्रेस नेता Rahul Gandhi का पंजाब दौरा… अमृतसर में डूबी फसलें और टूटे घर देखे. गुरदासपुर में किसानों से मिले. ट्रैक्टर पर सवार हुए…
Gurdaspur : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने सोमवार, 15 सितंबर को Punjab के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया… राहुल सुबह साढ़े 9 बजे Amritsar Airport पहुंचे जहां से वे सीधे घोनेवाल गांव रवाना हुए. यहां उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात की, डूबी फसलें और टूटे घरों का जायजा लिया. इसके बाद Rahul Gandhi गुरदासपुर के गुरचक्क गांव पहुंचे, जहां बांध टूटने से तबाही मची थी… पंजाब दौरे के दौरान उन्होने ने Media से कोई बातचीत नहीं की.
दौरा और प्रमुख गतिविधियां

Rahul Gandhi का यह एक दिवसीय दौरा पंजाब के बाढ़ संकट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का हिस्सा था… उन्होंने प्रभावितों की समस्याएं सुनीं और राहत की मांग की.
अमृतसर में आगमन और घोनेवाल गांव – सुबह साढ़े 9 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे… घोनेवाल में बाढ़ पीड़ितों से मिले… Rahul ने डूबी फसलें और टूटे घर देखे. गांव को बाढ़ ने बुरी तरह प्रभावित किया है जहां सैकड़ों परिवार विस्थापित हो चुके हैं.
गुरुद्वारा बीड़ बाबा बुड्ढा साहिब में माथा टेका – घोनेवाल पहुंचने पर Rahul ने गुरुद्वारे में माथा टेका और प्रार्थना की… यह सिख इतिहास का महत्वपूर्ण स्थल है जहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए शांति की कामना की.
गुरदासपुर का गुरचक्क गांव – अमृतसर से गुरदासपुर पहुंचे… गुरचक्क में बांध टूटने से खेत और घर जलमग्न हो गए. Rahul ने यहां किसानों से मुलाकात की उनकी परेशानियां सुनीं. पैदल चलकर प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया फिर ट्रैक्टर पर सवार होकर अपनी गाड़ी तक गए.
कार्यकर्ताओं के दिया संदेश

Rahul Gandhi के साथ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, अमृतसर MP गुरजीत सिंह औजला और अन्य नेता थे… दौरे के दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए… कांग्रेस नेता का ये दौरा 6 दिन पहले PM Narendra Modi के पंजाब दौरे के बाद हुआ जहां PM ने ₹1,600 करोड़ राहत पैकेज की घोषणा की थी… लेकिन पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इसे अपर्याप्त बताया था.
पंजाब बाढ़ संकट का अवलोकन

Punjab में अगस्त-सितंबर 2025 की भारी बारिश से 1988 के बाद सबसे भयानक बाढ़ आई है… सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर आईं जिससे स्थिति बिगड़ गई…
प्रभावित क्षेत्र – 23 जिलों के 2,097 गांव डूबे… अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर और कपूरथला सबसे ज्यादा प्रभावित.
फसल नुकसान – 1,91,926 हेक्टेयर कृषि भूमि डूबी… धान, सब्जियां और अन्य फसलें बर्बाद.
जनहानि – 52 मौतें, 1.84 लाख लोग विस्थापित… स्वास्थ्य सुविधाओं को ₹780 करोड़ का नुकसान.
आर्थिक क्षति – कुल ₹13,289 करोड़… पंजाब सरकार ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया.

 
         
         
        