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Radha Rani Rail Protest in Vrindavan – आस्था की नगरी में गुस्से का सैलाब
धर्मनगरी वृंदावन में बुधवार को ऐसा नजारा दिखा जिसने सरकार और सांसद दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया। बड़ी संख्या में ब्रजवासी सड़कों पर उतरे और Radha Rani Rail Protest का बिगुल बजा दिया। बाइक रैली निकाली गई, हाथों में तख्तियां थीं और गले से निकल रहे थे गुस्से से भरे नारे। “रेल वापस दो”, “हेमा मालिनी खा गई रेल” और “हेमा मालिनी मुर्दाबाद” की गूंज ने साफ कर दिया कि ब्रजवासी अब चुप बैठने वाले नहीं।
रेल गई, भरोसा भी गया
ब्रजवासियों का आरोप है कि पहले मथुरा-वृंदावन के बीच राधारानी रेल चलती थी, जो यहां की आत्मा थी। लेकिन सांसद हेमा मालिनी ने इसे चौड़े गेज और मेट्रो लेन की योजनाओं में फंसा दिया। नतीजा – रेल बंद हो गई, और मेट्रो का सपना अब तक धरी का धरा है। जनता ने तंज कसते हुए कहा – “फिल्मों में तो रेल पकड़ ली थी, असल में तो हमारी रेल ही खा गईं।” यही वजह है कि अब Radha Rani Rail Protestजनता की आवाज बन चुका है।
Saints Join Radha Rani Rail Protest in Vrindavan – साधु-संतों की हुंकार

यह आंदोलन सिर्फ़ युवाओं और समाजसेवियों तक सीमित नहीं रहा। इसमें साधु-संत और धर्माचार्य भी शामिल हुए। रंगजी मंदिर से शुरू हुई यह बाइक रैली पूरे वृंदावन की गलियों से गुज़री। भगवा वस्त्रधारी संतों ने भी सरकार को चेताया – “राधारानी रेल लौटाओ, वरना आंदोलन और उग्र होगा।” Radha Rani Rail Protest अब धार्मिक आस्था और जनभावना का प्रतीक बन गया है।
UP Government vs Radha Rani Rail Protest – रेल मंत्रालय पर सवाल
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि अगर रेल सेवा बहाल नहीं की गई, तो ब्रजवासी बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। सवाल सिर्फ़ रेल का नहीं है, बल्कि उन वादों का भी है जो चुनाव से पहले किए गए थे। लोग पूछ रहे हैं – “रेल गई, अब मेट्रो कब आएगी? और अगर आई भी, तो क्या वह ब्रज की आत्मा बनेगी?” Radha Rani Rail Protest ने सरकार और सांसद दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
चुनावी जमीन पर दरार
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों में विपक्ष के लिए हथियार बन जाएगा। जनता का गुस्सा साफ कह रहा है – “अगर रेल वापस नहीं आई, तो वोट भी वापस नहीं आएंगे।” यह आंदोलन अब केवल रेलवे की पटरी का सवाल नहीं, बल्कि ब्रजवासियों की आत्मा और विश्वास का सवाल बन गया है। Radha Rani Rail Protest आने वाले समय में सरकार की मुश्किलें और बढ़ाने वाला है।

 
         
         
         
        