 
                  PurneaAirport सीमांचल के लोगों का दशकों पुराना सपना अब हक़ीक़त बनने जा रहा है। रनवे सबसे लंबा, उम्मीदें सबसे ऊंची!
✈️ PurneaAirport: उद्घाटन की घड़ी नज़दीक
पूर्णिया के लोगों को अब पटना और दिल्ली के रेलवे टिकट खिड़की पर लाइन लगाने की ज़रूरत शायद कम हो जाए! PurneaAirport के उद्घाटन की तारीख अब बेहद नज़दीक बताई जा रही है — वैसे तारीख फाइनल नहीं, पर उम्मीद पक्की है।
करीब 46 करोड़ रुपये खर्च करके अंतरिम टर्मिनल तो ऐसे चमकाया जा रहा है कि VIP भी उतरें तो फोटो अच्छी आए!
PurneaAirport Runway: बिहार का सबसे लंबा
कहते हैं सपनों की कोई सीमा नहीं होती, पर रनवे की होती है — और यहां वो भी 2800 मीटर लंबा!
PurneaAirport के रनवे को लेकर अफसरों ने गुरुवार को मैदान में मोर्चा संभाला।
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, एयरपोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन और सचिवालय के अफसरों ने नापजोख कर देखा कि कहीं लंबाई कम तो नहीं पड़ गई!
सीमांचल को PurneaAirport से मिलेगा विकास
मुख्य सचिव बोले — यह हवाई अड्डा सीमांचल के लिए गेम चेंजर होगा।
नेपाल की सरहद से लगे इस इलाके में अब दिल्ली-मुंबई जाना आसान होगा।
अभी तक लोग नेपाल जाते हुए भी सड़क पर धूल फांकते थे — अब सीधे हवाई जहाज़ से, बस टिकिट सस्ता मिल जाए तो!
69 एकड़ ज़मीन और करोड़ों का सपना
सरकार ने 69 एकड़ ज़मीन एयरपोर्ट के लिए झटके में ले ली — किसानों ने भी सपना देखा होगा कि अब खेत से रनवे होगा।
पर असली गेम तो तब है जब मुख्य टर्मिनल का टेंडर भी उड़ान भर ले।
फिलहाल अंतरिम टर्मिनल में ही चाय-कॉफ़ी, बोर्डिंग पास और उम्मीदें, सब सर्व हो रहा है!
सड़क से आसमान तक — तैयारी परखने पहुंचे अफसर
सड़कें भी VIP मूड में बन रही हैं ताकि उड़ने से पहले झटका न लगे।
मुख्य सचिव ने इंजीनियरों को हड़काया — तय समय में काम नहीं हुआ तो VIP रूट पर गड्ढा मिलेगा।
अब देखना है, उद्घाटन पहले होता है या बारिश में कच्ची सड़क बह जाती है!
सीमांचल को मिलेगी उड़ान, व्यापार को पंख
व्यापार, पर्यटन, निवेश — सब को इस PurneaAirport से नई हवा मिलेगी।
शहर के कारोबारी, पढ़ाई करने वाले छात्र, नौकरीपेशा लोग — सबको उम्मीद है कि अब सड़क की धूल से सीधा आसमान का टिकट मिलेगा।
बस एयरलाइन वाले किराया देख कर लिमिट में रखें, वरना लोग फिर ट्रेन ही पकड़ लेंगे!
हवाई सफर के साथ रोजगार की आस
पूर्णिया एयरपोर्ट खुलने से सिर्फ हवाई जहाज़ नहीं उड़ेंगे, बल्कि सीमांचल के युवाओं के सपने भी उड़ान भरेंगे। एयरपोर्ट पर ग्राउंड स्टाफ से लेकर सुरक्षा, कैटरिंग और टैक्सी सर्विस तक, दर्जनों रोजगार के मौके बनेंगे। गाँव-कस्बों के बच्चे अब दिल्ली-मुंबई में नौकरी ढूंढने नहीं भागेंगे, बल्कि यहीं नौकरी करेंगे और यात्रियों को उड़ान का अनुभव देंगे।
सरकार का दावा है कि इस हवाई अड्डे से स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी लाखों रुपये का नया कारोबार पैदा होगा — अब देखना है, जमीनी हकीकत में कितनी उड़ान लगती है।
उम्मीदों की उड़ान, वादों की डोर
पूर्णिया एयरपोर्ट सीमांचल के लोगों के लिए सिर्फ एक इमारत या रनवे नहीं है — यह उस भरोसे की उड़ान है, जो दशकों से लैंडिंग के इंतजार में था। अफसरों ने कहा है कि तय तारीख पर सब चालू होगा — पर बिहार वाले जानते हैं कि फाइल की रफ्तार हवाई जहाज़ से तेज़ नहीं होती!
फिर भी लोग खुश हैं, गाँव-शहर में चर्चा है — ‘अब ट्रेन के धक्के कम, हवाई जहाज़ के टिकट ज्यादा!’
बस यही दुआ है कि उद्घाटन केवल फीता काटने तक न रुके — और सीमांचल को सच में नई ऊँचाई मिले।
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: पूर्णिया,बिहार
🗞️Reporter: उस्मान

 
         
         
         
         
        