Punjab Sacrilege : धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर लगाम – AAP सरकार का ऐतिहासिक विधेयक
खबरीलाल.डिजिटल रिपोर्टर – चंडीगढ़ ब्यूरो
पंजाब ने धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है – सूबे में आम आदमी पार्टी (AAP) की भगवंत मान सरकार ने Punjab Prevention of Offences Against Holy Scripture Act 2025 को मंजूरी दे दी है – जो धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान करता है। इस कानून के तहत बेअदबी के दोषियों को न्यूनतम 10 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है – जिसमें पैरोल या फरलो की कोई गुंजाइश नहीं होगी।
Punjab Sacrilege विरोधी कानून की बड़ी बातें
- कठोर सजा – बेअदबी के दोषियों को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा। यदि अपराध से सांप्रदायिक दंगे भड़कते हैं या जान-माल का नुकसान होता है – तो सजा 20 साल से लेकर आजीवन कारावास और 10-20 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
- बेअदबी की कोशिश – धार्मिक ग्रंथों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों को 3-5 साल की सजा।
- विशेष अदालतें – बेअदबी के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें गठित की जाएंगी – जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, कुरान शरीफ, बाइबल और अन्य धार्मिक ग्रंथों से संबंधित मामलों को प्राथमिकता से निपटाएंगी।
- धार्मिक सेवकों पर सख्ती – ग्रंथी, पाठी, सेवादार, पंडित, मौलवी या पादरी जैसे धार्मिक कर्तव्यों से जुड़े लोग यदि बेअदबी में दोषी पाए जाते हैं – तो उन्हें अधिकतम सजा दी जाएगी।
- माता-पिता की जिम्मेदारी – यदि नाबालिग या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति बेअदबी करता है, तो उसके माता-पिता या अभिभावकों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा।
- साजिश और उकसावे पर कार्रवाई – बेअदबी की साजिश रचने या उकसाने वालों पर भी कठोर कानूनी कार्रवाई होगी।

14 जुलाई को मंजूरी और सदन में पेश – अब होगी चर्चा
सोमवार (14 जुलाई) को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी (Punjab Sacrilege) के खिलाफ कड़े प्रावधान वाले विधेयक को पेश किया। विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा की – ताकि विधेयक में सभी धर्मों की भावनाओं का ध्यान रखा जाए। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने विधेयक की गहन समीक्षा के लिए समय मांगा – जिसे देखते हुए मंगलवार (15 जुलाई) को विधेयक पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार का यह कदम पंजाब में धार्मिक सौहार्द और सामाजिक शांति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
Punjab Sacrilege : पंजाब के लिए क्यों अहम ये कानून?
यह कानून न केवल धार्मिक ग्रंथों की पवित्रता को बनाए रखेगा – बल्कि समाज में शांति और एकता को बढ़ावा देगा। पंजाब – जहां सिख, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदाय एक साथ रहते हैं – वहां यह कानून सामुदायिक तनाव को रोकने और धार्मिक भावनाओं की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विशेष अदालतों के गठन से बेअदबी के मामलों में त्वरित और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित होगा।

Punjab Sacrilege : क्या होती है बेअदबी – जो आया कानून
बेअदबी (Sacrilege) का अर्थ है – किसी धर्म के पवित्र ग्रंथों, प्रतीकों, पूजा स्थलों या धार्मिक भावनाओं का अपमान करना या उन्हें नुकसान पहुंचाना। इसमें धार्मिक ग्रंथों को जलाना, फाड़ना, गलत तरीके से उपयोग करना या धार्मिक समारोहों में बाधा डालना शामिल हो सकता है। Punjab Sacrilege मुद्दा विशेष रूप से संवेदनशील है – क्योंकि विभिन्न धर्मों के पवित्र ग्रंथों जैसे श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, कुरान शरीफ और बाइबल के प्रति गहरी श्रद्धा है। बेअदबी की घटनाएं सामाजिक तनाव और सांप्रदायिक दंगे भड़का सकती हैं – जिससे सामुदायिक शांति को खतरा होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ कड़ा कानून बड़ी भूमिका निभाएगा। हालांकि अभी बिल आया है – ये कानून का रूप तभी लेगा – जब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति के स्तर पर इसे मंजूरी मिले।
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