Corridor विवाद ने वृंदावन की आस्था को एक बार फिर सियासत के रंगमंच पर ला खड़ा किया है। बांके बिहारी मंदिर के पवित्र परिसर में Proposed Corridor और Temple Trust के नाम पर हो रही सरकारी जद्दोजहद से गोस्वामी समाज, तीर्थ पुरोहित और स्थानीय श्रद्धालु आहत हैं। कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ के तीखे तेवरों ने इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़क तक गरमाने की तैयारी कर दी है।
Corridor की कसमकस में बिहारी जी
वृन्दावन। बाँके बिहारी मंदिर, आस्था का वो किला जहां भक्त अपनी मुराद लेकर आते हैं। लेकिन इस बार बिहारी जी के दरबार में भक्तों के साथ राजनीति भी माथा टेकने आ गई। Corridor के नाम पर कॉरिडोर और न्यास ट्रस्ट बनाने की सरकारी कोशिशों ने गोस्वामियों से लेकर तीर्थ पुरोहितों तक की नाक में दम कर रखा है।
Corridor पर कांग्रेस की हुंकार
शुक्रवार को कांग्रेस की सीएलपी लीडर आराधना मिश्रा ‘मोना’ भी वृन्दावन पधारीं। दर्शन के बाद उनका दर्द छलका — “वृंदावन में पहली बार आकर दुखी हूँ, सरकार को क्या सूझा जो स्वामी हरिदास जी की लीला भूमि में Bulldozer चलाना चाहती है? Corridor के नाम पर आस्था का व्यवसायीकरण नहीं होने देंगे।”
गोस्वामियों की आँखों में धूल, Corridor की धुन
आराधना मिश्रा ने तीखा व्यंग्य कसा — “काशी में क्या किया? शिवलिंग तोड़े, मलबा हटाया और खुद को विकास पुरुष बता दिया! अयोध्या में क्या हो रहा है सब देख रहे हैं। अब वृन्दावन को भी वही कॉरिडोर के नाम पर बेच डालोगे?”
उनका कहना था कि अगर मंदिर भव्य चाहिए तो कहीं और 25 एकड़ दीजिए — “बिहारी जी को तो कहीं भी बिठा देंगे, पर लीला भूमि और कुंजगली नहीं दे पाएंगे!”
ProtestCorridor पर विधानसभा में हंगामा तय
पूर्व सीएलपी लीडर प्रदीप माथुर से लेकर दीपक पाराशर और दर्जनों कांग्रेसी नेता आराधना के साथ खड़े दिखे। उन्होंने साफ कहा — “यह मुद्दा विधानसभा सत्र में उठेगा। सरकार ने अगर ProtestCorridor का फैसला वापस नहीं लिया तो कोर्ट से लेकर सड़क तक लड़ाई होगी।”
Corridor से भक्तों की आस्था का Bulldozer मत बनाइए
वृंदावन की कुंजगली, कण-कण में बिहारी जी और उनकी लीला — इसे कॉरिडोर के नाम पर जमींदोज करने की कोशिश भक्त और गोस्वामी किसी कीमत पर नहीं मानेंगे। आराधना मिश्रा ने ऐलान कर दिया है — “मंदिर न्यास और कॉरिडोर पर सियासत बंद करो, प्रभु की लीला से बड़ा कोई प्लान नहीं!”
कहा भी गया है — वृन्दावन में प्रभु हर दीवार, हर ईंट में खेलते हैं — सरकार को चाहिए Bulldozer, भक्तों को चाहिए भरोसा।
बिहारी जी के दरबार में नेताओं की हाजिरी
अब सवाल बड़ा है — क्या Corridor के नाम पर वृंदावन की पहचान पर सरकारी हथौड़ा चलेगा? गोस्वामी हों या तीर्थ पुरोहित, सबका कहना है कि बिहारी जी का रास्ता भक्तों के दिल से होकर जाता है, कॉरिडोर के सीमेंट से नहीं। आराधना मिश्रा की हुंकार ने ये भी साफ कर दिया कि Congress के लिए वृंदावन सिर्फ दर्शन नहीं, आंदोलन का नया ठिकाना बनने वाला है।
Corridor में आस्था बनाम सत्ता का तमाशा
इस बीच गोस्वामी समाज की महिलाओं ने भी चुप्पी तोड़ी — हस्ताक्षर अभियान, धरना और चेतावनी! मतलब साफ है — Corridor का तमाशा यूँ ही चलता रहा तो बिहारी जी के नाम पर वोट माँगने वालों को आस्था की चोट भी मिलेगी और वोट की चोट भी। अब देखना ये है कि सीएम योगी इसे विकास कहेंगे या आस्था पर आघात मानकर ठंडे बस्ते में डालेंगे!
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: बलरामपुर,यूपी
🗞️Reporter: अमित शर्मा
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