 
                  Prayagraj Temple Demolition: प्रयागराज के बड़ी काँटी में 35 साल पुराना शिव मंदिर बिना अनुमति जेसीबी से ढहा, विरोध पर दलितों को जातिसूचक गालियां दी गईं, शिकायत के बाद भी कार्रवाई ठप!
प्रयागराज में मन्दिर तोड़ ‘ठेकेदारी’: जेसीबी चली, शिवलिंग टूटा, जातिसूचक गालियाँ बरसीं —
Prayagraj Temple Demolition:प्रयागराज के यमुना नगर घूरपुर थाना क्षेत्र के गौहनिया चौकी के बड़ी कांटी गांव में वो हुआ जो शायद भगवान शिव ने भी न सोचा होगा। गांव के बीचोबीच खड़े 35 साल पुराने शिव मंदिर पर जेसीबी चढ़ा दी गई — और उड़ा दिया गया आस्था का पता, वो भी बिना परमिशन के!
आरोप सीधे-सीधे हैं — नरेंद्र कुमार तिवारी नाम के ‘ठेकेदार’ ने 6 अज्ञात साथियों संग मिलकर मंदिर को नेस्तनाबूद करवा दिया।
Prayagraj Temple Demolition- ग्राम प्रधान ने खोली पोल
ग्राम प्रधान लालचंद पासी और गांव के धनपत्ती समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि मन्दिर तोड़ने का मकसद साफ था — जमीन पर कब्जा करना!
और जब ग्रामीणों ने विरोध किया, तो नरेंद्र तिवारी ने जातिसूचक शब्दों से नवाज दिया। बोले — तुम जैसे लोग (जातिसूचक शब्द) कब से मन्दिर में पूजा करने लगे? मन्दिर पूजा-पाठ का अधिकार ब्राह्मणों का है, तुम जैसे लोगों का नहीं!”
वाह! ये है नया ‘समरस भारत’?
Prayagraj Temple Demolition- प्रधान को भी दी गाली, धमकी भी
ग्राम प्रधान लालचंद पासी जब माजरा पूछने नरेंद्र तिवारी के पास पहुंचे तो खुद को बीजेपी के बड़े नेताओं का चमचा बताकर तिवारी ने प्रधान को भी जातिसूचक गालियाँ दीं — और धमकाया —
“भाग जाओ नहीं तो जान से मार दूंगा… हमारा उठना-बैठना बीजेपी के बड़े नेता से है, कुछ नहीं कर पाओगे!”
वाह भाई! नेता जी का नाम लो, जेसीबी चलाओ, मन्दिर गिराओ — और दलितों को गाली देकर भगा दो!
Prayagraj Temple Demolition- FIR टंग गई, कार्रवाई गायब!
ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने पूरी घटना की शिकायत घूरपुर थाने में दी है। लेकिन पुलिस साहब भी बड़े ‘समझदार’ निकले — बीजेपी नेता के ‘आशीर्वाद’ के आगे थाना प्रभारी साहब की जबान भी लॉकडाउन में चली गई। न कोई एफआईआर, न कोई गिरफ्तारी — गांव में दहशत जरूर है!

 
         
         
         
        