 
                  Prayagraj News: गंगा-यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुसीबतें बढ़ीं
Prayagraj News: गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में लगभग आधा मीटर की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन राहत की ये खबर बाढ़ पीड़ितों के लिए सुकून नहीं ला सकी.दोनों नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बना हुआ है और हर घंटे 3 से 4 सेंटीमीटर की कमी के बावजूद हालात सामान्य होने में वक्त लग सकता है.
97 बाढ़ राहत शिविर स्थापित

प्रशासन ने 97 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें अब तक करीब 10 हजार से अधिक लोगों ने शरण ली है.लेकिन इन राहत केंद्रों की व्यवस्थाएं लोगों की बढ़ती संख्या के अनुसार नहीं बढ़ सकीं, जिससे पीड़ितों की परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. हालात ये हैं कि शिविरों में रहने वाले लोग खुद को शरणार्थी जैसा महसूस कर रहे हैं.
8 अगस्त तक स्कूल, कॉलेज बंद
शहर के प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से नर्सरी से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 5 अगस्त से 8 अगस्त तक बंद करने का आदेश दिया है.
‘भोजन के पैकेट के लिए धक्का-मुक्की’
शहर के वाईएमसीए स्कूल में स्थापित एक राहत शिविर का ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान जो दृश्य सामने आया, वो चिंता बढ़ाने वाला था. यहां लगभग 1000 लोग शरण लिए हुए हैं, जिनमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग और बीमार लोग भी शामिल हैं.खाने की वितरण व्यवस्था अव्यवस्थित दिखी.लोग भोजन पैकेट के लिए धक्का-मुक्की करते नजर आए.मौके पर एडीएम सिटी पूजा मिश्रा स्वयं मौजूद थीं, लेकिन उनकी उपस्थिति में भी व्यवस्था नियंत्रण से बाहर दिखी.
खाने की गुणवत्ता पर सवाल

लोगों ने शिकायत की कि उन्हें बासी और कम गुणवत्ता वाला भोजन मिल रहा है. बारिश और उमस ने उनकी तकलीफ और बढ़ा दी है.पर्याप्त पंखे न होने के कारण शिविरों में गर्मी और उमस का सामना करना पड़ रहा है.एक ही स्थान पर अधिक लोगों को ठहराए जाने से संक्रमण फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है.
बाढ़ की चपेट में 50 से अधिक मोहल्ले
प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार सदर तहसील के लगभग 50 से अधिक मोहल्ले पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं.इनमें कछार मऊ, सरैया, राजापुर, देह माफी, बेली कछार, मेहदौरी, चांदपुर, सादियाबाद, बघाडा, चिल्लापट्टी, दरियाबाद, म्योराबाद, गोविंदपुर, करैली, असरौली, बम्रौली, गउघाट और फुलवा जैसे इलाके प्रमुख रूप से प्रभावित हैं.
प्रभावी मदद की आवश्यकता
हालांकि प्रशासन राहत कार्यों को लेकर लगातार प्रयासरत है, लेकिन जरूरतें और चुनौतियां दोनों ही बड़ी हैं.ऐसे में बाढ़ पीड़ितों को तुरंत और प्रभावी मदद की आवश्यकता है, ताकि वे इस आपदा से उबरकर एक सामान्य जीवन की ओर लौट सकें.
नन्हे सिंह की रिपोर्ट

 
         
         
        