 
                  Prayagraj Bhim Army-प्रयागराज के करछना में भीम आर्मी के समर्थकों ने नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद के स्वागत में सड़क को अखाड़ा बना डाला। पहले सड़क जाम किया, फिर पुलिस पर पत्थर फेंक कर ज़ख्मी कर दिया और पुलिस की 112 नंबर गाड़ी भी तोड़ दी। कवरेज कर रहे पत्रकारों पर भी हाथ साफ़ कर दिया
भीम आर्मी का करछना में तांडव: सड़क जाम, पत्थरबाज़ी और पुलिस पर कसरत
प्रयागराज | करछना:
कहते हैं सांसद आते हैं तो विकास की बात होती है — लेकिन यहां तो सांसद चंद्रशेखर आज़ाद के आने की खबर पर समर्थक ऐसे उबल पड़े कि सड़क को अखाड़ा बना डाला! करछना के भड़ेवरा बाजार में रविवार को भीम आर्मी समर्थकों ने बताया कि वो सिर्फ नारेबाजी नहीं, पत्थरबाजी भी जानते हैं — वो भी दिल खोलकर!
जैसे ही नगीना सांसद के आने की भनक लगी, समर्थक यूँ सड़कों पर उतरे जैसे सावन में मेंढ़क। बात चक्का जाम से शुरू हुई, लेकिन खत्म कहां! चक्का जाम खुलवाने पहुंची पुलिस के ऊपर भी पत्थरों की बारिश कर दी — बारिश भी ऐसी कि कई पुलिसकर्मी वहीं धराशाई हो गए।
112 नंबर भी नहीं बख्शा
आपातकाल में बचाने वाली पुलिस की 112 नंबर गाड़ी, वही भी भीम आर्मी के गुस्से का शिकार हो गई। गाड़ी की हालत देखकर अब 112 भी मदद मांग रही होगी — कहीं तोड़ने वाले हाथों में भी थोड़ी अक्ल आ जाए।
पत्रकार भी बने निशाना Prayagraj Bhim Army
कवरेज कर रहे पत्रकार भाई साहब सोच रहे थे कि भीम आर्मी की खबर लोगों तक पहुंचाएंगे — लेकिन समर्थकों ने तय कर लिया कि पहले इन्हें ही ‘खबरदार’ कर दो। कैमरे टूटे, माइक उड़े, कुछ तो सीधे अस्पताल पहुंचे।
गांव वाले उतरे बचाव में
पुलिस बची तो कैसे? इलाके के ग्रामीणों ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझी। खुद को भी बचाया और पुलिस व पत्रकारों को भी — वर्ना भीम आर्मी समर्थक तो साफ संदेश लेकर आए थे कि जिसे रोकना है रोक लो, हम तो ‘तोड़फोड़’ की डिग्री लेकर आए हैं!
Prayagraj Bhim Army violence – मौके पर पहुंची फोर्स
गोलमाल के बाद पुलिस ने समझा कि चंद डंडों से बात नहीं बनेगी — तो यमुनानगर, करछना, घूरपुर, कौंधियारा, कीडगंज सब जगह से फोर्स बुला ली गई। लाठीचार्ज हुआ, पत्थरबाज़ों को भगाया गया और फिर क्या था — बचे-खुचे उपद्रवियों को हिरासत में भर लिया गया। अब ठंडे ठंडे पुलिसिया प्यार में पूछताछ जारी है।
Prayagraj Bhim Army violence –बड़ा सवाल..
सवाल बड़ा साफ है — सांसद आएंगे, लोकतंत्र में आना चाहिए — लेकिन समर्थक सड़क को अखाड़ा क्यों बना देंगे? सवाल ये भी कि भीम आर्मी की ये गुंडागर्दी कब तक? और पुलिस को कब तक पत्थर खाना पड़ेगा?
खबरीलाल.डिजिटल पूछता है — सड़क जाम करने वाले अब कौन सा जाम पिएंगे? कानून का या जेल की हवा का? जवाब जल्दी मिलेगा… बस कुछ ‘धारा’ और जोड़नी है!
भीम आर्मी की गुंडागर्दी का ‘काला इतिहास’ Prayagraj Bhim Army
Prayagraj Bhim Army violence – गुंडागर्दी का तमाशा बंद करो!
प्रयागराज के भाड़ेवरा बाजार में भीम आर्मी ने जो तांडव मचाया, वह प्रदर्शन नहीं, बल्कि खुली गुंडागर्दी थी। पुलिस पर पथराव, पत्रकारों पर हमला, और गाड़ियों की तोड़फोड़—यह सब ‘न्याय’ की आड़ में अराजकता का नंगा नाच था। ग्रामीणों की बहादुरी ने स्थिति को संभाला, लेकिन प्रशासन की चुप्पी सवाल उठाती है।
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: प्रयागराज ,यूपी
🗞️Reporter: नन्हे सिंह
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