Karnataka में CM बदलने वाला है ?
कर्नाटक(Karnataka) की राजनीति एक बार फिर गरमाती दिख रही है. कांग्रेस सरकार के भीतर लंबे समय से चल रही अंतर्कलह अब खुले रूप में सामने आ चुका है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक करीब 10 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं, जहां वे आज शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर अपनी मांग को आधिकारिक रूप देंगे.
Karnataka में क्या है विवाद?
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है, और इसी के साथ फिर से सत्ता-हस्तांतरण (Power Sharing) का मुद्दा सामने आ गया है. माना जा रहा है कि 2023 में सरकार बनने के समय CM पद के रोटेशन फॉर्मूला पर अनौपचारिक सहमति बनी थी, जिसके अनुसार ढाई साल बाद डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद सौंपा जाना था.
हालाँकि कांग्रेस ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया, लेकिन शिवकुमार खेमे का दावा है कि अब वादे को पूरा करने का समय आ गया है.

✈️ दिल्ली पहुंचे विधायक
सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार खेमे के प्रमुख नेता—
- मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी,
- विधायक इकबाल हुसैन,
- एच.सी. बालकृष्ण,
- एस.आर. श्रीनिवास,
गुरुवार को दिल्ली रवाना हुए. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को लगभग 12 और विधायक दिल्ली पहुंचेंगे. इससे पहले भी करीब एक दर्जन एमएलसी दिल्ली में रहकर पार्टी के महासचिवों से मिल चुके हैं.
कर्नाटक विवाद की पृष्ठभूमि
जब मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, तब सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कड़ी टक्कर थी. अंततः हाईकमान ने समझौता कराते हुए सिद्धारमैया को CM और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया था. उसी समय रोटेशन फॉर्मूला होने की चर्चाएँ सामने आई थीं, जिसे अब शिवकुमार समर्थक याद दिलाने लगे हैं.
Karnataka में आगे क्या?
नई राजनीतिक हलचल से साफ है कि कर्नाटक कांग्रेस में असंतोष लगातार बढ़ रहा है. अगर हाईकमान ने जल्द कोई समाधान नहीं निकाला, तो ये विवाद राज्य की सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.

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