 
                  Political drama in Firozabad: चुनाव प्रक्रिया पर सवाल, नगर निगम में गड़बड़ी का डर?
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में नगर निगम की कार्यकारिणी के चुनाव के दौरान मंगलवार (29 जुलाई) को सियासी हंगामा मच गया। नगर निगम के जीवाराम हाल में चल रही चुनाव प्रक्रिया के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्ष के पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठकर विरोध जताया। वजह थी मीडिया कर्मियों को कवरेज के लिए हाल से बाहर निकालना – जिसे पार्षदों ने लोकतंत्र की आवाज दबाने की साजिश करार दिया। पार्षदों ने नगरायुक्त रिषीराज पर मनमानी और भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप लगाया….जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया।
Political drama in Firozabad: मीडिया के साथ बदसलूकी, पार्षदों का गुस्सा
नगर निगम परिसर में कार्यकारिणी के चुनाव की कवरेज के लिए पहुंचे मीडिया कर्मियों को प्रशासन ने जीवाराम हाल से बाहर कर दिया। इस घटना से नाराज होकर वार्ड नंबर 28 के पार्षद हरिओम गुप्ता, वार्ड नंबर 50 के अजय गुप्ता, वार्ड नंबर 25 के मुनेंद्र यादव, वार्ड नंबर 57 के शारिक सलीम, वार्ड नंबर 20 के मनोज शंखवार, वार्ड नंबर 40 के देश दीपक यादव और वार्ड नंबर 52 के इमरान मंसूरी ने नगर निगम के बाहर धरना शुरू कर दिया। चार बीजेपी और तीन विपक्षी पार्षदों ने एकजुट होकर नगरायुक्त पर पारदर्शिता की कमी और मीडिया को बाहर निकालकर सच छिपाने का आरोप लगाया।
Political drama in Firozabad: पार्षदों का आरोप: ‘सच छिपाने की साजिश’
धरने पर बैठे पार्षदों ने कहा कि मीडिया को बाहर निकालना एक सुनियोजित साजिश है – जिसका मकसद कार्यकारिणी चुनाव में संभावित गड़बड़ियों को छिपाना है।
बीजेपी पार्षद अजय गुप्ता ने कहा- “नगरायुक्त रिषीराज ने मीडिया को कक्ष से बाहर करवाकर स्पष्ट कर दिया कि वे पारदर्शिता नहीं चाहते। अगर सब कुछ सही है तो मीडिया से क्या डर?”
मुनेंद्र यादव ने जोड़ा- “हम जनता की आवाज हैं, लेकिन हमें बोलने से रोका जा रहा है। यह लोकतंत्र का अपमान है।”
देश दीपक यादव ने भी नगर निगम प्रशासन पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा- “पहली बार देखा कि चुनाव प्रक्रिया से मीडिया को बाहर किया गया। यह जनता के साथ धोखा है।”
Political drama in Firozabad: नगरायुक्त की चुप्पी, सवाल बरकरार
पार्षदों के गंभीर आरोपों के बीच नगरायुक्त रिषीराज से संपर्क करने की कोशिश की गई – लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। उनकी चुप्पी ने मामले को और संदिग्ध बना दिया। पार्षदों का कहना है कि अगर चुनाव प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है, तो मीडिया को बाहर निकालने की क्या जरूरत थी? उन्होंने मांग की कि चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए और मीडिया को कवरेज की अनुमति दी जाए।
Political drama in Firozabad: बीजेपी-विपक्ष एक हो गए!
आमतौर पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े रहने वाले बीजेपी और विपक्षी पार्षद इस मुद्दे पर एकजुट नजर आए। सात पार्षदों ने संयुक्त रूप से धरना देकर नगर निगम प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। उनका कहना है कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है – और अगर उनकी आवाज को दबाया जाएगा – तो नगर निगम में उनकी मौजूदगी का कोई मतलब नहीं रह जाता। इस घटना ने फिरोजाबाद में सियासी माहौल को गर्म कर दिया है – और नगर निगम प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤संवाददाता: मुकेश कुमार बघेल
📍लोकेशन: फिरोजाबाद, यूपी
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