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सब कुछ बिकाऊ है, बस गरीबी नहीं – PM Awas Yojana Scam in Pilibhit
PMAY Scam update
मरौरी ब्लॉक, पीलीभीत। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY Scam) अब गरीबों की उम्मीद नहीं, भ्रष्टाचारियों की तिजोरी बन चुकी है। रुपपुर सैजना गांव में जो हुआ, वह सिर्फ शर्मनाक नहीं, सरकारी व्यवस्था का नंगा नाच है। यहां एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के लिए जोड़ी गई 30 हजार रुपये की रकम सचिव और प्रधान ने इस अंदाज़ में डकार ली, जैसे वह किसी ठेके की वसूली हो!
डिलीवरी की रकम निगल गया सचिव – सरकारी लूट का नया अध्याय! PMAY Scam
पीड़िता ममता देवी का नाम PMAY सूची में था, सर्वे भी हो चुका था। लेकिन 24 जुलाई की शाम, जब उसका पति मजदूरी पर गया था, उसी समय सचिव (नाम: विकास पांडे) की कृपा से प्रधान का देवर आ धमका – फरमान जारी हुआ: “तीस हजार रुपये दो, तभी आवास मिलेगा!”
जिस पैसे से महिला की डिलीवरी होनी थी, वो अब सचिव की दावत बन गया। ऐसे भ्रष्टाचार को क्या कहें? ‘सुविधा शुल्क’ या सीधे ‘गर्भवती से लूट’?
जब पैसा मांगा गया वापस, तो मिली धमकी: योजना से बाहर कर देंगे!
गरीब दंपती ने जब पैसा वापस मांगा, तो अधिकारी बनने का नाटक करने वाले प्रधान और सचिव ने जवाब दिया – “योजना से नाम ही काट देंगे!” यानी सरकारी योजनाएं अब ‘दया’ नहीं, ‘धंधा’ बन चुकी हैं, जिसमें गरीब की मजबूरी बिकाऊ माल है।
आरोपी विकास पांडे की सफाई>PMAY Scam
विकास पांडे: “उसके पास दो मकान हैं, गरीब नहीं है।”
वाह पांडे जी! सवाल ये नहीं कि उसके पास कितनी झोपड़ियां हैं, सवाल ये है कि आपकी लालच की भूख कितनी बड़ी है? अब गरीब की परिभाषा भी आप तय करेंगे?
विकास पांडे: PMAY Scam का ‘पोस्टर बॉय’
विकास पांडे का नाम कोई नया नहीं। पहले भी कंजा हरैया गांव में भ्रष्टाचार की पुष्टि हो चुकी है। वहाँ प्रधान के अधिकार छीन लिए गए, लेकिन पांडे जी को इनाम में 5 और पंचायतों की चाबी दे दी गई।
लगता है सरकारी विभागों ने “करप्शन में दक्षता” के लिए पुरस्कार योजना चला रखी है!
जब लूट को सिस्टम से संरक्षण मिले तो वो लूट नहीं, नीति बन जाती है! PMAY Scam
सरकार ने ‘क्रॉस पंचायत सर्वे’ लागू किया ताकि सचिव अपने गांव में रिश्वत न ले सकें। लेकिन सचिवों ने भी ठान ली है कि घूस का GPS भी बदल देंगे — अब एक-दूसरे की पंचायत में घुसकर ही उगाही की जा रही है।
सबसे बड़ा सवाल – विकास पांडे अब तक क्यों बचा है? PMAY Scam
कहीं ये कोई अंदरूनी सेटिंग का मामला तो नहीं? क्यों हर बार पांडे जैसे सचिव शिकायतों के बावजूद बच निकलते हैं? क्या प्रशासन में बैठी कोई अदृश्य छतरी इन्हें शरण दे रही है?
जब PMAY Scam की आंच अजन्मे बच्चे की कोख तक पहुंच जाए, तब ये सिर्फ लोकल खबर नहीं – पूरे सिस्टम की शर्मनाक कहानी बन जाती है।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: शकुश मिश्रा
📍 लोकेशन: पीलीभी, यूपी
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