
Pilibhit News-पीलीभीत में जमीन के लिए तहसील मे परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठी महिला
Pilibhit News:जमीन विवाद में थकी महिला भूख हड़ताल पर, पीलीभीत प्रशासन की बोलती बंद!
Pilibhit News:उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले में एक जमीन विवाद इस कदर उबाल मार गया कि एक महिला माया देवी को भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। मामला सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि सिस्टम की सुस्ती और पुलिसिया निष्क्रियता का है, जिसने इस विवाद को आग में झोंक दिया।

Pilibhit News:👨👩👧👦 परिवार संग सड़क पर: जब प्रशासन कान में रुई ठूंसे बैठा हो

🚫 पुलिस का मौन, प्रशासन का ढीला रवैया: आखिर किसके दम पर गुंडई?
Pilibhit News:माया देवी का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की। कोई FIR नहीं, कोई पूछताछ नहीं। ऐसा लगता है जैसे गांव के कुछ रसूखदारों की मिलभगत से यह मामला दबाने की कोशिश हो रही है। और यही कारण है कि उन्हें अब भूख हड़ताल जैसा बड़ा कदम उठाना पड़ा। माया देवी का कहना है कि,20 मई को उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा था और चेताया था कि अगर 8 दिन में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वो आमरण अनशन पर बैठेंगी। और आज वही हुआ।
Pilibhit News: भूख हड़ताल के बाद प्रशासन में हड़कंप: “अब क्या करें?”
Pilibhit News:जैसे ही जमीन विवाद भूख हड़ताल की खबर मीडिया में आई, तहसील परिसर में अफरा-तफरी मच गई। अफसरों के चेहरों पर हवाईयां उड़ने लगीं। माया देवी को समझाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है, लेकिन वो डटी हैं। उनका कहना है कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
Pilibhit News:💬 माया देवी का दर्द: “जमीन मेरी, दाखिल-खारिज मेरी, फिर भी इंसाफ नहीं मेरा?”
माया देवी का दर्द कड़वा है लेकिन सच्चा है। उनका सवाल है कि– “जब जमीन मेरी है, दस्तावेज मेरे नाम हैं, तो फिर मुझसे ज़मीन क्यों छीनी जा रही है? क्या यूपी में कानून का राज है या नहीं ?”
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर दिखा दिया है कि गांव-कस्बों में जमीन जैसे मसलों पर आज भी “जिसकी लाठी, उसकी भैंस” वाला सिस्टम चल रहा है।
Pilibhit News:📢 क्या यही है “जनता का शासन”? या सिर्फ वोटबैंक का ड्रामा?
Pilibhit News:हर चुनाव में नेता वादा करते हैं कि “अब न्याय होगा, अब गरीब को इंसाफ मिलेगा।” लेकिन पीलीभीत की इस कहानी ने इन वादों की पोल खोल दी है। माया देवी जैसे लोग जब भूख से, अन्याय से और तंत्र की बेरुखी से लड़ रहे हैं, तो यह सवाल बनता है कि हमारे प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ आखिर है कहां?
Pilibhit News:भूख हड़ताल अब एक हथियार, जब कानून बन जाए लाचार
जमीन विवाद को लेकर भूख हड़ताल अब सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं, ये उस हर आम भारतीय की पुकार है जो अपने ही देश में न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।माया देवी की जंग यह बताती है कि लोकतंत्र सिर्फ वोट डालने तक सीमित रह गया है, इंसाफ अब भूख से लड़कर ही मिलता है।
पीलीभीत से सकुश मिश्रा की रिपोर्ट