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Pilibhit News: **Corruption के खिलाफ आवाज उठाने वाले दंपति की खतरे में ज़िंदगी!

Pilibhit News:पीलीभीत के बरखेड़ा कस्बे में उस समय सनसनी फैल गई जब corruption exposure करने वाले स्थानीय पत्रकार इसरार और उनकी पत्नी ने ज़हर खाकर जान देने की कोशिश की। गुरुवार की सुबह इसरार और उनकी पत्नी ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने SDM बीसलपुर, नगर पंचायत चेयरमैन और एक ठेकेदार पर उत्पीड़न और धमकाने का आरोप लगाया। घटना से जुड़े वीडियो में दोनों पति-पत्नी ज़हर पीते दिखाई दे रहे हैं, जो पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है।
Pilibhit News:क्यों सामने आए ज़हर पीने की नौबत?

इसरार का दावा है कि उन्होंने नगर पंचायत बरखेड़ा में भ्रष्टाचार की खबरें उजागर की थीं, जिसे लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया था। इस corruption exposure के बाद, इसरार का आरोप है कि उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही थीं और पुलिस ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की। उनका यह भी कहना है कि घर तक पुलिस पहुंची और परिजनों को बेवजह परेशान किया गया। आखिरकार, सिस्टम से हारकर दंपति ने ज़हर पीने जैसा खौफनाक कदम उठाया।
Pilibhit News: आरोपी अफसर और ठेकेदार ने दी सफाई
SDM बीसलपुर नागेंद्र पांडेय ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह एकतरफा आरोप हैं और पूरे मामले की जांच थानाध्यक्ष को सौंपी गई है। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष श्याम बिहारी भोजवाल और ठेकेदार मोईन हुसैन ने भी खुद को निर्दोष बताया। ठेकेदार ने उल्टे इसरार पर ब्लैकमेलिंग और धमकी देने का आरोप लगाया और पुलिस को 15000 रुपए मांगने की शिकायत दी थी। अब जांच का मुद्दा यह बन गया है कि corruption exposure सच था या ब्लैकमेलिंग?
Pilibhit News:प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़ा सवाल
इस मामले में सवाल यह नहीं है कि कौन दोषी है, बल्कि यह है कि क्या कोई नागरिक corruption exposure करने के बाद सुरक्षित रह सकता है? क्या पत्रकारिता का उद्देश्य अब दमनकारी प्रतिक्रिया झेलने तक सीमित रह गया है? पूरे प्रदेश भर में इस घटना को लेकर जनाक्रोश है और स्थानीय लोगों का कहना है कि सच उजागर करने की कीमत जान देकर नहीं चुकानी चाहिए। महिला की हालत गंभीर है और पूरे कस्बे में दहशत का माहौल है।
Pilibhit News: आत्महत्या की कोशिश, अब न्याय की मांग

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दंपति के परिजनों का आरोप है कि पिछले कई दिनों से उन पर मानसिक और सामाजिक दबाव बनाया जा रहा था। ज़हर पीने से पहले उन्होंने वीडियो में साफ कहा कि अगर उन्हें कुछ होता है तो SDM, चेयरमैन और ठेकेदार जिम्मेदार होंगे। इस प्रकार का corruption exposure, जिसमें पत्रकारों की जान दांव पर लगी हो, न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल उठाता है, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की सेहत पर भी गहरा धब्बा लगाता है।
पीलीभीत से संवाददाता सकुश मिश्रा की रिपोर्ट
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