Land Fraud in Pilibhitएक प्लॉट को तीन बार बेचकर ठगी का तमाशा!
Land Fraud in Pilibhit: पीलीभीत में निकला ‘प्लॉट का पोलिटिकल पांडव’, एक ज़मीन को तीन बार कर दिया गोल
पीलीभीत, संवाददाता-शकुश मिश्रा। जब आप ये सोचते हैं कि जमीन के सौदे में तो “पेपर वर्क” सब कुछ होता है, तभी Pilibhit में Land Fraud जैसी कहानी सामने आती है और बताती है कि असली पेपर तो फर्जी वाले होते हैं। सदर कोतवाली क्षेत्र में एक ऐसे सज्जन निकले जिन्होंने एक ही ज़मीन को तीन अलग-अलग लोगों को बेच डाला—बिल्कुल वैसे ही जैसे एक समोसा तीन दोस्तों में बंटता है, लेकिन यहां सबको लगा पूरा समोसा सिर्फ उसी का है!
जमीन मालिक कन्हैया लाल ने 2021 में दीपक कुमार और उनके भाई शरद कुमार को जमीन बेची। नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज भी हो गया। लगा सब कुछ सही है, लेकिन हकीकत में ये Land Fraud का सिर्फ ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकी थी भाई।
Land Fraud in Pilibhit: जब ज़मीन के टुकड़े हुए ‘भावनाओं’ की तरह, हर किसी को मिला झूठ का हिस्सा
अब देखिए जनाब! ज़मीन बेचने के बाद भी कन्हैया लाल की आत्मा को शांति नहीं मिली। उन्होंने वही ज़मीन एक और बार बेच डाली—इस बार सरताज अहमद और अल्ताफ को, और बदले में मोटा माल वसूल लिया। लेकिन यहां भी नहीं रुके! तीसरी बार फिर वही ज़मीन बेच दी खातून पत्नी मुख्तयार खां को। मतलब ये कि ज़मीन नहीं थी, Buy One Get Two Free ऑफर था!
दीपक कुमार को जब ये भू-प्रपंच समझ में आया, तो उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई और आदेश पर सुनगढ़ी थाने में FIR दर्ज हुई। पुलिस का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए कन्हैया लाल ने तीन बार अलग-अलग नामों से इकरारनामा और बैनामा किया, और हर बार खरीदार को ऐसा महसूस कराया जैसे वो इस धरती पर पहला प्लॉट खरीदने वाला हो।
Land Fraud in Pilibhit: ठगी का तिहरा खेल
अब सवाल ये है: ये प्लॉट था या WhatsApp फॉरवर्ड? सबको मिल गया!
ये पूरा मामला Land Fraud का वो नमूना है, जो सिर्फ कोर्ट-कचहरी की फाइल में नहीं, बल्कि हर शहर के रजिस्ट्रेशन ऑफिस में खुलेआम चलता है। एक ही ज़मीन को बेचते वक्त मालिक की आत्मा नहीं कांपी, शायद उसे लगा वो Netflix की रियल एस्टेट सीरीज़ में एक्टिंग कर रहा है।
शहर के लोग अब कह रहे हैं – “जब एक प्लॉट को तीन लोग अपना समझ रहे हों, तो समझ जाओ कि या तो प्लॉट नकली है… या सारे लोग असली बेवकूफ।”
लैंड फ्रॉड से बचने के 5 आसान उपाय
अब प्लॉट खरीदने से पहले 5 बार सांस लें, 7 बार तहसील जाएं, और 11 बार भगवान का नाम लें!
Land Fraud जैसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि “मकान खरीदना आसान है, लेकिन सही मालिक ढूंढना मिशन चंद्रयान से भी कठिन।” अब सवाल ये नहीं कि कितनी बार ज़मीन बेची गई, सवाल ये है कि क्या ज़मीर भी साथ में बेचा गया?
तो अगली बार जब कोई आपको “सस्ते में प्लॉट” ऑफर करे, तो मुस्कुराइए… और बोलिए:
“भाई साहब, सस्ता तभी होता है जब असली होता है।”
