
Peaceful Eid in Firozabad
सुरक्षा व्यवस्था ऐसी जैसे आतंकी हमला होने वाला हो, लेकिन बकरीद तो अमन का पैगाम लेकर आई!Peaceful Eid in Firozabad
📍फिरोजाबाद यूपी
🎤 संवाददाता: मुकेश कुमार बघेल
बकरीद यानी ईद-उल-अजहा… कुर्बानी का त्योहार… लेकिन इस बार फिरोजाबाद में माहौल ऐसा बन गया जैसे कोई जंगी ऑपरेशन होने वाला हो! सुबह से ही गांधी पार्क, ईदगाह और हर मस्जिद पर पुलिस ऐसे मुस्तैद खड़ी थी जैसे आसमानी फरिश्तों को भी आईडी चेक कराना पड़े!
लेकिन.. अरे जनाब! बकरीद तो अल्लाह के अमन और चैन की दुआओं से शुरू हुई और शांति की मिसाल बनकर खत्म हो गई!
जी हां, Peaceful Eid in Firozabad बनी सुर्खियों की नई मिसाल।
🚓 DM-SSP की ‘ऑनग्राउंड ड्यूटी’: कुर्बानी से पहले अफसरों की ड्यूटी कुर्बान!Peaceful Eid in Firozabad
शहर के डीएम रमेश रंजन से लेकर एसएसपी सौरभ दीक्षित, एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद और नगर आयुक्त ऋषिराज तक… सब सुबह-सवेरे नमाज स्थलों पर कंधे से कंधा मिलाकर ऐसे तैनात थे जैसे UN Peace Mission चला हो!
हर किसी की आंखों में एक ही सवाल – “अब क्या होने वाला है?”
लेकिन हुआ वही जो होना चाहिए – अमन की नमाज, मोहब्बत की दुआ, और शांति का संदेश।
ईद ने दिखाया कि बेहिसाब बंदोबस्त से ज़्यादा असरदार होता है लोगों का भरोसा और भाईचारा।
🧹 सफाई व्यवस्था: कुर्बानी के बाद ‘वेस्ट’ भी VIP ट्रीटमेंट में निपटा!Peaceful Eid in Firozabad
नगर निगम ने दिखाया कि कुर्बानी के बाद की सफाई भी इबादत से कम नहीं!
नगर आयुक्त ऋषिराज खुद मॉनिटरिंग में लगे रहे और पहले से आदेश था – “सड़क पर एक भी टुकड़ा न दिखे!”
कर्मचारियों की फौज पहले से मुस्तैद थी, जैसे कुर्बानी नहीं कोई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होनी हो।
ईद में सफाई भी एक टॉपिक बनी – सोशल मीडिया पर लोग कह उठे – “अब हर त्योहार पर ऐसा ही मैनेजमेंट चाहिए!”
🤝 जनता की परिपक्वता: न उकसावे में आए, न अफवाह में बहे – सिर्फ अमन को अपनाया
इस बार की बकरीद ने ये साबित कर दिया कि फिरोजाबाद की जनता अब समझदार है, भावनाओं से नहीं, विवेक से चलती है।
ना किसी ‘कट्टरता’ का शो ऑफ, ना कोई हुड़दंग, ना ही सोशल मीडिया पर ज़हर।
बस, दुआओं में अमन, रिश्तों में अपनापन और माहौल में शांति।
ईद अब सिर्फ एक त्योहार नहीं, एक संदेश है – “खौफ नहीं, भाईचारे की जरूरत है!”
📸 सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग: ‘कुर्बानी नहीं, शांति की जीत हुई है फिरोजाबाद में!’Peaceful Eid in Firozabad
जहां देश के कई शहरों में तनाव की सुगबुगाहट थी, वहीं फिरोजाबाद बना “ट्रेंडिंग पॉज़िटिव न्यूज़”।
#PeacefulEid, #FirozabadEid2025, #SafeBakrid जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर छा गए।
लोग कहने लगे – “फिरोजाबाद ने दिखा दिया, त्योहार सिर्फ रस्म नहीं, जिम्मेदारी भी है!”
पुलिस की सजगता + प्रशासन की सतर्कता + जनता की समझदारी = फिरोजाबाद में बकरीद बनी मिसाल!
इस बार बकरीद में न कोई अफरा-तफरी, न कोई राजनीतिक बखेड़ा…
बस, ईद की नमाज, कुर्बानी की रस्म और एक शांत फिरोजाबाद की तस्वीर।
आखिर में यही कहना होगा –
“जहां पुलिस को लगा था कुछ बड़ा हो सकता है, वहां तो खुदा ने कह दिया – ‘शांति ही सबसे बड़ी कुर्बानी है!’”