Patna-Raghopur Ganga Pul
23 जून 2025। पटना से राघोपुर की दूरी आज खत्म हो गई, वो भी नाव नहीं, पूरे 6 लेन वाले गंगा पुल से! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज Patna-Raghopur Ganga Pul का लोकार्पण कर जनता को वो तोहफा दे दिया जिसका इंतजार पीढ़ियों से था।
फीता कटा, शिलापट्ट चमका और गंगा के पानी पर 19.76 किलोमीटर की उम्मीद दौड़ पड़ी। यह कोई मामूली पुल नहीं, बल्कि उन गांवों की आवाज है जिन्हें अब तक सिर्फ नावों ने सहारा दिया था।

Patna-Raghopur Ganga Pul -नाव से सड़क तक की कहानी
राघोपुर दियारा—जिसका नाम सुनते ही लोग सोचते थे: “अच्छा वो जहां सिर्फ नाव से पहुंचते हैं?” अब वहां 6 लेन की हाइवे जैसी सड़क जाएगी। मुख्यमंत्री जब निरीक्षण करते हुए पुल के दूसरे छोर यानी राघोपुर पहुंचे, तो तालियों और नारों ने उनका स्वागत किया। कुछ बुजुर्गों की आंखें नम थीं—खुशी की वजह ये थी कि अब अस्पताल ले जाने के लिए नाव का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
Patna-Raghopur Ganga Pul -पुल नहीं, प्रगति की पटरी
मुख्यमंत्री ने कहा, “ये सिर्फ सड़क नहीं, यह विकास की रेखा है। अब यहां कृषि, उद्योग, व्यापार और शिक्षा की रफ्तार तेज होगी।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो बचा है, वो भी तेजी से पूरा हो।
पुल से जुड़नेवाले J.P. Ganga Path के लिंक रोड को एक महीने में पूरा करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
पुराने समय की नाव, अब बीते ज़माने की बात

पहले राघोपुर तक पहुंचने के लिए लोग नाव के भरोसे थे। बारिश, बाढ़, या रात—हर समय नाव ही जीवन रेखा थी। अब उस नाव की जगह ले ली है 6 लेन की सड़क ने।
इस पुल से न केवल राघोपुर के लोग सीधे पटना जुड़ेंगे, बल्कि गांधी सेतु का लोड भी हल्का होगा। उत्तरी और दक्षिणी बिहार की कनेक्टिविटी अब और मज़बूत हो गई है।
Patna-Raghopur Ganga Pul -ट्रैफिक जाम को भी कहा राम राम

पटना के पूर्वी हिस्से में ट्रैफिक का जो जंजाल बना रहता था, अब उसमें भी राहत मिलेगी। लोग सीधे शहर में घुसे बिना ही दूसरे ज़िलों को निकल सकेंगे।
नेताओं और अफसरों की भी रही मौज़ूदगी
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, नंदकिशोर यादव और तमाम वरीय अधिकारी भी मौजूद रहे। सबका चेहरा संतोष से दमक रहा था—क्योंकि आज पुल नहीं, राजनीति की सबसे बड़ी उपलब्धि का उद्घाटन हुआ था।

Patna-Raghopur Ganga Pul अब महज एक पुल नहीं, बल्कि उम्मीद की उस सड़क का नाम है जो नावों को विदाई देकर नए युग का स्वागत करती है। नीतीश कुमार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब इरादा मज़बूत हो, तो गंगा के ऊपर भी सपनों की सड़क बनाई जा सकती है।
