Patna Jan Suraj Crackdown-पटना में जन सुराज ने मंगल पांडे के घर के बाहर स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने मनोज भारती, ललनजी, किशोर कुमार समेत कार्यकर्ताओं को बर्बरतापूर्वक गिरफ्तार किया। सियासत गरमाई, जनता गुस्से में!
संवाददाता-सुजीत सागर। पटना
पटना, 23 जून 2025:।Patna Jan Suraj Crackdown-बिहार की राजधानी पटना में आज सुबह सियासत का रंग लाल हो गया—नहीं, न कोई क्रांति, बल्कि पुलिस की लाठियों का तांडव! जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के सरकारी आवास के बाहर हंगामा करने पहुंचे, मगर उनकी आवाज को पुलिस ने हथकड़ियों में जकड़ लिया। प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, उपाध्यक्ष ललनजी, पूर्व विधायक किशोर कुमार समेत कई नेताओं को बर्बरतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया। ये था बिहार का लोकतंत्र, जहां सवाल उठाओ तो जवाब में लाठी और जेल मिलती है!
आखिर क्यों भड़का जन सुराज?
मामला मुजफ्फरपुर के कुढ़नी रेप कांड से जुड़ा है, जहां एक दलित नाबालिग पीड़िता की मौत ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। जन सुराज का आरोप है कि पटना के पीएमसीएच में पीड़िता को समय पर इलाज नहीं मिला, जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे जिम्मेदार हैं। मनोज भारती की अगुआई में कार्यकर्ता मंगल पांडे के इस्तीफे की मांग लेकर उनके आवास के बाहर पहुंचे। नारे लगे, “मंगल पांडे इस्तीफा दो, बिहार की जनता को जवाब दो!”लेकिन
पुलिस ने नारों को लाठियों से चुप करा दिया।
पुलिस की बर्बरता, सियासत में हंगामा
सड़क पर बैठकर नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं पर पुलिस टूट पड़ी। धक्का-मुक्की, लाठीचार्ज, और फिर हवालात की सैर! मनोज भारती ने गिरफ्तारी से पहले चेतावनी दी, “हम बिहार की जनता की आवाज हैं, हमें चुप नहीं कराया जा सकता!” ललनजी और किशोर कुमार भी पुलिस की गाड़ी में ठूंसे गए, मगर उनका जोश कम नहीं हुआ। जन सुराज ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया।
मंगल पांडे का मौन, विपक्ष का शोर
Patna Jan Suraj Crackdown
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जो कभी कोरोना काल में तारीफ बटोर चुके थे, अब सवालों के घेरे में हैं। जन सुराज के अलावा कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सड़कों पर उतर चुकी है। जून की शुरुआत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगल पांडे के आवास पर गोबर और कालिख फेंककर अपना गुस्सा जाहिर किया था। मगर मंगल पांडे का रवैया वही ढाक के तीन पात! न इस्तीफा, न जवाब, बस खामोशी।
प्रशांत किशोर की रणनीति, सियासत में भूचाल
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर, यानी पीके, इस प्रदर्शन के पीछे की बड़ी ताकत हैं। 2024 में जन सुराज पार्टी बनाकर बिहार की सियासत में कूदे पीके ने मंगल पांडे को निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था “चोरों” के हवाले है, और मंगल पांडे इसका चेहरा हैं। पीके की रणनीति साफ है—स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जनता को गोलबंद करना और 2025 के चुनावों में बड़ा दांव खेलना।
Patna Jan Suraj Crackdown-जनता का गुस्सा, सवाल बरकरार
बिहार की जनता के मन में सवाल है—आखिर कब तक स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर हालत को ढोया जाएगा? पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में अगर समय पर इलाज न मिले, तो गरीब कहां जाए? मुजफ्फरपुर कांड ने ये सवाल और गहरा कर दिया है। जन सुराज का प्रदर्शन भले ही पुलिस की लाठियों से दब गया हो, मगर जनता के दिल में गुस्सा अब भी सुलग रहा है।
Patna Jan Suraj Crackdown-मंगल पांडे का ‘मंगल’ काल?
मंगल पांडे, नाम तो वीर सपूत का, मगर बिहार की सियासत में ये मंगल कब ‘अमंगल’ बन गया, पता ही नहीं चला! कभी हुंकार रैली में सात लाख लोगों को जुटाने वाले पांडे आज अपनी ही कुर्सी बचाने में जुटे हैं। जन सुराज के कार्यकर्ता सड़कों पर पिट रहे हैं, और मंत्री जी शायद अपने लिखे किताब “आरोग्य पथ पर बिहार” के पन्ने पलट रहे होंगे। किताब में बिहार स्वस्थ है, मगर हकीकत में जनता लहूलुहान! पुलिस की लाठियां बता रही हैं—बिहार में आवाज उठाना कितना “मंगलकारी” है!
Patna Jan Suraj Crackdown
Patna Jan Suraj Crackdown-आगे क्या?
जन सुराज ने ऐलान किया है कि वो रुकेगा नहीं। गिरफ्तार नेताओं की रिहाई के लिए पार्टी ने सोशल मीडिया पर #JusticeForBihar ट्रेंड शुरू किया। बिहार की सियासत में 2025 का रण नजदीक है, और ये हंगामा इसका आगाज है। मंगल पांडे की कुर्सी बचेगी, या जन सुराज का तूफान सब उड़ा ले जाएगा, ये वक्त बताएगा।