 
                  एक घंटे की बैठक के बाद सुलझा परम डेयरी भूमि विवाद. फैक्ट्री वहीं रहेगी और Green Belt की स्थिति समायोजित होगी
संवाददाता – सुरेंद्र सिंह भाटी, बुलंदशहर
Bulandshahr : उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में खुर्जा स्थित Param Dairy Limited को लेकर लंबे समय से चल रहे जमीन विवाद पर आज एक बड़ी और अहम बैठक हुई… जिसके लिए उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव Manoj Kumar Singh खुद फैक्ट्री परिसर पहुंचे और अधिकारियों के साथ घंटों तक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में तमाम विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
क्या है पूरा मामला?

यह वही स्थान है जहां साल 1996-97 में एक फैक्ट्री की स्थापना की गई थी. फैक्ट्री के लिए विकास प्राधिकरण की ओर से उद्योग के लिए 16 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई थी जो उस समय ग्रीन बेल्ट घोषित नहीं थी. आज इसी विवादित जमीन को लेकर शासन स्तर पर हलचल देखी गई जब उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह खुद मौके पर पहुंचे. अधिकारियों की एक लंबी समीक्षा बैठक बुलाई गई जिसमें सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी पहलुओं की गहराई से समीक्षा की और अधिकारियों से सख्त सवाल-जवाब भी किए.
बैठक में लिए कई अहम फैसले

लगभग 1 घंटे चली ये बैठक कई अहम फैसले छोड़ गई. मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राधिकरण ने फैक्ट्री के निर्माण के बाद कई बार उसका नक्शा पास किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य वैध है. उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के हालिया आदेश के बाद जो 11 हजार वर्ग मीटर भूमि को लेकर विवाद सामने आया है उस पर सरकार की स्थिति स्पष्ट है. ग्रीन बेल्ट का स्थान इधर-उधर किया जा सकता है लेकिन फैक्ट्री वहीं बेनी रहेगी.
फैक्ट्री वहीं रहेगी – मुख्य सचिव

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ये भी कहा कि लघु उद्योग को किसी भी हालत में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. फैक्ट्री वहीं रहेगी ग्रीन बेल्ट की स्थिति समायोजित की जाएगी. शासन का स्पष्ट निर्देश है कि उद्योग सुचारू रूप से चलता रहे. मुख्य सचिव बोले साल 1996-97 में जब फैक्ट्री बनाई गई थी उस वक्त यह भूमि ग्रीन बेल्ट में नहीं आती थी. अब फैक्ट्री के निर्माण के वर्षों बाद इस क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित किया गया है. ऐसे में ये 16 हेक्टेयर भूमि ग्रीन बेल्ट के अंतर्गत नहीं आएगी.

 
         
         
        