PAKISTAN में गाज़ा पीस प्लान के विरोध में TLP का दांव — हिंसा जारी, साद रिजवी घायल
PAKISTAN में पिछले पांच दिनों से पाकिस्तान की सरकार और गाज़ा शांति (peace) योजना के समर्थन के खिलाफ तेहरिक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी है। इस दौरान कई जगहों पर हिंसक झड़पें हुई हैं, जिसमें सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव बढ़ गया है।

विरोध का कारण और सरकार की भूमिका
PAKISTAN सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गाज़ा शांति योजना का समर्थन किया है। ये समर्थन देश की कई राजनीतिक और धार्मिक पार्टियों को नागवार गुज़र रहा है। TLP के नेता साद हुसैन रिजवी ने इस समर्थन के खिलाफ लाहौर से इस्लामाबाद तक लंबा मार्च किया और सरकार विरोधी, गाज़ा समर्थक एवं इज़रायल विरोधी अभियान को आगे बढ़ाया।
TLP का दावा है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में अब तक 250 से अधिक कार्यकर्ता और नेता मारे गए हैं, जबकि 1,500 से अधिक घायल हुए हैं। हालांकि, ये भी स्पष्ट किया गया है कि अभी तक कोई स्वतंत्र या सरकारी पुष्टि नहीं हुई है।
साद रिजवी पर हमला और उनकी हालत
मार्च के दौरान, TLP ने कहा कि साद रिजवी को तीन गोलियाँ लग गईं। उन्हें तुरंत पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है। उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं ने बताया कि रिजवी फिलहाल जीवन रक्षक देखभाल पर हैं।
Pakistan में हिंसा की घटनाएं और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
- पंजाब प्रांत में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कथित तौर पर 2 पुलिस अधिकारी मारे गए।
- मुरिदके में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर तमाम सख्ती दिखाई — लाठीचार्ज, आंसू गैस का उपयोग और भारी बैरिकेडिंग की गई।
- अधिकतर मुख्य सड़कों को बंद कर दिया गया, और प्रदर्शनकारियों को रोका गया।
- पुलिस ने शनिवार को प्रदर्शनकारियों में से 170 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
- TLP ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने हथियारों का इस्तेमाल किया, जबकि मीडिया कवरेज इस दौरान सीमित रहा।
प्रदर्शन की शुरुआत और आक्रामक रुख
इस प्रदर्शनी की शुरुआत उस समय हुई जब पंजाब पुलिस ने देर रात TLP मुख्यालय पर छापा मारा और साद रिजवी को गिरफ्तार करने की कोशिश की। हालांकि वे भाग निकले, लेकिन इस घटनाक्रम के बाद पुलिस और समर्थकों के बीच झड़पें भड़क उठीं।

TLP ने कहा था:
“गिरफ्तारी कोई समस्या नहीं है, गोलियाँ कोई समस्या नहीं है, शहादत हमारी नियति है।”
TLP की पृष्ठभूमि
- TLP की स्थापना 2015 में खादिम हुसैन रिजवी ने की थी।
- वे पंजाब के धार्मिक प्रशासन में काम करते थे। 2011 में सलमान तासीर की हत्या समर्थित होने के कारण उन्हें नौकरी से हटा दिया गया था।
- 2016 में उन्होंने ईश निंदा कानून के समर्थन में बड़े पैमाने पर देशव्यापी प्रदर्शन किया।
- 2021 में उनके निधन के बाद साद हुसैन रिजवी ने संगठन संभाला।
PAKISTAN में TLP के इन प्रदर्शनों ने न सिर्फ देश के आंतरिक राजनीतिक तनाव को बढ़ाया है बल्कि गाज़ा शांति प्रस्ताव के प्रति व्यापक असंतोष को भी उभारा है। यदि सरकार और विरोधी दलों के बीच बात न बनी, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
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