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Pakistani Spy Network Expose. क्लीन इमेज, नो क्रिमिनल बैकग्राउंड… क्यों ऐसे लोगों को Spy Network में किया शामिल?
Chandigarh : पाकिस्तान की नापाक हरकतों के चलते भारत में मोदी सरकार का चलाया गया Operation Sindoor अब भी जारी है. जिसके चलते ना सिर्फ देश के बाहर के दुश्मनों को जवाब दिया जा रहा है बल्कि देश के अंदर छुपे गद्दारों को भी ढूंढ कर उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है. पाकिस्तान के गुणगान करने वाली भारतीय You tuber Jyoti Malhotra के बारे में तो आप सब अच्छी तरह से वाकिफ हो चुके हैं. अब हम आपको बताने वाले हैं हरियाणा के नूंह के रहने वाले अरमान और तारिफ के बारे में जिन्हे Haryana Police ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा है. 24 साल का अरमान नूंह के ही Private School में टीचर और दूसरा आरोपी मोहम्मद तारिफ फर्जी डॉक्टर बताया जा रहा है. शहर में इन दोनों युवकों की अच्छी खासी इमेज है और दोनों का ही कोई Criminal Record नहीं था.
दोनों के निकले पाकिस्तान में रिश्तेदार
जांच एजेंसियों का मानना है कि ये दोनों वीजा के लिए दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन गए और वहीं से Pakistani Spy Network में शामिल हो गए. जांच में पता चला है कि अरमान और तारिफ किसी बड़े नेटवर्क का छोटा सा हिस्सा हैं. लेकिन इसी के ज़रिए ये दोनों आरोपी एक organised network की तरफ जा रहे थे जिसके तार सीधे पाकिस्तान हाई कमीशन से जुड़े हैं. जांच एजेंसियों का दावा है कि ये नेटवर्क सिर्फ अरमान और तारिफ तक सीमित नहीं है… इसमें ऐसे ग्रुप भी शामिल हो सकते हैं जिनकी देश के सिस्टम में अंदर तक पहुंच हो. ये ग्रुप देश के अंदर की सेंसिटिव जानकारियां दुश्मनों तक पहुंचा सकते हैं. लिहाज़ा इस गैंग में ऐसे लोगों को चुन चुन कर रखा गया है जिनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था. इसी तरह के 11 लोग जासूसी के आरोप में अब तक Haryana, Punjab, UP से पकड़े गए हैं.
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए लोग…

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपी
Jyoti Malhotra – Hisar
Noman Ilahi – Panipat
Devender Singh – Kaithal
Arman & Tarif – Nuh
Sukhpreet Singh – Punjab
Gazala – Malerkotla
Yameen – Malerkotla
Murtza Ali – Jalandhar
नूंह से पकड़े गए राजाका गांव के रहने वाला अरमान 12वीं पास है और उसने ITI का कोर्स किया है. जबकि तावडू का रहने वाला तारिफ बिना किसी मेडिकल डिग्री के बीमार लोगों का इलाज करता था. सूत्रों की मानें तो Haryana Police के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज़ लगे थे जिसमें अरमान के पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के सबूत हैं. उन्हीं दस्तावेज़ों के आधार पर पुलिस को अरमान की रिमांड मिली है. अरमान की तरह ही मोहम्मद तारिफ पर भी Pakistani High Commission के संपर्क में होने और सीक्रेट जानकारी शेयर करने का आरोप हैं. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में अरमान दो बार तो आरिफ तीन बार पाकिस्तान जा चुके हैं और 10-15 दिन रुक कर आए हैं. अब जांच एजेंसियां ये पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर ये दोनों पाकिस्तान क्यों गए थे और क्या इसका कोई सिरा पहलगाम अटैक से कहीं जुड़ता है.
6 महीने में दो बार पाकिस्तान गया अरमान

अरमान की निजी ज़िंदगी की बात करें तो 24 साल के अरमान की 6 साल पहले शादी हुई थी. इसके परिवार में पत्नी, 3 बच्चे और 5 भाई हैं. अरमान के पाकिस्तान जाने पर उसके भाई का कहना है कि वो पिछले कुछ महीनों में 2 बार पाकिस्तान जा चुका है. लाहौर में इनके पिता के रिश्तेदार रहते हैं जिनसे मिलने के लिए अरमान पाकिस्तान गया था. अरमान का पिता गांव के पूर्व सरपंच है जो किसी केस में छत्तीसगढ़ की जेल में बंद है. हरियाणा पुलिस के सूत्रों की मानें तो अरमान ने पूछताछ में जासूसी की बात कबूल की है और उससे अब तक ये जानकारियां पता चली हैं…
- दिल्ली में होने वाले Defence Expo की तैयारी से जुड़ी फोटो 14 अप्रैल को पाकिस्तान के नंबर पर भेजीं.
- डिफेंस एक्सपो में आई कंपनियों के नंबर भी उसने पाकिस्तान के एक संदिग्ध नंबर पर भेजे.
- अरमान ने बताया कि जब वो पाकिस्तान गया था तब वहां के कुछ अधिकारियों से मिला था.
- अरमान के मोबाइल में पाकिस्तान के कुछ नंबर मिले हैं जिनसे वो चैट करता था.
- चैट के बाद अक्सर अरमान सारी बातें डिलीट कर देता था.
- चैट और उनसे जुड़ी लोकेशन रिकवरी के लिए अरमान का मोबाइल फोरेंसिक लैब भेजा गया.
- भारत में मौजूद Pakistani High Commission के अधिकारी दानिश से उसकी बात होती थी.
- अरमान ने कबूल किया है कि जानकारियां देने के बदले उसे दानिश से नकद पैसे मिलते थे.
- अरमान ने दिल्ली, हरियाणा और आसपास की जगहों की फोटो और जानकारियां भेजने की बात कबूल की है जिसमें से ज्यादातर उसने फोनों से रिकवर भी हो गए हैं.
- पाकिस्तानी हाई कमीशन से संपर्क होने के चलते अरमान दूसरे लोगों को वीजा दिलवाकर उनकी पाकिस्तान जाने में मदद करता था.
- अरमान एक साल पहले Pakistani High Commission के संपर्क में आया था. अप पुलिस अरमान को पाकिस्तानी अफसर से मिलवाने वाले को भी ढूंढ रही है.
- साथ ही जिन लोगों को अरमान ने वीजा दिलवाया उनकी भी तलाश की जा रही है.
अब बात फर्ज़ी डॉक्टर मोहम्मद तारिफ की…

नूंह के तावड़ू के कांगरका गांव में रहने वाला मोहम्मद तारिफ 10 भाई-बहन में दूसरे नंबर पर है. तारिफ का भाई बताता है कि वो 3 बार पाकिस्तान गया है. एक साल पहले परिवार में किसी की शादी थी जिसमें तारिफ शामिल होने गया था. साथ में उसकी बीवी बच्चे पिता और बहन भी गए थे. इससे पहले वो कोरोना टाइम पर पाकिस्तान गया था. और उससे पहले 2018 में गया था. तारिफ के बारे में बताया गया है कि वो एक डॉक्टर है. उसने मेडिकल की पढ़ाई नहीं की है लेकिन वो तबीयत खराब होने पर लोगों को दवाई ज़रूर देता था. पुलिस के मुताबिक तारिफ को 17 मई को अरेस्ट किया गया था जबकि उसके परिवार का कहना है कि उसे 16 मई की दोपहर उठाया गया था. उसके भाई के मुताबिक तारिफ बेकसूर है, उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है फिर भी उसे बुरी तरह मारा पीटा जा रहा है. आरोप है कि अरमान की तरह तारिफ भी पाकिस्तान का वीजा दिलवाने में लोगों की मदद करता था. इसमें पाकिस्तानी एंबेसी का अफसर आसिफ बलोच और जफर उसका साथ देते थे. इस काम के बदले तारिफ को करीब दस हज़ार रुपये दिए जाते थे. तारिफ से पूछताछ में पलिस को पता चला है कि…
- मोहम्मद तारिफ 3 बार पाकिस्तान गया है और हर बार वहां 15 से 20 दिन रुका.
- 12 से ज्यादा सिम पाकिस्तान भेजे. कहां और किसे इसकी जांच चल रही है.
- पाकिस्तान जाने के लिए उसने जितने लोगों को वीजा लगवाया उन्हे ढूंढा जा रहा है.
- कुछ पाकिस्तानी नंबरों पर दिल्ली, हरियाणा और आसपास की अहम लोकेशन की फोटो भेजी हैं.
- अरमान की तरह तारिफ ने भी कुछ चैट डिलीट की हैं जिनकी रिकवरी की जा रही है.
- तारिफ ने पाकिस्तान एंबेसी के अधिकारी को सिरसा एयरबेस के फोटो और वीडियो मुहैया करवाए.
नूंह दंगों से जुड़े हैं अरमान और तारिफ के तार?
हरियाणा पुलिस और जांच एजेंसियां अब ये भी पता लगा रही हैं कि क्या 31 जुलाई 2023 को हुए नूंह दंगों में अरमान और तारिफ की कोई भूमिका थी या नहीं? कहीं नूंह दंगों से भी तो दोनों के तार नहीं जुड़ते? जांच एजेंसियों की मानें तो जासूसी के आरोप में अब तक जितने भी लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें से किसी का भी कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. ये एक पैटर्न तय करता है जिससे पता चलता है कि इस काम के लिए खास ऐसे लोगों को चुना गया जिनकी अपने इलाकों में अच्छी इमेज हो और किसी तरह का क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. जैसे कि अरमान और तारिफ का एक जैसा बैकग्राउंड है… दोनों clean image वालें हैं. इनका और इनके परिवार में किसी का criminal background नहीं है. ऐसे ही लोगों को इस बार Pakistani एजेंटों ने अपना निशाना बनाया और भारत के खिलाफ हथियार बना कर इस्तेमाल किया.

 
         
         
        