
Pakistani in Kushinagar
चैनपट्टी गांव में आराम से रह रहा था पाकिस्तानी! सरकारी योजनाओं को चूना लगाकर बन गया “हिंदुस्तानी” – अब पूछो, कौन है असली बेवकूफ़?
लोकेशन- कुशीनगर। संवाददाता-जुगनू शर्मा
Pakistani in Kushinagar — ये सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि देश के सिस्टम पर जड़ से तमाचा है। एक पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक ने दस साल तक कुशीनगर के चैनपट्टी गांव में आराम से रहकर वो सबकुछ किया जो एक हिंदुस्तानी गरीब सपने में भी नहीं कर पाता। आधार कार्ड, आयुष्मान, राशन कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड – सब कुछ जुगाड़ से बनवा लिया। और सरकार? वो या तो सो रही थी या सुविधा शुल्क पर आंखें मूंदे बैठी थी।
Pakistani in Kushinagar के नाम पर आधार से लेकर इलाज तक की डकैती!
पकड़े गए पाकिस्तानी सेराजुल हक ने न सिर्फ फर्जी पहचान बनवाई बल्कि उसका भरपूर इस्तेमाल भी किया। आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाया, राशन कार्ड से सरकारी राशन उठाया और वोटर कार्ड से लोकतंत्र में वोट देने की तैयारी भी कर ली होगी! सोचिए, जब एक विदेशी नागरिक भारतीय बनकर सरकारी योजनाओं का मज़ा ले रहा था, तब असली नागरिक राशन की लाइन में खड़े थे।
और सबसे बड़ा सवाल – क्या ये महज़ फर्जीवाड़ा है? या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छुपी है?
Pakistani in Kushinagar:एलआईयू की कार्रवाई और सिस्टम की खुलती पोल
सेराजुल की गिरफ्तारी कोई रूटीन पुलिसिया कार्रवाई नहीं, बल्कि एलआईयू और पटहेरवा पुलिस की जॉइंट रेड का नतीजा है। लेकिन इससे बड़ा सवाल यह है कि जब एक पाकिस्तानी दस साल तक गांव में रह सकता है, तो क्या सिर्फ वही एक है? या पूरे कुशीनगर में कई Pakistani in Kushinagar जैसे “फर्जी हिंदुस्तानी” घूम रहे हैं?
इस पूरे खेल में शामिल रहे दो और लोग – चाँद अख्तर और शब्बीर आजम – जिनमें से एक फर्जी दस्तावेज़ बनवाने में मदद करता था, दूसरा सीएचसी का संचालक था। यानी सरकार की नाक के नीचे, सरकारी कुर्सी पर बैठकर भारत की पहचान को बेचा जा रहा था।
अब सवाल ये नहीं कि पकड़ा गया, सवाल ये है कि बच कैसे गया 10 साल तक?
जब कोई विदेशी इतना आराम से सरकारी योजनाओं का फायदा उठाए, तो शक जासूसी पर भी जायज हो जाता है। क्या ये पाकिस्तान की ओर से कोई स्लीपर एजेंट था? क्या इसके जरिये भारत की सूचनाएं लीक की जा रही थीं? पुलिस फिलहाल इसकी जांच में जुटी है, लेकिन जनता पूछ रही है – क्या अब हम पहचान पर भी भरोसा करें या शक?
Pakistani in Kushinagar:सिस्टम है या बिकाऊ ठेला?
Pakistani in Kushinagar की गिरफ्तारी हमें बताती है कि सिस्टम सिर्फ फेल नहीं, बल्कि बिक चुका है। अगर वीजा पर आए एक पाकिस्तानी को भारतीय बनाकर, सरकारी योजनाएं परोसी जाती हैं, तो फिर इस देश का नागरिक होना कोई गर्व नहीं, एक भूल बन जाता है।