
Pakistan UNSC Role
Pakistan UNSC Role:”UNSC में पाकिस्तान का प्रमोशन और भारत की खामोशी: आखिर राज क्या है ?”
Pakistan UNSC Role: “लोग कहते हैं—अब दुनिया भारत की सुनती है! लेकिन जनाब… लगता है ये दुनिया किसी और भाषा में सुन रही है, क्योंकि सुनने के बजाय आजकल तो वो पाकिस्तान के लिए तालियां बजा रही है… वो भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘लीडर’ बनाकर! जय हो संयुक्त राष्ट्र की!”
पाकिस्तान को UNSC में VIP ट्रीटमेंट
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में वही पाकिस्तान—जो आतंकियों की माँद है, जिसे ओसामा बिन लादेन ने “आर्मी की छांव में” पाला, अब उसे तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष बना दिया गया।
सिर्फ यही नहीं—9/11 के बाद बनी आतंकवाद निरोधक पैनल में उसे उपाध्यक्ष की कुर्सी और UN Sanctions सिस्टम पर सह-अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है।
अब सवाल ये है कि—क्या UNSC को सच्चाई नहीं दिखती, या फिर कुछ और ही खेला चल रहा है?
आखिर क्यों भारत इसका जवाब नहीं दे रहा है?
विश्व पटल पर भारत का पक्ष मजबूत करने वाले विदेश मंत्री आखिर क्यों इस मामले पर चुप हैं? क्यों खुलकर भारत UN के इस प्रस्ताव का विरोध नहीं कर रहा है?
क्या पाकिस्तान की चाल हमारी विदेशी नीति पर भारी पड़ रही है?
ऐसा कहना गलत होगा,क्योंकि हम जानते हैं कि, आज दुनिया में भारत की साख बढ़ी है, लेकिन जब से ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभाली है, तब से कुछ न कुछ गड़बड़ हो रहा है।
Pakistan UNSC Role: लोन पे लोन, गुनाह पे इनाम
विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक—दोनों ने पाकिस्तान पर मेहरबानियों की झड़ी लगा दी है।
बिगड़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ता आतंकवाद, नकली डॉलर और फर्जी आतंक विरोधी भाषणों के बावजूद पाकिस्तान को लोन मिल रहा है…पाकिस्तान पर हो रही ये मेहरबानी बताने के लिए काफी है कि, कहीं न कहीं कुछ न कुछ खेला जरूर हो रहा है। ये आलम तब है जब भारत खुलकर पाकिस्तान को लोन देने का विरोध कर रहा है। बावजूद इसके पाकिस्तान को लोन मिल जाना भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है।
अमेरिका का डबल गेम
अमेरिका ने आतंकवाद से जुड़े देशों के नागरिकों के लिए वीज़ा पर बैन लगाया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि—पाकिस्तान का नाम उस लिस्ट में है ही नहीं !ये अपने आप में सोचने वाली बात है।
मोदी सरकार आखिर क्यों अमेरिका को आंख नहीं दिखा पा रही है? क्यों उसे पाकिस्तान की मदद करने की सजा नहीं दे पा रही है?
क्या अब भी भारत ‘Vishwaguru’ है, या अब पलट गई है बाज़ी?
दुनिया में आज हर तरफ़ ये कहा जा रहा है कि — हम Vishwaguru बन रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये “गुरु” अब भी क्लास में सबसे पीछे बैठा है?
जब पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी पैनल में VIP बन जाए,
जब अमेरिका भारत को नज़रअंदाज़ कर दे,
और जब चीन खुलेआम UNSC में भारत के ख़िलाफ़ वोटिंग करे…
तो सवाल उठते हैं:
आख़िर हम क्या कर रहे हैं?
हम पाकिस्तान के झूठे दावों को पटखनी क्यों नहीं दे पा रहे हैं?
क्या भारत की विदेश नीति सिर्फ़ कैमरा और झंडे तक सीमित हो गई है?
यहां सवाल ये भी उठता है कि…
क्या अब भी दुनिया हमारी बात सुनती है?
या फिर हम कैमरे के सामने जितना बोलते हैं,
कूटनीति के गलियारों में उतना ही चुप रहते हैं?
Pakistan UNSC Role:वो पाकिस्तान, जिसे हम ‘आतंकी फ़ैक्ट्री’ कहने से नहीं थकते, आज उसी को दुनिया ने आतंक के ख़िलाफ़ ब्रांड एम्बेसडर बना दिया है। यानी एक तरह से उसे आतंकवाद फैलाने का ही सर्टिफ़िकेट दे दिया गया है।
ये कहीं न कहीं भारत के लिए एक बड़ा झटका है — ऐसा झटका जिसकी धमक आने वाले दिनों में गूंजेगी। लिहाज़ा भारत को अब ठोस कदम उठाने होंगे, वरना पाकिस्तान रूपी आतंकी फैक्ट्री से सैकड़ों नहीं, लाखों आतंकी पैदा होंगे… और ये हमारे देश की ज़मीन पर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने से बाज नहीं आएंगे।
अब सोचने का नहीं, कुछ कर गुज़रने का वक़्त है।
मोदी सरकार को चाहिए कि ऐसे कदम उठाए जिससे अमेरिका की भी ज़मीन हिल जाए और पाकिस्तान दुम दबाकर अपनी मांद में जा छुपे। अगर हमने ऐसा नहीं किया, तो दुनिया हमें महज़ भाषण देने वाला देश मानेगी… और पाकिस्तान को चुपचाप “काम” करने वाला।