 
                  पाकिस्तान ने फिर दी भारत को धमकी: PM शहबाज शरीफ बोले- ‘एक बूंद पानी नहीं छीन सकता दुश्मन, जिंदगीभर याद रहेगा सबक‘; 48 घंटे में 3 नेताओं के युद्ध भरे बयान
Islamabad : हाल ही में Operation Sindoor के चलते बुरी तरह पिटने वाले पाकिस्तान का दिमागी संतुलन पूरी तरह बिगड़ चुका है. भारत को फोन करके Ceasefire की भीख मांगने वाला नापाक मुल्क Pakistan एक बार फिर भारत को ललकारने की गुस्ताखी करने लगा है. ये हम नहीं कह रहे… बल्कि Pakistan को गर्त में झोंकने वाले उसके शीर्ष नेता कह रहे हैं और लगातार भारत के खिलाफ युद्ध भरे बयान दिए जा रहे हैं.
अब किसने दी भारत को धमकी?
दरअसल Indus Waters Treaty को भारत द्वारा स्थगित करने के मुद्दे पर पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान के तीन प्रमुख नेताओं – प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भारत को धमकी दी है. यह ताजा विवाद 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था जिसमें 26 मासूम लोगों की जान गई थी. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराते हुए 24 अप्रैल 2025 को 1960 के सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था.
PM शहबाज शरीफ की धमकी

13 अगस्त 2025 को इस्लामाबाद में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के एक कार्यक्रम में बोलते हुए Pakistani PM Shahbaz Sharif ने भारत को “दुश्मन” करार देते हुए कहा, “अगर आपने हमारे पानी को रोकने की धमकी दी तो यह ध्यान रखें कि आप पाकिस्तान से एक बूंद पानी भी नहीं छीन सकते. अगर आपने ऐसी कोशिश की तो पाकिस्तान आपको ऐसा सबक सिखाएगा जिसे आप जिंदगीभर नहीं भूलेंगे”. शरीफ ने सिंधु नदी को Pakistan की “लाइफलाइन” बताया और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत अपने देश के अधिकारों पर कोई समझौता न करने की बात दोहराई… नापाक देश के नापाक पीएम शरीफ भारत के इस कदम को संधि का उल्लंघन करार देते हुए “निर्णायक जवाब” देने की चेतावनी दी है. अब कोई इस चूहे से पूछे कि जब भारत-पाकिस्तान में जंग छड़ ही गई थी तब उसके मुंह से शब्द क्यों नहीं फूटे थे जो अब शोर मचा रहा है.
बिलावल भुट्टो का युद्ध का ऐलान
शहबाज शरीफ से एक दिन पहले, 12 अगस्त 2025 को, Pakistan पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री Bilawal Bhutto ने भी भारत को युद्ध की धमकी दी थी… ये वही भुट्टो है जो भारत के हमले के वक्त सुर बदल कर बात कर रहा था. लेकिन अब फिर से वहीं पुरानी गुस्ताखियां करने लगा है. सिंध प्रांत के मटियारी जिले में हजरत शाह अब्दुल लतीफ भिटाई के उर्स समारोह के समापन पर बोलते हुए बिलावल ने कहा, “भारत का सिंधु जल संधि को निलंबित करना सिंधु घाटी सभ्यता पर हमला है. अगर भारत ने पानी रोका तो Pakistan के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा”. उसने दावा किया कि पाकिस्तान के लोग छह नदियों को वापस लेने के लिए युद्ध लड़ने में सक्षम हैं और “हम कभी झुकेंगे नहीं”.
आसिम मुनीर का परमाणु हमले का बयान

Operation Sindoor के वक्त बिल में छुपने वाला गीधड़ और खुद का प्रमोशन करने वाला पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल Asim Muneer भी आजकल बड़बड़ाने लगा है. जबसे मुनीर को ट्रंप ने लंच पर बुलाया है तब से इसके बोल भी ज़हरीले होने लगे हैं. अमेरिका के टाम्पा, फ्लोरिडा में पाकिस्तानी डायस्पोरा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर भारत ने पानी रोकने के लिए बांध बनाए, तो पाकिस्तान उसे नष्ट कर देगा. मुनीर ने परमाणु हमले की धमकी देते हुए कहा, “हम परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं. अगर हमें लगता है कि हमारा अस्तित्व खतरे में है तो हम आधा विश्व अपने साथ ले डूबेंगे”. मुनीर ने यह भी कहा कि सिंधु नदी भारत की “पारिवारिक संपत्ति” नहीं है और पाकिस्तान के पास भारत के डिजाइनों को विफल करने के लिए संसाधनों की कमी नहीं है.
क्या है सिंधु जल संधि का इतिहास?
सिंधु नदी प्रणाली में छह नदियां – सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज शामिल हैं, जो 11.2 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हैं. इसमें 47% क्षेत्र पाकिस्तान, 39% भारत, 8% चीन और 6% अफगानिस्तान में है. इस प्रणाली पर करीब 30 करोड़ लोग निर्भर हैं. 1947 के बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हुआ था. 1948 में भारत ने दो नहरों का पानी रोक दिया जिससे Pakistan के पंजाब में 17 लाख एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई थी. इसके बाद 1951 से 1960 तक World Bank की मध्यस्थता में बातचीत चली, और 19 सितंबर 1960 को कराची में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान ने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि के तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों पर पूर्ण अधिकार मिले जबकि Pakistan को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मिला.
पाकिस्तान के लिए संधि का महत्व

सिंधु नदी प्रणाली Pakistan की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी है… इस प्रणाली का 80% पानी Pakistan को मिलता है, जो 1.6 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई करता है. अगर भारत पानी रोकता है तो पाकिस्तान की कपास और धान जैसी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है और बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है. इससे Pakistan की अर्थव्यवस्था जो पहले से ही 9 अरब डॉलर के सर्कुलर डेट से जूझ रही है और गंभीर संकट में आ सकती है.
धमकियों पर भारत की प्रतिक्रिया
खोखले और कंगाल Pakistan की खोखली धमकियों को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. विदेश मंत्रालय ने मुनीर की परमाणु धमकी को “पाकिस्तान की पुरानी आदत” बताया और इसे एक दोस्ताना देश (अमेरिका) की धरती से दी गई धमकी पर खेद जताया. Pahalgam Attack का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को Operation Sindoor शुरू किया था जिसमें पाकिस्तान और Pakistan अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए. चार दिनों की भारी गोलीबारी के बाद 10 मई को दोनों देशों ने कथित तौर पर अमेरिकी मध्यस्थता में युद्धविराम पर सहमति जताई.

 
         
         
        