Pakistan में निशाने पर महिलाएं, तैयार कर रहा आतंक का नया चेहरा
पाकिस्तान (Pakistan)में आतंक का नया चेहरा सामने आ रहा है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर अब महिलाओं को आतंकी बनाने की साजिश में जुटा है। इसके लिए उसने ‘तुफत-अल-मुमिनात’ नामक एक नया जिहादी कोर्स शुरू करवाया है, जिसकी कमान उसने अपनी बहन को सौंपी है। बताया जा रहा है कि इस कोर्स में महिलाओं का पहले ब्रेनवॉश किया जाएगा और फिर उन्हें आतंक की राह पर धकेला जाएगा।
मसूद अजहर लंबे समय से पाकिस्तान में छिपा हुआ है और उसकी जैश-ए-मोहम्मद संगठन की गतिविधियां फिलहाल कमजोर हो चुकी हैं। ऐसे में वो महिलाओं को नया हथियार बनाकर अपने मंसूबों को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर मसूद को महिलाओं को आतंकी बनाने की जरूरत क्यों पड़ी?
🔹 1. महिला आतंकवाद की पुरानी रणनीति
पाकिस्तान में महिलाओं के आतंकी बनने की घटनाएं नई नहीं हैं। इससे पहले बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की महिला ब्रिगेड सक्रिय रही हैं। इन महिला आतंकियों ने कई बड़े आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया था। अब मसूद उसी रास्ते पर चलकर अपनी जैश को फिर से सक्रिय करना चाहता है।
🔹 2. ‘सुसाइड बॉम्बर’ के रूप में आसान निशाना
महिलाओं को आतंक के लिए इस्तेमाल करने का एक बड़ा कारण ये है कि वे आसानी से शक के घेरे में नहीं आतीं। मसूद अजहर की योजना है कि महिला आतंकियों को सुसाइड बॉम्बर के रूप में तैयार किया जाए। इससे वो भारत समेत अन्य देशों में किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देकर अपने संगठन में दोबारा जान फूंकना चाहता है।
🔹 3. पुरुष आतंकियों के मारे जाने के बाद नई रणनीति
भारत की खुफिया एजेंसियों ने बीते कुछ सालों में जैश-ए-मोहम्मद को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मसूद के तीन ठिकानों पर हुए हमलों में उसके परिवार के 14 सदस्य मारे गए। इसके बाद मसूद अब महिलाओं को नेतृत्व सौंपकर एक नई टीम खड़ी कर रहा है, जिनके बारे में सुरक्षा एजेंसियों के पास सीमित जानकारी है।
🔹 4. कमजोर पड़ती जैश और घटती संख्या
वर्तमान में जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान के सबसे कमजोर आतंकी संगठनों में से एक है। दूसरी तरफ, टीटीपी (TTP) और बीएलए (BLA) जैसे संगठन तेजी से फैल रहे हैं और युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। अपनी गिरती ताकत को बचाने और संगठन में संख्या बढ़ाने के लिए मसूद अब महिलाओं को शामिल कर रहा है।
🔹 Pakistan में बढ़ती महिला आतंकी गतिविधियां
पाकिस्तान के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के आंकड़ों के मुताबिक, अकेले खैबर प्रांत में 67 महिला आतंकी सक्रिय हैं। पूरे देश में ये संख्या 200 से अधिक बताई जा रही है। सिर्फ बलूचिस्तान में 2024 के दौरान 15 आतंकी घटनाओं को महिला आतंकियों ने अंजाम दिया।
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान में ज्यादातर वही महिलाएं आतंकी बनती हैं जिनके परिवार के सदस्य मारे जा चुके हैं या जो सरकारी सिस्टम से प्रताड़ित और उपेक्षित महसूस करती हैं।
🔹Pakistan में सक्रिय आतंकी संगठन
वर्तमान में पाकिस्तान में करीब 80 आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और तहरीक-ए-तालिबान प्रमुख हैं। इन सभी का मकसद जिहाद और धार्मिक कट्टरता के जरिए हिंसा फैलाना है।
मसूद अजहर का महिलाओं को आतंकी बनाने का अभियान सिर्फ एक नई साजिश नहीं, बल्कि उसकी कमजोरी का संकेत भी है। जैश-ए-मोहम्मद का कमजोर नेटवर्क, घटते सदस्य और असफल रणनीतियों ने मसूद को अब महिला आतंकवाद के सहारे अपने संगठन को बचाने की मजबूरी में डाल दिया है। लेकिन इस नई चाल से न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति और जटिल हो सकती है।
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