Team India में इस खिलाड़ी के चयन के पीछे छिपी है बेहद खास वजह
टीम इंडिया (Team India) एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए तैयार है, जहां उसे वनडे और टी20 सीरीज खेलनी है। स्क्वॉड की घोषणा होते ही सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया है। जहां एक ओर फोकस विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे बड़े नामों पर रहा, वहीं एक युवा खिलाड़ी ऐसा भी है, जो बिना वजह ट्रोल हो रहा है – तेज गेंदबाज हर्षित राणा।
क्यों ट्रोल हो रहे हैं हर्षित?
23 साल के हर्षित राणा का चयन लगातार टीम इंडिया में हो रहा है, और यही बात कुछ लोगों को नागवार गुजर रही है। सोशल मीडिया पर उन्हें ‘फेवरेट प्लेयर’ कहा जा रहा है। आरोप लग रहे हैं कि कोच गौतम गंभीर की नज़दीकी की वजह से उन्हें बार-बार मौके दिए जा रहे हैं, क्योंकि IPL 2024 में हर्षित ने गंभीर की मेंटरशिप में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
क्या प्रदर्शन में है दम?
ट्रोल करने वाले शायद ये भूल रहे हैं कि हर्षित राणा का प्रदर्शन पूरी तरह निराशाजनक नहीं रहा है:
- 5 वनडे मैच: 10 विकेट, 20 की औसत और 6 से कम की इकॉनमी
- 3 टी20 मैच: 5 विकेट, इकॉनमी जरूर 10 की रही, लेकिन विकेट निकालने की क्षमता दिखाई
- 2 टेस्ट मैच: 4 विकेट, हालांकि इसमें सुधार की ज़रूरत है
- चैंपियंस ट्रॉफी: पाकिस्तान के खिलाफ 30 रन देकर 1 विकेट
ये आंकड़े बताते हैं कि हर्षित में पोटेंशियल है। वे पूरी तरह फ्लॉप नहीं हैं, बल्कि उनमें अनुभव के साथ बेहतर होने की पूरी गुंजाइश है।

Team India में चयन की असली वजह क्या है?
ये समझना ज़रूरी है कि हर्षित राणा के चयन के पीछे कोई निजी कारण नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच है। साल 2027 में वनडे वर्ल्ड कप दक्षिण अफ्रीका में होने वाला है। वहां की उछाल भरी और तेज़ पिचों पर लंबे कद के तेज गेंदबाज हमेशा से सफल रहे हैं।
हर्षित राणा न सिर्फ तेज़ गेंदबाजी करते हैं, बल्कि अपनी ऊंचाई और बाउंस हासिल करने की काबिलियत के कारण वो दक्षिण अफ्रीका जैसी पिचों के लिए उपयुक्त विकल्प बनते हैं। ऐसे गेंदबाजों की भारत के पास अभी भी कमी है।
गंभीर और चयन समिति पहले से ही ऐसे गेंदबाज तैयार कर रही है जो वर्ल्ड कप में टीम की ज़रूरतों को पूरा कर सकें। सिर्फ हर्षित ही नहीं, बल्कि प्रसिद्ध कृष्णा की वापसी भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
क्या आलोचना सही है?
आलोचना अगर प्रदर्शन के आधार पर हो, तो सही है। लेकिन किसी खिलाड़ी को सिर्फ इसलिए ट्रोल करना कि वो किसी खास फ्रेंचाइज़ी या कोच के साथ खेल चुका है, गलत है। हर्षित अभी अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं, और यही समय होता है जब युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जाता है – ताकि वो अनुभव लें और बड़े टूर्नामेंट्स में प्रदर्शन कर सकें।
मौका दीजिए, मोहरा मत बनाइए
टीम इंडिया के सेलेक्शन में भावना से ज्यादा रणनीति होती है। हर खिलाड़ी को मौका देना और उसे समय देना एक सोच-समझकर लिया गया फैसला होता है। हर्षित राणा को ट्रोल करने से बेहतर है कि हम उनकी काबिलियत को परखें, उनका समर्थन करें और उन्हें खुद को साबित करने का वक्त दें। क्योंकि खिलाड़ी ट्रोल से नहीं, भरोसे से बनते हैं।
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