China will be out from Indian Market!: पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन को Indian Market से बाहर करने की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए मोदी सरकार(Modi Government) ने तगड़ा प्लान तैयार किया है। ऐसा प्लान जिसे सुनकर जिंगपिंग सरकार की नींद उड़ गई है। आखिर भारत ये करेगा कैसे? कैसे China को Indian Market से आउट करेगा? कैसे उसे पाकिस्तान का साथ देने की सजा देगा।अब ये सवाल हर भारतीय जानना चाह रहा है।

दिल्ली: Indian Market में आज चाइनीज सामानों का बोलबाला है। जहां देखो वहां चाइना का माल बिकता है। सस्ता होने के कारण लोग इसे खरीदते भी है। लिहाजा Indian Market में भारत के बने सामान से ज्यादा चाइना का माल बिकता है। ये भारत के लिए हमेशा चिंता का सबब रहा है. क्योंकि इससे भारत व्यापार घाटा तेजी से बढ़ रहा है। चाइना को हम जितना माल बेचते हैं, उससे ज्यादा चीन से खरीदते हैं। बेचने और खरीदने की ये खाई इतनी गहरी है कि,भारत का व्यापार घाटा बढ़ता ही जा रहा है। और सरकार चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही है।
Indian Market में चाइनीज सामान का दबदबा!
Indian Market से चीन के सामान को बाहर करने की मोदी सरकार पहले भी कोशिश कर चुकी है। बाकायदा इसके लिए कैंपेन भी चला चुकी हैं। मेक इन इंडिया का फॉर्मूला इसी की देन है। लेकिन सरकार की ये कोशिश वैसा रंग नहीं ला पाई जैसा उसने सोचा था। हां कुछ लोगों ने चाइना का माल खरीदना बंद कर दिया था, लेकिन Indian Market में इनकी मौजूदगी हमेशा बरकरार रही। जिसका नतीजा है कि, Indian Market में आज चाइनीज सामान का बोलबाला है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद तेज हुई मांग
भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद अब हर भारतीय ये मांग करने लगा है कि, चाइना को पाकिस्तान का साथ देने का सबक सिखाया जाए। चाइना के बने माल को Indian Market में बिकने से रोका जाए। कुछ ऐसा किया जाए कि, चाइना का माल Indian Market से गायब हो जाए। बायकॉट चाइना को लेकर कई व्यापारी कैंपेन भी चला रहे हैं। और सरकार से इस मुहिम को धार देने की अपील कर रहे हैं।
अब भारत में नहीं गलेगी चीन की दाल!

मोदी सरकार भी चाइना को Indian Market से विदा करना चाहती है। चाइना को ये बताना चाहती है कि, पाकिस्तान का साथ देकर उसने क्या गलती की है। यहां सवाल उठता है कि,ये होगा कैसे? आखिर सरकार ऐसा क्या करेगी, जिससे Indian Market से चाइना का सामान आउट हो जाएगा। और हर तरफ मेड इन इंडिया की छाप दिखेगी। तो बता दें कि, इसके लिए मोदी सरकार ने तगड़ा प्लान बनाया है। ऐसी प्लान जिससे चाइना का Indian Market से बाहर होना तय है।
अमेरिका के साथ हो रही खास ट्रेड डील!
ऐसी खबरें आ रही हैं कि, भारत सरकार चाइना के माल को Indian Market से बाहर करने के लिए मेड इन इंडिया को फिर से बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। मोदी सरकार को लगता है कि, इस बार चाइना ने जो किया है, उससे भारत के लोगों में गुस्सा है, और भारतवासी खुद इस बार आगे बढ़कर चाइन में बने सामानों का बहिष्कार करेंगे।इसके साथ ही भारत अमेरिका के साथ एक खास तरह की ट्रेड डील पर बात कर रहा है। अगर ये डील फाइनल हो गई, तो चीन की व्हाट लगनी तय है।
हालांकि मोदी सरकार अभी इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी साफ कर दिया है कि, अमेरिका के साथ जो डील फाइनल होगी, वो दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखकर होगी। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि, चीन को Indian Market से आउट करने के लिए भारत सरकार जल्द ही ये डील फाइनल कर सकती है। हो सकता है दोनों देश एक-दूसरे पर जीरो टैरिफ लगाने की बात पर सहमत हो जाएं। लेकिन इस डील को फाइनल करने से पहले भारत अपना नफा-नुकसान जरूर देखगा।
आखिर जीरो टैरिफ क्या है?
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि, जीरो टैरिफ यानि किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगाना। इसके तहत अगर दो देश एक दूसरे के साथ जीरो टैरिफ के तहत व्यापार करते हैं, तो दोनों एक-दूसरे के सामान पर कोई टैक्स नहीं लेते है। जिससे उस देश से आयात किया हुआ सामान महंगा नहीं होता है। लेकिन इससे अपने बाजार पर भी असर पड़ने की संभावना रहती है। इसमें दो राय नहीं है कि,अगर भारतीय बाजार में अमेरिका के बने प्रोडक्ट सस्ते मिलेंगे तो फिर लोग चाइनीज माल को नहीं खरीदेंगे।क्योंकि चाइना के सामान की गुणवत्ता काफी खराब होती है।