Primary School Condition: गाजीपुर के प्राथमिक स्कूल में सीलन
Primary School Condition: छत से टपकती बारिश, जिम्मेदारों की नींद गायब नहीं!
गाजीपुर के नवापुरा मोहल्ले का Primary School Condition देख लीजिए साहब! यहां बच्चे पढ़ाई कम, खौफ का डर ज्यादा पढ़ते हैं। बारिश होती है तो छत में छेद से पानी गिरता है और पढ़ाई की जगह बच्चे ‘तैराकी कौशल’ सीखने लगते हैं।

इस स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा तो क्या, अभिभावक भी हर रोज़ ईश्वर से दुआ करता है – हे भगवान! आज बारिश मत करा देना। कचहरी के पास बसा ये स्कूल कभी बच्चों से गुलज़ार था, आज हालत ऐसी कि दीवारों पर सीलन और दिलों में डर बस गया है। मगर शिक्षा विभाग के अफसरों को इससे क्या? उनकी टेबल पर चाय और फाइल दोनों ठंडी पड़ी हैं!
Primary School Condition: अभिभावक बोले- हमारे बच्चों की जान सांसत में
मनीष जायसवाल जैसे कई अभिभावक है, जो कभी खुद इसी स्कूल में पढ़े। मगर अब वो अपने बच्चे को उसी स्कूल में भेजकर डरते हैं – कहीं सीलन से छत का छप्पर ना गिर पड़े! स्कूल की दीवारें बोल रही हैं – ‘मरम्मत करा लो सरकार!’ मगर विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंग रही।

वरिष्ठ मोहल्लेवासी माता प्रसाद मोदनवाल ने तो साफ कहा – “बच्चे बारिश में छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं, खतरा सिर पर लटकता रहता है, लेकिन विभाग कहां सुनने वाला!” हां, चुनाव के वक्त जरूर नेता लोग फोटो खिंचवाने आ जाएंगे – ‘बच्चों का भविष्य उज्जवल करेंगे।’ उज्ज्वल क्या, उजड़ने की कगार पर है!
Primary School Condition: शिकायतों की फाइल मोटी, कार्रवाई ZERO
सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक यादव बताते हैं कि Primary School Condition पर दो साल से शिकायती चिट्ठियां लिख-लिखकर इंक खत्म हो गई। मगर साहब लोगों के टेबल पर फाइलें धूल फांक रही हैं। स्कूल में पंखे तक नहीं, गर्मी में बच्चे उबलते हैं, बारिश में टपकते हैं – फिर भी अफसरों को कोई फर्क नहीं।

ग्रामीण कहते हैं – अगर विभाग ने ध्यान दिया होता तो स्कूल में बच्चे बढ़ते, अब उल्टा मर्जर का खतरा मंडरा रहा है। सवाल ये है – बच्चों के सिर पर छत कब बनेगी? या किसी दिन हादसा होगा, तब जिम्मेदार जागेंगे?
Primary School Condition: सीलन में सड़ता बचपन
अब नवापुरा के लोगों की उम्मीदें सिर्फ भगवान भरोसे हैं। Primary School Condition ऐसी ही रही तो दीवारों की सीलन और टपकती छत से बच्चे कब बीमार पड़ जाएंगे, किसी को पता भी नहीं चलेगा। बारिश का पानी दीवारों को अंदर तक गलाकर पूरे स्कूल को बीमार बना चुका है — नम दीवारें, फफूंदी और बदबू, इन्हीं के बीच बच्चे कक्षा में बैठते हैं। सवाल बड़ा है – क्या विभाग, प्रधान और शिक्षा मंत्री इस सीलन में बच्चों का बचपन सड़ने देंगे या समय रहते स्कूल को ठीक करेंगे? जवाब देने वाला कोई नहीं — यहां दीवारें भीग रही हैं और जिम्मेदारों की संवेदनाएं सूखी पड़ी हैं!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सुनील गुप्ता
📍 लोकेशन: गाजीपुर, यूपी
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