Gratuity समेत New Labour Laws से क्या-क्या बदल गया ?
भारत सरकार ने श्रम कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए कर्मचारियों को बड़ा लाभ दिया है। अब कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के लिए 5 साल का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए नियमों (New Labour Laws)के अनुसार, Fixed-Term Employees (FTE) सिर्फ 1 साल नौकरी पूरी करने पर भी ग्रेच्युटी के हकदार बन जाएंगे। इस बदलाव के साथ करोड़ों कर्मचारियों को नौकरी के दौरान और बाद में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
New Labour Laws से ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की अनिवार्य समय सीमा खत्म
पहले किसी भी संस्थान में लगातार 5 वर्ष की नौकरी पूरी करने के बाद ही ग्रेच्युटी का अधिकार मिलता था। लेकिन नए लेबर कोड के लागू होने के बाद:
- Fixed-Term Employees को 1 साल की सर्विस पर ग्रेच्युटी मिलेगी।
- उन्हें परमानेंट कर्मचारियों के समान सभी लाभ जैसे– मेडिकल, छुट्टियाँ, वेतन सुरक्षा और सोशल सिक्योरिटी भी मिलेंगे।
- इससे कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम कम होगा और कंपनियों में डायरेक्ट हायरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी एक वित्तीय राशि है जो कंपनी अपने कर्मचारी को उसके कार्य और वफादारी के सम्मान में देती है। ये रिटायरमेंट या जॉब छोड़ने के समय एकमुश्त प्राप्त होती है और आर्थिक रूप से बेहद सहायक होती है। ग्रेच्युटी सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड्स, बंदरगाहों और रेलवे पर लागू Payment of Gratuity Act के अंतर्गत दी जाती है।

ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है?
ग्रेच्युटी निकालने का फॉर्मूला बेहद सरल है:
Gratuity = (अंतिम सैलरी) × (15/26) × (कुल सेवा वर्ष)
इससे कर्मचारी आसानी से जान सकता है कि कंपनी से उसे कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी।
4 नए लेबर कोड लागू — क्या-क्या बदला?
सरकार ने पुराने 29 श्रम कानूनों को बदलकर उन्हें केवल 4 कोड में समाहित किया है:
- Code on Wages (2019)
- Industrial Relations Code (2020)
- Code on Social Security (2020)
- Occupational Safety, Health & Working Conditions Code (2020)
इन कोड्स का उद्देश्य भारत में एक मजबूत, सुरक्षित और आधुनिक मजदूर-ढांचा बनाना है।
नए लेबर कोड के मुख्य बदलाव
1. नियुक्ति पत्र अनिवार्य
अब सभी कर्मचारियों को नौकरी शुरू करते समय Appointment Letter देना अनिवार्य है। इससे रोजगार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
2. पूरे देश में समान मिनिमम वेतन
अब देशभर में न्यूनतम वेतन लागू होगा ताकि कोई भी मजदूर ऐसी कम सैलरी पर काम न करे जिससे जीवन यापन मुश्किल हो।
3. समय पर वेतन भुगतान
नियोक्ता के लिए समय पर वेतन देना कानूनी रूप से जरूरी हो गया है।
4. स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता
- 40 वर्ष से ऊपर के श्रमिकों के लिए फ्री वार्षिक हेल्थ चेकअप अनिवार्य
- उद्योगों में सुरक्षा को एकरूप करने के लिए नेशनल OSH बोर्ड
5. महिलाओं के अधिकार मजबूत
- महिलाएं अब रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी।
- नियोक्ता द्वारा सुरक्षा उपाय और सहमति लेना अनिवार्य होगा।
6. गिग वर्कर्स और प्रवासी मजदूरों को सुरक्षा
- पहली बार गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को कानूनी पहचान मिली।
- अब उन्हें PF, बीमा, पेंशन जैसे लाभ मिल सकेंगे।
- प्लेटफार्म कंपनियों को इनके लिए योगदान करना होगा।
7. व्यवसायों के लिए आसान कम्प्लायंस
अब कंपनियों को कई रजिस्ट्रेशन की जगह सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न से काम चल जाएगा।
New Labour Laws से सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा
2015 में भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज सिर्फ 19% था, जो 2025 तक बढ़कर 64% हो गया है। सरकार के अनुसार भविष्य में ये और बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार, ये बदलाव आत्मनिर्भर भारत और 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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