Neelam Azad Gets Bail. अपने घर नहीं जा सकतीं नीलम. Social Media से रहेंगी दूर. संसद सुरक्षा के उल्लंघन का मामला. साथी महेश को भी ज़मानत
New Delhi : हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव की Neelam Azad को दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 जुलाई 2025 को जमानत दे दी है. नीलम आज़ाद को 13 दिसंबर 2023 के संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले गिरफ्तार किया गया था. नीलम के साथ उनके सह-आरोपी महेश कुमावत को भी जमानत मिली है. दोनों को ₹50,000 के निजी मुचलके और 2-2 जमानतदारों के साथ रिहा किया गया है. हालांकि कोर्ट ने जमानत के साथ कुछ सख्त शर्तें भी लगाई हैं.
कोर्ट ने जमानत पर लगाई शर्तें
- नीलम और महेश को दिल्ली-NCR छोड़ने की अनुमति नहीं है, जिसके कारण नीलम अपने गृहनगर जींद, हरियाणा नहीं जा सकतीं.
- दोनों को हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 10 बजे संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी.
- दोनों को प्रेस कॉन्फ्रेंस, इंटरव्यू या सोशल मीडिया पर मामले से संबंधित कोई बयान देने की मनाही है.
- कोर्ट की अनुमति के बिना दोनों दिल्ली से बाहर यात्रा नहीं कर सकते.
संसद सुरक्षा उल्लंघन मामला

13 दिसंबर 2023 को 2001 के संसद हमले की बरसी पर लोकसभा के शून्यकाल के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और पीली गैस छोड़कर नारेबाजी की. उसी समय नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने संसद परिसर के बाहर रंगीन गैस छोड़ी और “तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए. इस घटना में कुल छह आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया और इन पर UAPA और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था.
नीलम आजाद का पक्ष
- नीलम हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा पास एक बेरोजगार शिक्षिका हैं. जिसने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उनकी मंशा आतंकी गतिविधि की नहीं थी. वह बेरोजगारी और सामाजिक मुद्दों को उजागर करने के लिए प्रदर्शन कर रही थीं. नीलम ने दावा किया कि वह लोकसभा के अंदर की घटना में शामिल नहीं थीं और केवल बाहर धुएं के कनस्तर छोड़े थे.
- नीलम के भाई रामनिवास ने बताया कि वह बेरोजगारी से निराश थीं और 2020-21 के किसान आंदोलन में अपने गांव में सक्रिय थीं.
- 14 दिसंबर 2023 को हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा और खाप पंचायत ने जींद में नीलम की रिहाई और UAPA हटाने की मांग की थी. ये कहते हुए कि उनकी मंशा किसी को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी.
अब तक की कानूनी प्रक्रिया

- जनवरी 2024 और सितंबर 2024 में पटियाला हाउस कोर्ट ने नीलम की जमानत याचिका खारिज की थी और कहा था कि जांच प्रारंभिक चरण में थी और आरोप गंभीर हैं. दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि नीलम और अन्य आरोपी भारत की संप्रभुता और अखंडता को बाधित करने की साजिश में शामिल थे.
- 2 जुलाई 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट और विशेष NIA कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए नीलम और महेश को जमानत दी. कोर्ट ने माना कि UAPA के तहत आतंकी मंशा का प्रारंभिक सबूत नहीं है.
- पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि नीलम और अन्य ने 2001 के संसद हमले की यादों को ताजा करने की कोशिश की और ये एक आतंकी कृत्य था.
कौन है नीलम आज़ाद?
37 साल की नीलम आज़ाद Haryana के जींद के घासो खुर्द गांव की निवासी हैं. वो एक शिक्षिका हैं जिन्होंने HTET पास किया लेकिन बेरोजगारी के कारण निराश थीं. उनकी गिरफ्तारी के बाद हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा और स्थानीय लोगों ने उनके समर्थन में आवाज उठाई थी.
