मुरादाबाद में मोहर्रम के जुलूस के बीच सांसद Ruchi Veera ने ‘नाम बदलकर दुकान खोलने’ पर सरकार को तीखा तंज कस दिया, जो अब सियासत में नई बहस छेड़ रहा है।
मुरादाबाद में इस बार भी Muharram Procession अपने पूरे पारंपरिक गम और जोश के साथ निकला। मुगलपुरा थाना क्षेत्र से लेकर कर्बला तक ढोल-नगाड़ों की थाप पर भीड़ ऐसे लहराई जैसे शहर में चुप्पी नहीं, जुनून बह रहा हो।
कंबल के ताजिए की शान में लोग घरों से निकल पड़े — एक तरफ मातम, दूसरी तरफ मेला — बीच में अफसरों का काफिला जो सुरक्षा के नाम पर सैकड़ों पुलिसवालों को लेकर सड़क पर उतरा।
जहां ताजिए के साथ लोग कर्बला को निकले, वहीं Muharram Procession पर निगाहें जिलाधिकारी, एसएसपी, विधायक से लेकर सांसद तक की जमी रहीं — ताकि कोई हंगामा न हो, और अगर हो भी तो कैमरे पकड़ न लें!
Muradabad Muharram Procession: भीड़ और ढोल, मगर तंज भारी
मगर शहर की भीड़ ने ताजिए से ज्यादा जो सुना — वो था सांसद Ruchi Veera का ‘नामधारी बयान’।
कहां ढोलक की थाप और कहां सांसद का तंज — जनता ने मातम छोड़ मोबाइल ऑन किया और सुन लिया वो लाइन, जो सोशल मीडिया पर उबाल मारती रही।
Ruchi Veera Statement इस बार मोहर्रम से भारी रहा — किसी ने नहीं सोचा था कि कर्बला जाते जुलूस में ‘कांवड़ यात्रा’ और ‘दुकानदारी’ पर कटाक्ष बिखर जाएंगे।

Muradabad Ruchi Veera Statement: “नाम बदलकर दुकान क्यों?”
सांसद रुचि वीरा ने जिस माइक पर बयान दिया, उसी माइक से इस शहर की नई हेडलाइन पैदा हो गई।
कह दिया — “माता-पिता ने नाम शान से रखा है, नाम बदलकर दुकान खोलने की क्या ज़रूरत है?”
मतलब — Ruchi Veera Statement ने सरकार को सीधा सवाल थमा दिया।
कांवड़ यात्रा पर भी बोल पड़ीं — “गाइडलाइन का पालन करो, मगर नाम से मत भागो। अखिलेश यादव भी हिंदू हैं, मंदिर जाते हैं, पूजा करते हैं — मगर नाम नहीं बदलते!”
अब आप सोचिए — मोहर्रम के मातम में ‘नामधारी दुकानदारों’ का मामला गरम कैसे हो गया?
मगर यही तो राजनीति है — ढोल नगाड़े बजते हैं, जनता जुलूस में जाती है और नेता जुमले छोड़ जाते हैं!
🗡️ चाय की दुकान से लेकर फेसबुक तक
सांसद का तंज इतना तीखा था कि चाय की दुकान पर सबसे पहले यही सवाल उठा —
“कौन है ये जो नाम बदलकर दुकान खोलता है?”
फेसबुक पर ‘Muradabad Ruchi Veera Statement’ ट्रेंड करने लगा।
लोगों ने मीम बना डाले — किसी ने कांवड़ यात्रा पर मीम फेंका, किसी ने दुकान के शटर पर सांसद का बयान चिपका दिया।
मुरादाबाद के बाजारों में चर्चा यही — नाम बदलेगा या धंधा?
कहीं से जवाब नहीं आया — बस बयान वायरल होता गया।
Muradabad Ruchi Veera Statement: सरकार को सीधा चैलेंज
सांसद ने सरकार को खुले मंच से सीधा ललकारा — “नाम से क्यों डर? दिल खोलो, दुकान चलाओ, मंदिर जाओ!”
जो नेता महीनों से चुनाव में भाषण में नहीं बोल पा रहे थे, वो एक लाइन में कह गईं — नीतियां छोड़ो, नीयत बदलो!
Ruchi Veera Statement ने बता दिया — मोहर्रम के मंच से भी राजनीति गरमा सकती है।
कर्बला का रास्ता बना रहे अफसर कुछ देर खामोश हो गए — जुलूस को देखते रहे, लेकिन भीड़ बयान पर अटक गई।
Muradabad Ruchi Veera Statement: सियासत में नया मसाला
अब सवाल वही — क्या ये बयान किसी नामधारी को झटका देगा?
या दुकानें वैसे ही खुलेंगी जैसे चलती आई हैं?
कांवड़ यात्रा के शोर में ये बयान मिक्स होगा या 2027 के पोस्टर में छपेगा?
सांसद रुचि वीरा के इस तंज ने मुरादाबाद को दिखा दिया — मोहर्रम सिर्फ ताजिए तक सीमित नहीं, राजनीति के पोस्टर भी यही से छपते हैं।
Ruchi Veera Statement आने वाले दिनों में कितने बयान बनाता है, ये देखना होगा।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सलमान युसूफ
📍 लोकेशन: मुरादाबाद, यूपी
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