Muharram Security Balrampur
Muharram Security Arrangement Balrampur: सड़कों पर सन्नाटा, पुलिस का पहरा
बलरामपुर की सड़कों पर इस बार मोहर्रम के जुलूस से ज्यादा चर्चा में रहा उसका सन्नाटा — और उस सन्नाटे पर तैनात Muharram Security Arrangement !
जनपद के वीर विनय चौराहा से लेकर नकटी नाला तक, हर नुक्कड़ पर वर्दी वाले खड़े थे। अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय खुद मोहर्रम की निगरानी करते नजर आए — कहीं कोई ढील न रह जाए। थाना कोतवाली नगर, तुलसीपुर, उतरौला या पचपेड़वा — हर थानेदार को खुले आदेश थे — “भ्रमणशील रहो, चौकन्ने रहो और जनता को भी बताओ कि हम खड़े हैं!”
पर सवाल ये — क्या सच में सब कुछ सौहार्दपूर्ण था या दिखावे की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था?
Muharram Security Arrangement Balrampur: अफसरों की चाल और डंडे का खेल
कागजों में जो Muharram Security Arrangement दिखता है, वो कैमरे में अलग नजर आता है। क्षेत्राधिकारी नगर ज्योतिश्री से लेकर थाने के मुंशी तक, हर कोई बस घूमता दिखा —
“मृदु व्यवहार रखो” की नसीहतें मिलीं पर जरा पूछिए उस सिपाही से जो कर्बला के पास लाठी ताने खड़ा था —
वो मृदु था या सिर्फ मुस्तैद?
जगह-जगह announcements हुए — “कर्मचारी सतर्क रहें, मुस्कुराते रहें, लेकिन भीड़ को बर्दाश्त न करें!”
जनता कहे — शांति!
पुलिस कहे — कड़ी सुरक्षा!
दोनों के बीच हकीकत — सिर्फ CCTV और बूटों की आवाज़!
Muharram Security Arrangement Balrampur: प्रशासन का दावा, जनता का सवाल
खबरीलाल.डिजिटल के रिपोर्टर राहुल रतन के मुताबिक Muharram Security Arrangement के नाम पर इस बार हर चौक-चौराहे पर सिपाही खड़े दिखे, मगर दिलों में भरोसा उतना ही कमजोर दिखा।
अफसरों का दावा — “हम कटिबद्ध हैं!”
जनता का सवाल — “अगर सब कुछ शांत था तो इतना पहरा क्यों?”
कहीं वीर विनय चौराहा, कहीं अम्बेडकर चौराहा, कहीं बड़ापुल — जिधर देखो उधर डंडे और वर्दी।
त्योहार की रौनक? वो तो दब गई सख्त सुरक्षा इंतजामों के नीचे।
फिर भी अफसर कहते हैं — “जनपदीय पुलिस हर हाल में शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था बनाए रखेगी।”
और हम कहते हैं — शांति बनाओ, डर मत फैलाओ!
Muharram Security Arrangement Balrampur: ताजिया पीछे, चेकिंग आगे!
बलरामपुर में इस बार मोहर्रम की ताजिया निकली जरूर, लेकिन हर ताजिया से आगे निकली Security Arrangement की ‘निगरानी मंडली’।
जहां ढोल बजने थे, वहां वॉकी-टॉकी बजता रहा —
जहां मंजीरे बजते, वहां रेडियो सेट खड़कते —
और जहां लोग ‘या हुसैन’ कहते, वहां पुलिस वाले ‘सतर्क रहो’ बुदबुदाते!
कर्बला नकटी नाला से लेकर नई बाजार तुलसीपुर तक, हर ताजिए की रवानगी पुलिस की चेकिंग से ही तय हुई।
त्योहार पीछे छूटा, चेकिंग आगे निकल गई — यही थी इस बार की ‘कड़ी सुरक्षा व्यवस्था’।
Muharram Security Arrangement Balrampur: त्योहार में दिखा डर का पोस्टर
कहने को तो Muharram Security Arrangement ने सौहार्द का झंडा उठाया, मगर सच्चाई ये रही कि हर गली में पुलिस का डर ही बड़ा पोस्टर बना रहा।
बच्चे कर्बला देखने कम निकले, वर्दी देखने ज्यादा निकले।
कहीं कोई संदिग्ध न निकले — इसी में पूरी रात जवानों की आंखें खुली रहीं, मगर सवाल वही —
त्योहार मनाना था या डरना था?
जनता बस चाहती थी कि ताजिया निकले, मातम निकले — पर अफसरों को चाहिए था रिकॉर्ड —
कि सब कुछ शांतिपूर्ण निकला, वो भी ‘कड़ी सुरक्षा’ के साए में!
Muharram Security Arrangement Balrampur: भरोसा जिंदा रहे, दिखावा नहीं
आखिर में सवाल फिर वही — क्या Muharram Security Arrangement ने भरोसा जिंदा रखा या बस दिखावा बढ़ाया?
जनता चाहती है पुलिस हो — लेकिन ‘भय’ न हो।
सुरक्षा हो — लेकिन इतनी कि सौहार्द दब न जाए।
बलरामपुर की गलियों में इस बार जश्न कम, पहरा ज्यादा दिखा।
पर अब अगली बार यही जनता पूछेगी —
क्या हमें सुरक्षा चाहिए या भरोसा?
क्योंकि वर्दी में बंदूक से ज्यादा जरूरी है वो मुस्कान — जो त्योहार को डर से बचाती है।
बाकी मोहर्रम तो हर साल आता रहेगा, सवाल वही रहेगा —
क्या अगले साल फिर यही ‘कड़ी सुरक्षा व्यवस्था’ होगी?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: राहुल रतन
📍 लोकेशन: बलरामपुर, यूपी
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