नूंह जेल कर्मचारी राकेश कादियान ने फतह की यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस… अब तक 8 पर्वतों पर फहराया तिरंगा. देश का नाम किया रोशन
Nuh : हरियाणा के नूंह जिला जेल में वार्डर के रूप में कार्यरत International Mountaineer Rakesh Kadian ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है… सरकारी सेवा में रहते हुए भी पर्वतारोहण के प्रति अपने जुनून को बनाए रखने वाले राकेश ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी Mount Elbrus के पश्चिमी छोर (5642 मीटर) और पूर्वी छोर (5621 मीटर) पर Tiranga फहराया है. यह उनकी अब तक की आठवीं प्रमुख उपलब्धि है. Rakesh की इस सफलता ने न केवल हरियाणा और Nuh जिले का बल्कि पूरे देश का नाम विश्व पटल पर रोशन कर दिया है.
माउंट एलब्रुस पर ऐतिहासिक चढ़ाई

24 अगस्त को रात 2 बजे बेस कैंप (4000 मीटर) से शुरू हुई चढ़ाई के बाद Rakesh Kadian ने सुबह 6 बजे पहली चोटी (पश्चिमी छोर) और 10:15 बजे दूसरी चोटी (पूर्वी छोर) पर सफलता हासिल की… इतने कम समय में दोनों चोटियों पर फतह करने वाले वे दुनिया के पहले पर्वतारोही बन गए हैं. अभियान के दौरान तापमान -25 डिग्री सेल्सियस था और हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा. प्रत्येक चोटी पर भारी बर्फीला इलाका था और Rakesh ने किसी गाइड की सहायता के बिना यह कारनामा कर दिखाया. उन्होंने कहा कि हवा से सामना करते हुए आगे बढ़ना बेहद चुनौतीपूर्ण था लेकिन देश का नाम रोशन करने का जज्बा उन्हें मजबूत बनाता रहा.
2018 से शुरू हुई यात्रा

Jhajjar जिले के गांव बेरी के रहने वाले Rakesh Kadian ने अप्रैल 2018 में हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (HMI), दार्जिलिंग से बेसिक माउंटेन कोर्स पूरा किया था. अगस्त 2018 में उन्होंने लेह-लद्दाख की 6400 मीटर ऊंची माउंट कांग यात्से-1 पर चढ़ाई की. अक्टूबर 2018 में एडवांस कोर्स पास करने के बाद उन्होंने जेल विभाग की नौकरी के साथ-साथ पर्वतारोहण की तैयारी जारी रखी. 2003 में वार्डर के पद पर भर्ती हुए Rakesh ने अपनी निजी छुट्टियों का इस्तेमाल अभियानों के लिए किया, जिसके कारण उनका प्रमोशन नहीं हुआ, लेकिन उनका सर्विस रिकॉर्ड हमेशा उत्कृष्ट रहा… राकेश ने कहा, “हर चोटी पर चढ़ते समय परिवार के पास लौटने की कोई गारंटी नहीं होती. पर्वतारोहण मौत से खेलने वाला सबसे जोखिम भरा खेल है”. राकेश बताते हैं कि अपने इस जुनून के लिए अब तक उन्होंने 40 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं.
अब तक की प्रमुख उप्लब्धियां
- माउंट कांग यात्से-1 (6400 मीटर, लद्दाख) – 2018 में पहली बड़ी चढ़ाई.
- माउंट नून (7135 मीटर, लद्दाख) – 2022 में फतह.
- सतोपंथ (7050 मीटर, उत्तराखंड) – भारत की दुर्गम चोटियों में से एक.
- किलिमंजारो (5895 मीटर, अफ्रीका) – 15 घंटे 53 मिनट में फतह कर भारत के पहले पर्वतारोही बने.
- माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) – सरकारी सेवा में रहते हुए चढ़ाई, दुनिया का पहला कर्मचारी.
- माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) – एवरेस्ट के साथ ही फतह, विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी.
- माउंट एलब्रुस (5642 मीटर और 5621 मीटर, यूरोप) – 2025 में दोनों छोरों पर सफलता.
इन उपलब्धियों के लिए 45 साल के Rakesh Kadian का नाम लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है… वे हरियाणा जेल विभाग के पहले International Mountaineer हैं.
राकेश की प्रेरणा और चुनौतियां

Rakesh ने कहा कि जेल विभाग से निजी छुट्टियां लेकर ये अभियान किए, लेकिन प्रमोशन न होने के बावजूद उनका जुनून कम नहीं हुआ… “सामान्य ड्यूटी पूरी करने के बाद ही तैयारी करता हूं. पर्वतारोहण में जोखिम हमेशा रहता है, लेकिन देश का नाम रोशन करने का सपना मुझे आगे बढ़ाता है”. उनकी सफलता नूंह जिले और Haryana के लिए गौरव का विषय है जो सरकारी सेवा और व्यक्तिगत जुनून के संतुलन का उदाहरण पेश करती है.
