Muradabad Rain- ठाकुरद्वारा में महज़ एक घंटे की बारिश ने नगर पालिका की पोल खोल दी। सड़कें तालाब बनीं, दुकानों में पानी घुसा, व्यापारियों का लाखों का नुकसान। स्थानीय लोग बोले — नालों की सफाई नहीं, बस फाइलों की धुलाई होती है!
मुरादाबाद में ‘तालाबनगरी’ का तमाशा: बारिश ने डुबोया ठाकुरद्वारा
कहते हैं बारिश राहत लेकर आती है, लेकिन मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में तो जनाब ये राहत नहीं, आफत बनकर आई। महज़ एक घंटे की बारिश ने नगर पालिका के उन तमाम वादों और दावों को पानी में बहा दिया, जो फाइलों में चमकते हैं और जमीनी हकीकत में कीचड़ बन जाते हैं।
ठाकुरद्वारा की गलियों से लेकर मुख्य बाजार तक का हाल ऐसा हो गया कि सड़कें नहीं, तालाब नजर आने लगे। दुकानों में पानी ऐसे घुसा जैसे नगर पालिका के अधिकारी अपने कमरों में कभी घुसते ही नहीं। दुकानदार बेचारे अपनी दुकानें बचाते दिखे, लेकिन पानी ने कहा — ‘न मैं किसी का बाप, न किसी का भाई, सीधा दुकान के अंदर आई!’
मुख्य बाजार बना तालाब, मोहल्लों में नाव चलने लायक हालात! Muradabad Rain
मुख्य बाजार से लेकर मोहल्लों में घरों तक पानी पहुंच गया। लोग सोच में पड़ गए कि नगर पालिका सफाई किसकी करती है — सड़कों की या अपनी जेबों की? व्यापारी संघ के लोग गुस्से में कह रहे हैं कि नालों की सफाई सिर्फ कागज़ों पर होती है, असली सफाई तो बारिश ही करती है — वो भी सड़क को तालाब बनाकर।
दुकानदारों का नुकसान, नगर पालिका की ढीटगिरी!
दुकानों में पानी घुसने से व्यापारी भयंकर नुकसान में हैं। किसी की लाखों की चप्पलें भीगीं तो किसी का रेडीमेड कपड़ा तैरने लगा। नगर पालिका के अधिकारी बस चुपचाप कह रहे हैं — ‘हम देख रहे हैं, करेंगे इंतजाम।’ लोग कह रहे हैं — ‘कब? जब पानी में मगरमच्छ तैरेंगे?’
लोगों की मांग: कमिश्नर साहब आएं नाव लेकर! Muradabad Rain
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि नगर पालिका के अफसर कभी नाव पर बैठकर एक राउंड लगा लें, तो असली जल निकासी का हाल पता चल जाएगा। वरना हर बारिश में यही तालाब नगर पालिका के झूठे वादों को डुबोता रहेगा।
