Moradabad News: ST Hasan बोले-मांस की दुकान बंद तो शराब पर भी लगाओ पूर्ण प्रतिबंध !
ST Hasan News
Moradabad News: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद डॉ. एस टी हसन (ST Hasan) ने सावन के पवित्र महीने में कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाया, जिसमें मांस की दुकानों को बंद कर दिया गया, लेकिन शराब की बिक्री पर कोई रोक नहीं लगाई गई. डॉ. हसन ने इसे भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण करार देते हुए सरकार से कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
मांस और शराब दोनों गुनहगार
डॉ. हसन ने कहा कि सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान मांस की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया गया, क्योंकि ये कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है. लेकिन शराब की बिक्री को अनुमति देना उनके लिए समझ से परे है. उन्होंने कहा, “जितना गुनहगार मांस है, उतनी ही गुनहगार शराब भी है. शराब से भी कांवड़ यात्रा की पवित्रता भंग होती है. अगर सरकार मांस की दुकानों को बंद कर सकती है, तो शराब की दुकानों को क्यों नहीं?”
“सरकार को केवल राजस्व की चिंता”
पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व के लालच में कांवड़ मार्ग पर शराब की दुकानों को बंद नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि पहले शराब और मांस की दुकानों को पूरी तरह बंद करने का आदेश था, लेकिन अब शराब की दुकानों को केवल ढकने का निर्देश दिया गया है, जिससे बिक्री निर्बाध जारी है. उन्होंने इसे सरकार का दोहरा रवैया बताया और कहा कि इससे उन गरीब लोगों का नुकसान हो रहा है, जो मांस की दुकानों और नॉन-वेज होटलों से अपनी आजीविका चलाते हैं.
![]()
“धार्मिक भावनाओं का सम्मान जरूरी”
डॉ. हसन ने कहा कि उनके हिंदू भाइयों का मानना है कि सावन के महीने में शराब का सेवन उनकी पूजा को भंग करता है. इसलिए इस पवित्र महीने में शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि धर्म के मामले में मांस और शराब दोनों समान रूप से आपत्तिजनक हैं. अगर सरकार शराब की बिक्री को ढककर जारी रखने की अनुमति दे सकती है, तो मांस की दुकानों और नॉन-वेज होटलों को भी उसी तरह से संचालित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
“समानता और न्याय की मांग”
एस टी हसन सरकार से मांग की कि या तो कांवड़ मार्ग पर शराब और मांस दोनों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जाए, या फिर दोनों को समान रूप से पर्दे के पीछे बिक्री की अनुमति दी जाए, ताकि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों. उन्होंने सवाल उठाया, “क्या सरकार को सारा राजस्व केवल कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री से ही मिलता है? सरकार अपने फायदे के लिए धर्म की शुद्धता को नजरअंदाज कर रही है.
ST Hasan के सरकार पर सवाल
डॉ. एस टी हसन की इस मांग ने एक बार फिर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं. सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक भावनाओं का सम्मान और समानता का पालन जरूरी है. अब देखना ये है कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री पर रोक लगेगी.
