Moradabad Chain Snatching: CCTV ने पोल खोली, पुलिस ने पकड़ लिया
Moradabad Chain Snatching: CCTV ने पोल खोली, पुलिस ने पकड़ लिया — लेकिन सवाल ये कि इतने मुकदमे के बाद भी ये सड़क पर कैसे घूम रहे थे
चेन स्नैचिंग का तमाशा: मुरादाबाद में दिनदहाड़े डर का ड्रामा
मुरादाबाद की सिविल लाइंस की सड़कों पर 5 जुलाई 2025 को ऐसा तमाशा हुआ कि लोग दहशत में आ गए। Chain Snatching की सनसनीखेज वारदात ने शहर को हिलाकर रख दिया। दो बाइक सवार शातिर बदमाशों ने दिनदहाड़े एक महिला की सोने की चेन पर झपट्टा मारा और हवा में गायब! मगर सीसीटीवी की पैनी नजर ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। मुरादाबाद पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर दो शातिर अपराधियों, करन चंद्र और श्रवण कुमार, को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
Moradabad Chain Snatching की स्क्रिप्ट: सीसीटीवी ने खोला राज
यह Chain Snatching कोई साधारण वारदात नहीं थी। सिविल लाइंस की सड़कों पर बाइक सवार बदमाशों ने जिस रफ्तार से चेन लूटी, उस रफ्तार से पुलिस ने भी जवाब दिया। सीसीटीवी फुटेज ने इस ड्रामे का पर्दा उठाया, जिसमें करन चंद्र और श्रवण कुमार साफ नजर आए। करन के नाम 29 और श्रवण के नाम 12 मुकदमे पहले से दर्ज हैं—यानी ये दोनों अपराध की दुनिया के पुराने खिलाड़ी हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इनके कारनामों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। फिर भी, इनका हौसला देखिए—दिनदहाड़े Chain Snatching का खेल! मगर इस बार सीसीटीवी ने इनके खेल का The End लिख दिया।
Chain Snatching के बाद पुलिस का एक्शन: बरामद हुआ लूट का माल
मुरादाबाद पुलिस ने इस Chain Snatching को चुनौती की तरह लिया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से करन चंद्र और श्रवण कुमार को धर दबोचा गया। इनके कब्जे से लूटी गई सोने की चेन, एक स्कूटी, देसी तमंचा, तीन मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड, और 350 रुपये नकद बरामद हुए। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि इन शातिरों से पूछताछ चल रही है ताकि यह पता लगे कि क्या ये किसी बड़े Chain Snatching गिरोह का हिस्सा हैं। यह कार्रवाई पुलिस की सजगता की मिसाल है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ये शातिर पहले ही सलाखों के पीछे नहीं होने चाहिए थे?
Moradabad Chain Snatching और अपराधियों का आपराधिक रिकॉर्ड
करन चंद्र और श्रवण कुमार कोई मामूली चोर नहीं, बल्कि अपराध की दुनिया के सुपरस्टार हैं। एक पर 29 और दूसरे पर 12 मुकदमे! ये आंकड़े सुनकर तो लगता है कि इनके लिए जेल दूसरा घर है। फिर भी, ये बेशर्मी से Chain Snatching की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इनके कारनामों की लिस्ट इतनी लंबी है कि इसे पढ़ने में ही सांस फूल जाए। सवाल यह है कि इतने मुकदमों के बावजूद ये सड़कों पर आजाद कैसे घूम रहे थे? क्या कानून का डर इनके लिए बस एक मजाक है? इस Chain Snatching ने पुलिस की तत्परता तो दिखाई, लेकिन सिस्टम की खामियों को भी उजागर कर दिया।
Chain Snatching ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल
यह Chain Snatching सिर्फ एक चेन की चोरी नहीं, बल्कि मुरादाबाद की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान है। दिनदहाड़े सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाके में ऐसी वारदातें हो रही हैं, तो बाकी शहर का क्या हाल होगा? स्थानीय लोग पुलिस की त्वरित कार्रवाई की तारीफ तो कर रहे हैं, लेकिन साथ ही मांग कर रहे हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएं। सीसीटीवी और पुलिस की सजगता ने इस बार तो बदमाशों को पकड़ लिया, मगर क्या हर बार यही होगा? या फिर Chain Snatching का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
Moradabad Chain Snatching से सबक: सतर्कता और सजा का डबल डोज
इस Chain Snatching ने मुरादाबाद को एक सबक दिया है—सतर्कता और तकनीक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है। सीसीटीवी ने जहां अपराधियों की पोल खोली, वहीं पुलिस की तेजी ने दिखाया कि कानून का डंडा अभी बाकी है। लेकिन सवाल यह है कि 29 और 12 मुकदमों वाले अपराधी सड़कों पर आजाद कैसे घूम रहे थे? क्या जमानत का खेल इन शातिरों को बार-बार मौका दे रहा है?