तिआनजिन में Modi-Jinping की मुलाकात: आपसी विश्वास और सहयोग पर जोर
Modi-Jinping Meet Update
Modi-Jinping Meet News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने का संदेश दिया है। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से ठीक पहले तिआनजिन में हुई। करीब एक घंटे तक चली इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति, आपसी सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने पर चर्चा की।
सात साल बाद चीन दौरे पर मोदी
पीएम मोदी लगभग सात साल बाद चीन पहुंचे हैं। बीते दस महीनों में यह उनकी शी जिनपिंग से दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों नेता 2024 में रूस के कजान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान मिले थे। तिआनजिन में हुई मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल कजान में हुई चर्चा से रिश्तों को सकारात्मक दिशा मिली है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सीमा पर डिसइंगेजमेंट के बाद शांति का माहौल बना है और विशेष प्रतिनिधियों के बीच बॉर्डर मैनेजमेंट पर सहमति बनी है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानों की बहाली
प्रधानमंत्री मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने और भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें बहाल किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इन कदमों से दोनों देशों के 2.8 अरब लोग और करीब आएंगे तथा इसका लाभ पूरी मानवता को मिलेगा। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि भारत और चीन परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

जिनपिंग ने दोस्ती और सहयोग पर दिया जोर
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत-चीन का सहयोग बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एशिया के सबसे बड़े पड़ोसी ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभावशाली हैं। “ड्रैगन और हाथी का साथ आना ज़रूरी है,” जिनपिंग ने कहा। उन्होंने भारत-चीन संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए इसे दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण से संभालने की बात कही।
बहुपक्षवाद और वैश्विक जिम्मेदारी
जिनपिंग ने कहा कि दुनिया बदलाव की ओर बढ़ रही है और ऐसे समय में भारत और चीन को बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था, बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र को मजबूती देने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। उन्होंने एशिया और दुनिया भर में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
SCO समिट और पुतिन से मुलाकात
पीएम मोदी अब शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता मौजूद रहेंगे। चीन यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी तय है। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना प्रस्तावित दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है।
Modi-Jinping मुलाकात से आएगा बदलाव !
तिआनजिन में हुई मोदी-जिनपिंग मुलाकात ने भारत-चीन रिश्तों में एक सकारात्मक संकेत दिया है। दोनों नेताओं के बयानों से स्पष्ट है कि पड़ोसी देश विश्वास और सहयोग के नए आधार पर आगे बढ़ना चाहते हैं। आने वाला समय बताएगा कि यह संवाद एशिया और वैश्विक राजनीति में किस तरह का असर डालता है।
