
Modi Government Development
बेतिया के अतिथि भवन में सांसद डॉ. संजय जायसवाल और भाजपा प्रवक्ता कुन्टल कृष्णा ने प्रेस कांफ्रेंस कर Modi Government Development की उपलब्धियों का गुणगान किया। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने बिहार को विकास का विशेष पैकेज देकर अमृतकाल में पहुंचा दिया है। टैक्स छूट से लेकर बिजली उत्पादन और GDP स्थिरता तक, सरकार की हर योजना को ऐतिहासिक बताया गया। मगर ज़मीन पर लोग अब भी “विकास गया कहां?” पूछते नजर आते हैं।
Modi Government Developmentबेतिया। प्रेस कांफ्रेंस में मंच सजा, माइक सजे, कैमरे चमके और फिर शुरू हुआ का राग—जिसे भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुन्टल कृष्णा और सांसद संजय जायसवाल ने मिलकर ऐसा गाया कि सुनने वालों की आंखें भर आईं—खुशी से नहीं, हैरानी से!
कहा गया कि पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने देश को अमृत काल में पहुंचा दिया है और बिहार तो इस अमृत में नहाकर ‘विकास स्नान’ कर रहा है। सरकारी कर्मचारियों से लेकर गरीब तक, सब मालामाल हैं—कम से कम प्रेस कॉन्फ्रेंस में।
Subheading 1: Modi Government Development का टैक्स मैजिक – अब 12 लाख की कमाई भी टैक्स फ्री!
प्रवक्ता ने कहा कि 2014 के पहले 2 लाख पर ही टैक्स लगता था, लेकिन Modi Government Development ने इसे बढ़ाकर 12 लाख कर दिया है। कारण बताया गया – ताकि सरकारी बाबुओं के बच्चों को ‘अच्छी तालिम’ मिल सके। सवाल ये है कि निजी स्कूल की फीस, महंगाई और कोचिंग माफिया की फीस कौन माफ करेगा?
बिजली, बजट और बोली – Modi Government Development ने दिल खोल दिया!
संजय जायसवाल बोले कि बिहार को 3 लाख करोड़ का पैकेज मिला, सुपर थर्मल पावर स्टेशन भी। बोले – “बिजली की समस्या दूर हो जाएगी।” जनता बोली – “पावर स्टेशन तो दूर, प्रखंडों में ट्रांसफार्मर जलता है तो महीनों तक अंधेरा रहता है।”
Modi Government Development की इस “बिजली क्रांति” पर ग्रामीणों ने मोबाइल टॉर्च जलाकर खुशी जाहिर की।
कोरोना में जब GDP रोया, तब Modi Government Development ने मुस्कान बिखेरी!
प्रवक्ता ने बताया कि जब पूरी दुनिया की जीडीपी कोरोना में धड़ाम हो रही थी, तब भी भारत की अर्थव्यवस्था ‘स्थिर’ रही।
हालांकि ग्राउंड रिपोर्ट्स बताती हैं कि गरीब स्थिर नहीं रहे—वे या तो शहर छोड़कर चले गए या नौकरियां खो बैठे। लेकिन फिर भी, Modi Government Development को इसका क्रेडिट तो मिलना ही चाहिए कि शब्दों में विकास कभी नहीं थमता।
लेकिन इन तमाम दावों के बीच एक सवाल बार-बार उठता है—क्या Modi Government Development वाकई गांव-कस्बों तक पहुंची है या केवल पोस्टर, प्रेस कांफ्रेंस और भाषणों में चमक रही है? स्थानीय लोग अब भी स्वास्थ्य सुविधाओं, स्कूलों की हालत और रोजगार की दुर्दशा पर चुप नहीं हैं। वे पूछते हैं कि “हमारी असल ज़िंदगी में ये विकास कब दिखेगा?”
बेतिया की इस प्रेस कांफ्रेंस में घोषणाओं की भरमार थी, लेकिन ज़मीनी सच्चाई वही है जो हर बार होती है—गड्ढों से भरी सड़कें, बिजली कटौती और युवाओं के लिए पलायन ही रोजगार। विकास का सपना देखना बुरा नहीं, लेकिन जब हर चुनाव से पहले वही सपना दुहराया जाए तो लोग नींद से जाग जाते हैं। और यही वो दौर है जब जनता पूछती है—क्या Modi Government Development सिर्फ जुबानी जादू है?