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MNREGA Scam in Saidpur: कागजों पर ‘मेहनत’, हकीकत में धोखा
गाजीपुर के सैदपुर ब्लॉक में MNREGA Scam  ने मेहनतकश गरीबों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। गांव-गांव में सरकारी पैसे से रोजगार देने की योजना कागजों पर तो खूब रंग दिखा रही है, लेकिन धरातल पर मजदूरों के घरों के चूल्हे ठंडे हैं।
मस्टर रोल पर मजदूरों की हाजिरी ऐसे चढ़ाई जा रही है मानो हर दिन गांव में काम धड़ाधड़ हो रहा हो, मगर असलियत यह है कि फावड़ा-पल्ली महीनों से धूल खा रहे हैं।
इन ग्राम सभाओं में खेला गया खेल
ग्रामीणों के अनुसार ताजपुर मौलाना (117 मजदूर), दौलतपुर (129 मजदूर), ऊचौरी (103 मजदूर), तेतारपुर (115 मजदूर), बिशुनपुर मथुरा (115 मजदूर), ड़ढ़वल (72 मजदूर) और पहाड़पुर हलदर (140 मजदूर) में काम का नामोनिशान नहीं। लेकिन मस्टर रोल में मजदूरों की फौज खड़ी कर दी गई है।
MNREGA Scam  का गणित यही कहता है – काम शून्य, हाजिरी 100%।
MNREGA Scam in Saidpur: मजदूरों का आक्रोश
गांव के मजदूर गुस्से से लाल हैं। कहते हैं – “हमसे कहा गया कि मनरेगा से रोजगार मिलेगा, मगर हमें सिर्फ बेरोजगारी मिली। मजदूरी की रकम कागज पर बनी और बाबू-प्रधान की जेब में चली गई।”
यह MNREGA Scam  सिर्फ सरकारी खजाने की लूट नहीं, बल्कि भूखे पेटों पर किया गया सबसे बड़ा अत्याचार है।
मिलीभगत की राजनीति
ग्रामीण साफ-साफ बता रहे हैं कि प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक की तिकड़ी इस खेल में पूरी तरह शामिल है। मजदूरों की मेहनत के पैसे से ही गांव में अफसर-प्रधान के बंगले चमक रहे हैं।
यानी जनता की गाढ़ी कमाई से बनी योजना, जनता को ही ठग रही है। MNREGA Scam अब सिस्टम की सबसे बड़ी पोल खोल चुका है।
MNREGA Scam in Saidpur: प्रशासन ने ली खबर
गाजीपुर के सैदपुर खंड विकास अधिकारी धर्मेंद्र यादव को जब इस फर्जीवाड़े की भनक लगी तो उन्होंने बयान दिया – “शिकायतें आई हैं, जांच कराई जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
वाह! जांच और कार्रवाई – वही पुराना राग। जब तक जांच होगी, तब तक नए मस्टर रोल पर नई फर्जी हाजिरी भर दी जाएगी। यही है MNREGA Scamकी असली कहानी।
MNREGA Scam in Saidpur: जनता की मांग
ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को जेल भेजा जाए। लोग कहते हैं – “अगर मजदूरों के नाम पर खाया गया यह पैसा वापस नहीं मिला तो गांव भूख से कराह उठेंगे।”
सवाल यही है कि क्या इस घोटाले का सच बाहर आएगा या फिर “जांच जारी है” का झुनझुना थमा दिया जाएगा?
MNREGA Scam  कोई मामूली भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि गरीब मजदूरों की भूख और हक की सीधी लूट है। कागज पर रोजगार का झंडा गाड़कर असलियत में गरीबी को और गहरा करना, यही इस घोटाले का निचोड़ है।
सरकारी योजनाएं गरीबों के लिए होती हैं, लेकिन नेताओं-अफसरों की जेब में जाती हैं। और यही वजह है कि मनरेगा अब “मनीरेगा” बन चुका है।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता:प्रदीप दुबे
📍 लोकेशन: गाजीपुर, यूपी

 
         
         
         
        