 
                  बांदा की सियासी गलियारों में इन दिनों भ्रष्टाचार का ‘भूत’ नाच रहा है, और इस भूतनाथ की सैर जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल और सदर MLA Prakash Dwivedi के बीच की जंग में साफ दिख रही है। सुनील पटेल ने प्रेस वार्ता बुलाकर विधायक प्रकाश द्विवेदी पर 120 करोड़ रुपये के घोटाले का ऐसा बम फोड़ा कि पूरा जिला गूंज उठा।
MLA Prakash Dwivedi: दस्तखत बना धनकुबेर!
बांदा की District Panchayat में MLA Prakash Dwivedi का कलम ऐसा चलता है कि बिन आए दस्तखत भी बोल उठते हैं — ‘‘हम भी विधायक जी के हैं!’’
Sunil Patel कह रहे हैं — ‘‘भइया, दस्तखत MLA साहब के, फाइल MLA साहब की, पैसा MLA साहब का! जनता तो बस नोट गिनती रह गई, पर उसके हिस्से में आए गढ्ढे, टूटी सड़क और नेताजी के पोस्टर!’’
Sunil Patel बोले — ‘CM साहब सुन लो! MLA Prakash Dwivedi के दस्तखत पर सरकार चल रही है!’
Sunil Patel ने प्रेस वार्ता में कलेजा निकाल के रख दिया — बोले, ‘‘मुख्यमंत्री जी! MLA Prakash Dwivedi की बीवी District Panchayat में बैठीं, MLA साहब फाइलों पर उंगलियां फिरा गए, और अधिकारियों ने ऐसे आंख मूंदी जैसे सांप सपेरा देख ले!’’
अब Banda में चर्चा है — ‘‘भाई! MLA Prakash Dwivedi के दस्तखत का स्टांप पेपर छपता कहां है? जनता भी चाहे तो घर बैठे छपवा ले!’’
Forged Signature Scam: Banda की जनता बोले — ‘कागज हमारे, खर्चा MLA Prakash Dwivedi का!’
District Panchayat के कोने-कोने में अब एक ही गूंज — Forged Signature Scam!
कागज पर MLA Prakash Dwivedi के दस्तखत ऐसे लहराए कि 120 करोड़ नाच-नाच के निकल गए! जनता बस देखती रह गई कि सड़क किधर है? नाली किधर है?
Sunil Patel का कहना है — ‘‘MLA Prakash Dwivedi तो Board मीटिंग में ऐसे बैठते थे जैसे खुद ही सरकार हों!’’
अब Banda वाले कह रहे — ‘‘इतना टैलेंट तो MLA Prakash Dwivedi के दस्तखत में है कि अकेले ही खजाना खाली कर दें!’’
MLA Prakash Dwivedi Scam: अब बंद होगा या ‘मुकदमा ठंडे बस्ते में’ जाएगा?
Sunil Patel ने कोतवाली में तहरीर दे डाली — MLA Prakash Dwivedi के दस्तखत को Forged बताकर घोटाले का डंका बजा दिया!
लेकिन Banda वालों को पता है — ये तहरीर भी फाइलों में दबी रहेगी और MLA Prakash Dwivedi के दस्तखत फिर किसी नई फाइल पर हंसते हुए मिल जाएंगे।
जरा सोचिए — BJP बोलेगी, पिछड़े वर्ग को न्याय दिलाएंगे! लेकिन यहां District Panchayat में Sunil Patel की सुनवाई कौन करेगा?
जनता बोल रही — ‘‘दस्तखत वाले विधायक जी! जनता अब नोट गिनने को नहीं, वोट गिनने को बैठी है!’’
सस्पेंस बरकरार, जनता त्रस्त
बांदा में भ्रष्टाचार का यह ‘भूत’ अब जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। सुनील पटेल और विधायक प्रकाश द्विवेदी की इस जंग में सच क्या है, यह तो जांच ही बताएगी। लेकिन इस सियासी ड्रामे में जनता के हितों का नुकसान और विकास की रफ्तार का ठप होना सबसे बड़ा सवाल है। क्या बीजेपी अपने पिछड़े नेता सुनील पटेल का साथ देगी, या विधायक प्रकाश द्विवेदी का रसूख भारी पड़ेगा? यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई, सस्पेंस बाकी है!

 
         
         
         
        