Mirzapur Flood Tragedy
Mirzapur Flood Tragedy: गंगा में समा गया रक्षाबंधन का सफर
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर ज़िले के मिर्जापुर (जलालाबाद-ढाईघाट) हाईवे पर रविवार का दिन एक परिवार के लिए क़यामत बनकर आया। रक्षाबंधन का त्यौहार मनाकर लौट रहा कासगंज ज़िले का परिवार अचानक गंगा के तेज बहाव में समा गया। Mirzapur Flood Tragedy की इस दर्दनाक घटना में 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि उसकी चार वर्षीय मासूम बेटी अब तक लापता है।
Mirzapur Flood Tragedy: सेकंडों में बह गया पूरा परिवार
थाना पटियाली, कासगंज के ग्राम चौकी निवासी पाल सिंह अपनी पत्नी रोली, पांच वर्षीय बेटी संगीता और चार वर्षीय काजू के साथ बाइक से ससुराल (ग्राम पहाड़पुर नगला, मिर्ज़ापुर) आया था। रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के बाद रविवार दोपहर वह परिवार समेत घर लौट रहा था। लेकिन इस हादसे ने उनकी खुशियां मातम में बदल दीं।

ग्राम धीयरपुरा के पास स्टेट हाइवे पर डिप पर गंगा की बाढ़ का पानी तेज रफ्तार से बह रहा था। बाइक जैसे ही पानी में उतरी, पलभर में बहाव ने परिवार को गहरे पानी में खींच लिया।
Mother Daughter Death in Mirzapur: एक बची, एक गई और एक अब तक लापता
पास के लोगों ने शोर सुनते ही दौड़कर पाल सिंह और बड़ी बेटी संगीता को बचा लिया। लेकिन रोली और छोटी बेटी काजू तेज धार में बह गईं। गोताखोरों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद रोली का शव निकाला, लेकिन तब तक वह जिंदगी की जंग हार चुकी थीं। इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है।
Mirzapur Flood Tragedy: मासूम काजू की तलाश जारी
गोताखोर अब भी छोटी काजू की तलाश में जुटे हैं। बाढ़ के पानी में दृश्यता बेहद कम होने के कारण रेस्क्यू टीम को कठिनाई हो रही है। खबरों के मुताबिक, घटना के समय बाइक भी पानी में डूब गई थी, जिसे बाद में गोताखोरों ने बाहर निकाला।
Mirzapur Flood Accident: घर में मातम, पुलिस भी मौके पर
पाल सिंह ने बताया कि उनके चार बच्चे हैं, जिनमें से 12 वर्षीय अंकित और नौ वर्षीय नन्हूं घर पर ही रह गए थे। घटना की सूचना पर थानाध्यक्ष सोनी शुक्ला और सीओ अजय राय मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पुलिस ने रोली के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि काजू की तलाश जारी है।
गंगा की लहरों में टूटा रक्षाबंधन का सपना
गांव धीयरपुरा का यह हादसा सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे इलाके का कलेजा चीर देने वाला बन गया। रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर जहां बहनें भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं इस घर में मातम का साया छा गया। गंगा की लहरें इस परिवार की खुशियां निगल गईं और पीछे छोड़ गईं सिर्फ आंसुओं का सैलाब। काजू की तलाश जारी है और हर गुजरते मिनट के साथ उम्मीदें कम होती जा रही हैं। गांव के लोग, पुलिस और गोताखोर दिन-रात पानी की गहराइयों में उस मासूम को ढूंढ रहे हैं, लेकिन अब आसमान भी इस दर्दनाक मंजर पर रो रहा है।
प्रशासन की लापरवाही से बहा परिवार!
इस दर्दनाक हादसे ने जिला प्रशासन की पोल खोल दी है। जलालाबाद-ढाईघाट हाइवे पर जहां गंगा का तेज बहाव सड़क को लील रहा था, वहां न तो बैरिकेडिंग की गई थी, न ही खतरे का कोई बोर्ड लगाया गया। राहगीर और यात्री अपनी जान हथेली पर रखकर इस डिप से गुजर रहे थे, मानो मौत से रेस लगा रहे हों। प्रशासन का जिम्मा जनता की सुरक्षा है, लेकिन यहां उनकी लापरवाही ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। हादसे के बाद अब अधिकारी घटनास्थल पर सक्रियता दिखा रहे हैं, जबकि यह सक्रियता पहले दिखाई जाती तो शायद आज यह मातम न होता।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: आर्येन्द्र कुमार
📍 लोकेशन: शाहजहांपुर, यूपी
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