 
                  बलूच नेता की Trump को दो टूक-‘मुनीर ने आपको गुमराह किया…’ऑयल रिजर्व बलूचिस्तान के हैं, PAK के नहीं’
Trump & Trade Deal Row
बलूच नेता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को आगाह करते हुए पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व और उसकी खुफिया एजेंसी ISI पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के विशाल तेल और खनिज भंडार पाकिस्तान के नहीं, बल्कि ‘रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ के हैं. मीर यार ने ट्रंप के हालिया दावों को ‘बड़ी गलतफहमी’ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और उनकी कूटनीतिक मशीनरी ने उन्हें गुमराह किया है.
‘बलूचिस्तान की संपदा पर पाकिस्तान का दावा गलत’
मीर यार बलूच ने गुरुवार को एक्स पर अपने बयान में स्पष्ट किया कि तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे संसाधन पंजाब में नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में हैं. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने 1948 में बलूचिस्तान पर अवैध कब्जा किया था. ये संसाधन बलूच जनता के हैं, न कि पाकिस्तान के.” उन्होंने ट्रंप के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ तेल भंडारों के विकास की बात कही थी.

Trump की घोषणा और बलूच नेता की चेतावनी
ट्रंप ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर दावा किया था कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान में ‘विशाल तेल भंडारों’ का विकास करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे. हालांकि, मीर यार बलूच ने इसे रणनीतिक भूल बताते हुए चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेना और ISI इन संसाधनों का दुरुपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करेंगे. उन्होंने ISI को ‘आतंकी संगठनों का संरक्षक’ बताते हुए कहा कि इससे वैश्विक सुरक्षा को खतरा हो सकता है, जिसमें 9/11 जैसे हमलों की पुनरावृत्ति की आशंका शामिल है.

“बलूचिस्तान की संपदा का दुरुपयोग होगा”
मीर यार ने कहा, “पाकिस्तानी सेना और ISI को बलूचिस्तान के ट्रिलियन डॉलर की संपदा तक पहुंच देना खतरनाक होगा. ये ISI की वित्तीय और ऑपरेशनल ताकत को बढ़ाएगा, जिससे वह भारत, इजराइल और अन्य देशों के खिलाफ जिहादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है.” उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संसाधनों से बलूच जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि ये दक्षिण एशिया और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बनेगा.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
बलूच नेता ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका, से बलूच जनता की स्वतंत्रता और उनके संसाधनों पर अधिकार की मांग का समर्थन करने की अपील की. उन्होंने कहा, “हम दुनिया से अनुरोध करते हैं कि बलूचिस्तान की सच्चाई को समझें और हमारी आजादी की लड़ाई में साथ दें.”

 
         
         
        