Maulana Mahmood Madani: पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत मुसलमानों के ईमान की बुनियाद है
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उत्तर प्रदेश में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर और नारे लगाने को लेकर हुई पुलिस कार्रवाई पर देशभर में बहस छिड़ गई है। इसी क्रम में, मुस्लिम धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) ने इस कार्रवाई को नाइंसाफी बताते हुए कड़ी निंदा की है।
पैगंबर मोहम्मद की मोहब्बत है मुसलमानों के ईमान की जान
मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि पैगंबर मोहम्मद से प्रेम हर मुसलमान के ईमान का अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में अल्लाह की रज़ा केवल मोहम्मद साहब की मोहब्बत और उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हासिल की जा सकती है। यही वजह है कि मुसलमान मोहम्मद पैगंबर के नाम और सम्मान के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं। ऐसे में ‘आई लव मोहम्मद’ जैसे नारे या पोस्टर पर पुलिस की सख्ती न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि ये संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाती है।

Mahmood Madani की पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया
मौलाना मदनी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने धर्मगुरु से प्रेम का इज़हार करता है, तो उसे अपराध की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ये नारा कोई उकसावा नहीं, बल्कि मोहब्बत का इज़हार है। इसे जबरन कानून व्यवस्था से जोड़ना गलत है।”

पैगंबर की सीरत है रहमत और इंसानियत का पैग़ाम
मदनी ने ये भी कहा कि पैगंबर मोहम्मद की ज़िंदगी पूरी मानवता के लिए रहमत और मार्गदर्शन है। मुसलमानों के लिए उनका सम्मान सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पैगंबर की मोहब्बत को विवाद नहीं, सामाजिक सौहार्द का ज़रिया बनाना चाहिए।
सरकार और मुस्लिम युवाओं से संयम की अपील
जमीयत प्रमुख ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की कि वो जनता की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करे और ऐसे मामलों में अनावश्यक गिरफ्तारी या दमनात्मक कार्रवाई से परहेज़ करे।
वहीं, उन्होंने मुस्लिम युवाओं से भी धैर्य और समझदारी से काम लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके ही सबसे असरदार होते हैं। भावनाओं को भड़काने वालों से सतर्क रहना जरूरी है।”
बरेली हिंसा में अब तक 81 गिरफ्तार
बरेली में हाल में हुई हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई तेज है। अब तक इस मामले में 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मौलाना तौकीर रजा खान के करीबी डॉ. नफीस भी शामिल हैं।
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