
मुख़्तार अंसारी का बेटा Abbas Ansari दोषी करार
Abbas Ansari News:
मुख़्तार अंसारी के बेटे से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आई है, मुख़्तार अंसारी के बेटे Abbas Ansari को मऊ की MP-MLA कोर्ट ने दोषी ठहरा दिया है. मऊ कोर्ट की ओर से सजा का ऐलान होते ही अब्बास अंसारी की विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है. और इस बात की प्रबल संभावना है कि अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द हो जाएगी. अब अब्बास अंसारी मऊ कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
2022 के चुनाव प्रचार से जुड़ा मामला
मुख़्तार अंसारी के बेटे को जिस मामले में दोषी ठहराया गया है, वो साल 2022 से जुड़ा हुआ हेट स्पीच का मामला है. मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के साथ ही मुख़्तार के चचेरे भाई मंसूर अंसारी को भी कोर्ट ने हेट स्पीच के इसी मामले में दोषी पाया है. अब्बास अंसारी को कोर्ट ने 2 साल की सुनाई है और अब्बास अंसारी पर 3 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इसी मामले में मंसूर अंसारी को 6 महीने की सजा सुनाई गई है, मंसूर अंसारी पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
‘सरकार बनने के बाद अफसरों को देख लेंगे’
हेट स्पीच के जिस केस में मुख़्तार अंसारी का बेटा दोषी पाया गया है, ये पूरा मामला 3 मार्च 2022 का है. 3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया था. इस जनसभा में अब्बास अंसारी ने अपने संबोधन में खुलकर अधिकारियों को धमकी दी थी. अब्बास अंसारी ने कहा था कि सरकार बनने के बाद अफसरों को देख लेंगे. अब्बास अंसारी के इस भड़काऊ बयान पर विवाद बढ़ गया था, तब उस वक्त मऊ के तत्कालीन एक सब इंस्पेक्टर ने अब्बास अंसारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी थी.
खतरे में अब्बास अंसारी की विधायकी
अब्बास अंसारी साल 2022 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मतलब सुभासपा की टिकट पर मऊ से विधायक का चुनाव जीते थे. अब जब मऊ कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा के साथ उन पर 3000 रुपए का जुर्माना लगाया है तो अब्बास अंसारी की विधायकी खतरे में पड़ गई है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार अगर किसी जनप्रतिनिधि मतलब सांसद/ विधायक को किसी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो उस सांसद/ विधायक की संसद/विधानसभा की सदस्यता रद्द हो जाएगी. ऐसे में इस मामले में अब्बास अंसारी की विधायकी जाने की संभावना है. अब्बास अंसारी की विधायकी, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी नोटिफिकेशन के आधार पर आधिकारिक तौर पर रद्द हो सकती है.