Illegal Liquor Mau Crime
मऊ में Illegal Liquor पर पुलिस का ‘हाई स्पीड रेड’, बोतलें देखकर अफसरों को भी चढ़ गई चढ़ी!
Mau Illegal Liquor Update
मऊ पुलिस की रेड इतनी जबरदस्त थी कि अगर कोई बीयर कंपनी देख लेती तो एडवर्टाइज़मेंट में कहती — “खुशबू वहीं से आती है जहां मऊ पुलिस छापा मारती है।”
मुखबिर बोला और पुलिस ऐसे दौड़ी जैसे “फ्री की पार्टी” में पहला पैग कौन डाले — और जब ट्रक खोला, तो आलू-प्याज की जगह शराब की बड़ी-बड़ी ब्रांड और ठर्रे का पूरा जनरल स्टोर निकला।
शराबबंदी की चटनी में UP का ठर्रा, बिहार में ‘स्वादिष्ट परोसन’> Mau Illegal Liquor
जो काम ब्रांड मैनेजर नहीं कर पाते, वो काम हमारे शराब तस्करों ने कर दिखाया — बिहार में ‘शराबबंदी’ को ‘बिक्रीबंदी’ में बदला और ठर्रे को डिजिटल इंडिया की तरह फैलाया! नंबर प्लेट बदली, बोतलें लादी, ट्रक में सजावट की — और चल पड़े मऊ से बिहार।
ये कोई तस्करी नहीं थी गुरु, ये तो “सरकारी शराब नीति” का ज़मीन पर उतरा विरोध था।
ट्रक में कुल:
8 पेटी Royal Stag (72 लीटर)
9 पेटी 8PM (77 लीटर)
24 पेटी Officer’s Choice (207 लीटर)
135 पेटी Kingfisher (1620 लीटर)
33 पेटी Hiword बीयर (396 लीटर)
कुल कीमत — 8.5 लाख रुपये का ‘नशा’
ये माफिया नहीं, ‘देशी शराब के ब्रांड एम्बेसडर’ हैं! Mau Illegal Liquor
गिरफ्तार तस्कर बोले — “साहब डर तो लगता है, पर दारू के दाम सुनकर फिर हिम्मत आ जाती है।”
बिहार के तीन चतुर सुजानों ने मिलकर तस्करी का ऐसा मॉडल खड़ा किया है कि MBA वाले भी सोचें, “इतनी स्ट्रैटेजी हम क्यों नहीं सोच पाए!”
रंजन, चंदन और वरुण — नाम तो बॉलीवुड जैसे, लेकिन काम ठर्रेवाले! बोले, “नंबर बदलते हैं, ट्रक सजाते हैं और फिर नशे की गंगा बहाते हैं।”
UP-Bihar बॉर्डर अब इनके लिए Google Maps का शॉर्टकट बन चुका था।
पुलिस ने ट्रक पकड़ा, शराब सीज़ की, अब ‘दरवाज़ा नंबर 207’ पर जेल का स्वागत!
पुलिस ने ट्रक को धारा 207 MV एक्ट के तहत सीज़ कर दिया। मऊ के SSP इलामारन, ASP महेश सिंह अत्रि और CO जितेन्द्र सिंह की टीम ने ऐसा ऑपरेशन चलाया कि शराब माफिया के ठेके पर ताला लग गया।
अब जेल में बैठकर तस्कर सोच रहे होंगे — “शराब तो गई साहब, अब अगली खेप कौन लाएगा?”
और बिहार के ठर्रा प्रेमी… वो भी दुखी होंगे — “हमने शराबबंदी मांगी थी, शराबबंदी आई तो साथ में तस्करी भी चली गई।”
ठर्रे की राजनीति: जहां बंद है वहां बेचो, जहां खुला है वहां लादो! Mau Illegal Liquor
ये कोई छोटी-मोटी तस्करी नहीं थी गुरु — ये था “शराब-सेतु योजना” जहां यूपी से लादो, बिहार में उतारो। शराबबंदी वाले राज्य में शराब पहुँचाना, आज के दौर में VIP पास के बिना घुसने जैसा है — मगर इन तीनों के पास ठेके की बुद्धि थी।
मऊ की ये कार्रवाई सिर्फ शराब पर नहीं थी — ये थी नशे के नेटवर्क पर एक करारा तमाचा। अब अगली बार जब कोई बोलेगा — “हमने शराबबंदी लागू की है” — तो पीछे से एक तस्कर मुस्कुरा कर बोलेगा, “और हमने रूट बना लिया है।”
