Mau By-Election:शक्ति सिंह का बड़ा बयान
Mau By-Election: जेल के ताले टूटेंगे या मऊ के वोट?
मऊ में सियासत का मौसम गर्म है, वजह वही पुराना — Mau By-Election! फर्क बस इतना है कि इस बार जेल से ताले तोड़ने की नहीं, जनता के दिल तोड़ने की तैयारी है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने खुले मंच से ऐलान कर दिया — अब्बास अंसारी को सजा मिल गई, अब उनकी ‘जेल ब्रांड नेतागिरी’ भी कट गई।
कहने को मऊ ने सालों तक मुख्तार अंसारी को राजा माना, फिर बेटे अब्बास को वोट की गठरी सौंप दी। लेकिन शक्ति सिंह के मुताबिक अब मऊ की जनता ने गुलामी की जंजीरें खोल दी हैं — और खुली हवा में वोट का स्वाद चखने जा रही है।
जेल के सलाखों से ‘लाइव’ नेतागिरी!
शक्ति सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में एक के बाद एक बाण चलाए — बोले, ‘मऊ के लोग नेता चुनते हैं या जेल के बाहर खड़ा पोस्टर? सालों से नेतागिरी जेल से ‘लाइव प्रसारण’ हो रही थी — बाहर जनता भूखी, अंदर साहब राजा। अब ये खेल बंद!’
उनके मुताबिक Mau By-Election जनता की असली परीक्षा है — अब जनता को फैसला करना है कि वह जेल के सींखचों से ऑर्डर लेने वाली भीड़ बनेगी या सड़क पर खड़े होकर वोट की चोट देगी।
Mau By-Election: बदलाव होगा या पुराना पिंजरा?
शक्ति सिंह ने कहा — ‘अरे भाई, जनता को जेल वाला नेता चाहिए या मोहल्ले का ऐसा MLA जो सुबह चाय की दुकान पर खड़ा मिले? मऊ की गलियों में अब डॉन वाली हवा नहीं, विकास की हवा बहेगी।’
उन्होंने Mau By-Election को जनता की नई आजादी बताया — बोले, ‘डबल इंजन की सरकार का फायदा तभी मिलेगा जब नेता जेल की चारदीवारी में नहीं, वोटरों के दरवाजे पर खड़ा होगा।’
Mau By-Election: डर खत्म, विकास चालू
25 साल से मऊ के लोग डर-डर के वोट डालते थे, अब शक्ति सिंह दावा कर रहे हैं — ‘डर की दुकान बंद! जनता विकास के मेन्यू कार्ड पर टिक लगा चुकी है।’ Mau By-Election अब सिर्फ सीट नहीं, पूरा संदेश है कि मऊ अब ‘जेल ब्रांड नेता’ से बड़ा है।
Mau By-Election: कौन बनेगा नया ‘मऊ का मालिक’?
सवाल बड़ा है — मऊ उपचुनाव में कौन जीतेगा? जेल के ताले या जनता की चाल? शक्ति सिंह ने जो आग लगाई है, वो कम से कम पुराने नेटवर्क के पेट में जरूर जलन करेगी। उन्होंने साफ कहा — ‘अब मऊ में वो दिन चले गए जब नेता जेल से मोबाइल चलाता था और बाहर जनता तालियां बजाती थी।’
Mau By-Election: जनता बोलेगी — अब बस!
अब्बास अंसारी की सजा के बाद मऊ के वोटर की आंखें खुल गई हैं। शक्ति सिंह के मुताबिक इस बार जनता जेल की चाभी नहीं, बदलाव की चाभी घुमाएगी। जेल से फरमान नहीं, मोहल्ले से हुकुम चलेगा। Mau By-Election मऊ के वोटर के लिए सियासी कुरुक्षेत्र है — और ये कुरुक्षेत्र तय करेगा कि असली राजा जेल में रहेगा या जनता के दिल में।
आख़िर में जनता की अदालत!
तो भाई मऊ वालों! ताले किसके खुलेंगे — जेल के या वोट के? फैसला आपके हाथ में है। शक्ति सिंह ने तो तीर चला दिया, अब बारी आपकी है। Mau By-Election में होगा खेल — या तो फिर वही जेल, या नई सुबह का मेल।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: प्रदीप दुबे
📍 लोकेशन: मऊ, यूपी
🗓️ तारीख: 12 जुलाई 2025
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